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वर्ष 2017 में बस्तर में हुयीं 186 मुठभेड़, 68 नक्सली ढेर, 1010 गिरफ्तार, 368 लौटे मुख्यधारा में

जगदलपुर 12 जनवरी 2018 (जावेद अख्तर). पुलिस के आला अधिकारियों ने स्थनीय होम गार्ड कैम्प में प्रेसवार्ता आयोजित की जहां संभाग में पिछले साल में बस्तर पुलिस द्वारा किये गए कार्यवाहियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि नक्सल उन्मूलन हेतु साल 2017 में कुल 1235 अभियान संचालित किए गए जिसमें 186 मुठभेड़ हुए।



आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि इन मुठभेड़ों में 68 माओवादियों के शव बरामद किए गए वहीं 1010 माओवादी गिरफ्तार किए गए। नक्सली अभियानों में 368 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, साथ ही 205 हथियार बरामद किए गए जिसमें 463 आईईडी, 2391 डेटोनेटर शामिल हैं।

मृत व आत्मसमर्पित नक्सलियों समेत जब्ती हथियारों की जानकारी - 
उल्लेखनीय है की नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए 68 माओवादियों में से 01 डीव्हीसी सदस्य, 01 एरिया कमेटी सचिव, 01 मिलिट्री कंपनी डिप्टी कमांडर, 01 प्लाटून डिप्टी कमांडर, 01 सेक्शन कमांडर, 01 एलओएस कमांडर, 01 डिप्टी कमांडर, 01 स्माल एक्शन टीम डिप्टी कमांडर, 04 जनमिलिशिया कमांडर, 01 डिप्टी कमांडर एवं माओवादियों के अन्य संगठनों के 03 अध्यक्ष सहित 15 सदस्य शामिल हैं।
इसी क्रम में आत्मसमर्पित 368 माओवादियों में 01 डीव्हीसी सदस्य, 01 एरिया कमेटी कमांडर, 02 मिलिट्री बटालियन सदस्य, 01 कंपनी सदस्य, 02 प्लाटून सदस्य, 04 सेक्शन कमांडर, 03 एलओएस कमांडर, 03 डिप्टी कमांडर, 01 एलजीएस डिप्टी कमांडर, 08 जनमिलिशिया कमांडर, 01 डिप्टी कमांडर व 12 अन्य माओवादी संगठनों के अध्यक्ष सहित 17 सदस्य शामिल हैं।
जब्त किये गए हथियारों के विषय में जानकारी देते हुए श्री सिन्हा ने बताया कि साल 2017 में कुल 205 नक्सली हथियारों को जब्त किया गया था, जिसमें 01 इंसास एलएमजी, 04 एके-47 राइफल, 03 एसएलआर, 04 इंसास राइफल, 51 मोर्टार, 06 पिस्टल सहित 8 नग 303 बोर राइफल शामिल हैं। इसी क्रम में सुरक्षा बलों को विभिन्न मुठभेड़ों में वरिष्ठ कैडर के माओवादियों के शवों के साथ 27 विभिन्न प्रकार के स्वचालित हथियार व 303 बोर राइफल को जब्त करने में सफलता मिली थी। साथ ही साथ 463 आईईडी व 2391 डेटोनेटर भी जब्त किये गए थे।

इस वर्ष के आंकड़े काफी अधिक - 
विदित हो की उक्त आंकड़ा साल 2015 व 2016 की तुलना में काफी अधिक है। बस्तर पुलिस द्वारा संभाग के अंदरूनी नक्सली प्रभावित ग्रामीण इलाकों में एलडब्लूई योजना के तहत स्वीकृत आरआरपी सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था मुहैय्या करवाई गयी थी, जिसके फलस्वरूप उक्त निर्माण कार्यों में तीव्रता आई। आईजी ने बताया कि इस दौरान नक्सलियों से गांव को मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से कुछ क्षेत्रों को चिन्हांकित करते हुए बेस कैंप स्थापित किये गए हैं और कुछ नए बनने वाले हैं। ऑपरेशन प्रहार व प्रहार-दो के संचालन से नक्सलियों को काफी क्षति पहुंची है और उनका मनोबल भी गिरा है।

ये थे उपस्थित - 
उक्त प्रेसवार्ता के दौरान आईजी विवेकानंद सिन्हा सहित डीआईजी पी.सुन्दरराज, डीआईजी रतनलाल डांगी, बस्तर एसपी आरिफ एच. शेख व नगर सेना के मांडेंट मौजूद रहे।