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छत्तीसगढ़ अगस्ता घोटाला - सुप्रीमकोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहे हैं अमित जोगी

छत्तीसगढ़ 26 अगस्त 2016 (जावेद अख्तर). काफी समय से ठंडे बस्ते में पड़ा रहे छत्तीसगढ़ के अगस्ता घोटाले में नया शिगूफा छोडकर अमित जोगी ने मरणासन्न मामले में फिर से जान फूंक दी है। अमित ने कहा है कि वो इस मामले को लेकर माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे। अजीत जोगी के नये शिगूफे के बाद से एक बार फिर से अगस्ता मामले में हलचल शुरू हो गई है और समस्त राजनीतिज्ञों, मंत्री व नेताओं की निगाहें अब अमित पर अटक गई हैं।


जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो और पूर्व सीएम अजीत जोगी के विधायक बेटे अमित जोगी अगस्ता मामले में जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगा सकते हैं। अमित जोगी ने आज कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद अगस्ता मामले पर हम निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। अगस्ता मामले में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, उनके सांसद पुत्र अभिषेक सिंह के खिलाफ मैंने तीन बड़े खुलासे किए थे। अमित जोगी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष के बीच हुई सौदेबाजी का पर्दाफाश किया। केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार होने के कारण मुख्यमंत्री और उनका परिवार जांच एजेंसियों की गिरफ्त से बाहर है। देशभक्ति और ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाली केंद्रीय भाजपा सरकार का असली चेहरा सबके सामने आतें रहा है। वैसे भी केंद्र सरकार के ढाई साल और चले अढ़ाई कोस को वास्तविक रूप में प्रमाणित भी कर दिया है। आगे अमित ने कहा कि हम इस मामले को लेकर माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार के साथ हुई अगस्ता डील में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जब तक दोषियों को सजा नहीं होती हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। इसीलिए कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए मैंने नियमानुसार जांच एजेंसियों से शिकायत की व प्रमाण भी दिया है ताकि कोर्ट इस बात का संज्ञान ले सके कि जांच एजेंसियों ने किसके प्रभाव की वजह से शिकायत होने पर भी उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों को जांच के दायरे में नहीं लिया। जांच एजेंसियों को तैयारी कर लेनी चाहिए माननीय न्यायालय में तथ्य व प्रमाणों के साथ उत्तर देने के लिए। प्रदेश में राज्य सरकार ने अपना व मंत्रियों का जितना विकास कर लिया है अगर उसका पच्चीस फीसदी भी वास्तविक रूप से जमीनी स्तर पर कार्य किया गया होता तो आज प्रदेश की तस्वीर काफी बेहतर होती। मगर राज्य सरकार को भ्रष्टाचार व गबन घोटालों से फुर्सत मिले तब तो वह कुछ कार्य करने का सोचे।
 
छत्तीसगढ़ अगस्ता मामला -
- साल 2007 में अगस्ता ए-109 हेलीकॉप्टर की खरीद हुई।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर के लिए 65.7 लाख डॉलर का भुगतान किया।
- उसमें से 15.7 लाख डॉलर कमीशन के तौर पर देने का आरोप है। जबकि, 13 से 26 लाख डॉलर में वैसा हेलीकॉप्टर आसानी से मिल सकता था।
- जोगी ने पनामा पेपर्स में मुख्यमंत्री के बेटे सांसद अभिषेक सिंह के नाम ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में बैंक खाता होने का आरोप लगाया था।
- छत्तीसगढ़ में विपक्ष ने कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने अगस्ता ए-109 पॉवर हेलिकॉप्टर खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया है।
- कैग की रिपोर्ट के हवाले से रमन सरकार पर आरोप लगे कि बीजेपी सरकार में शामिल लोगों ने दलाली खाने के मकसद से ज्यादा कीमत देकर अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदे।
- कैग ने रिपोर्ट में लिखा है कि "अगस्ता कंपनी का ही हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए एक खास ब्रांड और विशिष्ट मॉडल का टेंडर मंगवाकर अधिक कीमत में खरीदना न तो किसी भी प्रकार से सहभागिता को बढ़ाता है और न यह न्यायोचित है।'

पुष्टि का कारण -
पनामा पेपर्स व छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ने भी इन बातों को सही बताते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिस पर सवाल जवाब भी किया गया मगर पार्टी के किसी भी नेता व मंत्री ने ज़ुबान नहीं खोली थी। यहीं तक कि स्वंय मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह और सांसद पुत्र अभिषेक सिंह ने भी इस पर खामोशी अख्तियार रखी। अगर प्रकाशित समाचारों में सत्य नहीं होता तो निश्चित रूप से छग मुख्यमंत्री व सांसद पुत्र ने दोनों पर मानहानि का दावा शत प्रतिशत ठोका होता। मगर सभी बडे नेता इस मामले पर फेविकोल खाकर बैठे रहे। नारे देने वाले तो अचानक ही लापता हो गए या विलुप्त हो गए। घोटाले का यह जिन्‍न इस बार कितनों के दिमाग को सुन्न करेगा फिलहाल इस पर पर्दा पड़ा हुआ है।