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नवरात्र विशेष - कलयुग में मां की उपासना ही अति उत्तम तथा लाभप्रद है

जालौन 15 अप्रैल 2016 (महेश चन्द्र दीक्षित). रामनवमी के अवसर पर आज भारी मात्रा में लोगों ने जालौन देवी मां के दर्शन किये। इस वर्ष इटावा तथा कन्नौज से आने वालों के लिये शासन द्वारा यमुना नदी के विजलपुर घाट पर पीपों का पुल पर बना दिये जाने से आवागमन में सुविधा रही। यहां पर मघ्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों से भारी संख्या में लोग मनौती मांगने आते हैं एवं पूर्ण होने पर जवारा, सांग एवं ढोल नगाडे के साथ झण्डे चढाते हैं।
कहते हैं जब महाभारत समाप्त हो गया था एवं पाण्डव लोग हिमालय पर जा रहे थे तो कालिन्द्री के निकट जो संतों की भूमि है, यहां से पचनदा मात्र 05 कि0मी0 दूर है तथा ज्वाला देवी एवं करन देवी भी निकट है। (तत सर्वम रक्षय में देवी जयन्ती पाप नासनी) अर्थात देवी पापों को नाश करने वाली हैं। पाण्डवों ने व्यास जी को बुलाया तथा मां जयन्ती यहां पाताल से प्रकट हुयीं, व्यास जी ने उनकी स्थापना करवायी और जालौन वाली देवी के नाम से प्रसिद्ध हुयी यहां पर मघ्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों से भारी संख्या में लोग मनौती मांगने आते हैं एवं पूर्ण होने पर जवारा, सांग एवं ढोल नगाडे के साथ झण्डे चढाते हैं। मां निःसन्तान लोगों को सन्तान प्रदान करती हैं। प्रति दिन कढी चावल, रोटी के भण्डारे चलते हैं जो भक्त मनोकामना पूर्ण होने पर कराते हैं । चैत्र एवं क्‍वांर की नवरात्रि में भारी मेला लगता है जिसमें सरकार द्वारा पी0ए0सी0 बल तथा थाना कुठौन्द जालौन की पुलिस सुरक्षा व्यवस्था करती है।

ग्राम सभा सिलउवा जागीर, विकास खण्ड कुठौन्द, तहसील माधौगढ कमेटी गठित करके वाहन सुरक्षा तथा सभी तरह की व्यवस्था कराती है। जो लोग दान देते है कमेटी द्वारा रजिस्टर में अंकित किया जाता है । दान दाता के नाम की तुरन्त घोषणा होती है। दुर्गा अष्टमी एवं रामनवमी के अवसर पर भारी मात्रा में लोगों ने मां के दर्शन किये। इस वर्ष इटावा तथा कन्नौज से आने वालों के लिये शासन द्वारा विजल पुर घाट पर पीपों का पुल यमुना नदी पर बना दिये जाने से आवागमन में सुविधा रही। लगभग पांच वर्ष पूर्व 30-40 व्यक्ति नाव से डूब कर मर गये थे इसलिये अब ये घाट बन्द रहता है।