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छत्तीसगढ़ - दलपत सागर की हालत हुयी खराब, न्यायालय के आदेश पर बच पाया ऐतिहासिक तालाब

छत्तीसगढ़ 06 फरवरी 2016 (ब्यूरो छग). जगदलपुर बस्तर संभाग मुख्यालय में राजशाही काल में बने दलपत सागर में पिछले कुछ वर्षों से लगातार हो रहे अतिक्रमण एवं बहुमंजिला इमारतों के निर्माण से यह ऐतिहासिक विरासत समाप्ति की ओर लगातार अग्रसर हो रही है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा कालोनाईजर एवं निगम आयुक्त, कार्यपालन यंत्री एवं सहायक संचालक नगर निवेश के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर अन्वेषण के आदेश सिटी कोतवाली जगदलपुर को दिए गये हैं।
प्राप्‍त जानकारी के अनुसार दलपत सागर से लगी भूमि पर आठ मंजिला भवन निर्माण की कालोनी बनाने के नगर निगम एवं नगर निवेश विभाग द्वारा स्वीकृति देने के बाद कई तरह की आपत्ति लगाई गई थीं, लेकिन जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर मदन दुबे द्वारा न्यायालय की शरण ली गई, जहां पक्षकार के आवेदन पर विचार के उपरांत न्यायालय द्वारा कालोनाईजर एवं निगम आयुक्त, कार्यपालन यंत्री एवं सहायक संचालक नगर निवेश के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर अन्वेषण के आदेश सिटी कोतवाली जगदलपुर को दिए गये हैं। उल्लेखनीय है कि मामले को दबाने के लिए कुछ रसूखदार लोगों ने सीएम तक एप्रोच लगाई थी जिसमें एक कद्दावर नेता भी शामिल थे पर मामला उलझा होने के कारण सीएम हाउस से लोग खाली हाथ लौट गए थे। अदालत के आदेश के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि किसी तरह के दांवपेंच काम नहीं आएंगे। छत्तीसगढ़ नई दुनिया के ब्यूरो प्रमुख भंवर बोथरा के खिलाफ जगदलपुर के सिटी कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला आखिरकार दर्ज किया गया और इस मामले में इनके परिवार की चार महिलाओं और चार पुरुषों को आरोपी बनाया गया है।

थाना प्रभारी बी.एस. खूंटिया ने बताया कि इस मामले में बलदेव बोथरा बिल्डर्स के मुख्य कर्ताधर्ता भंवर बोथरा समेत कुल पंद्रह लोगों को आरोपी बनाया गया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने बहुचर्चित दलपत सागर मामले में दायर याचिका स्वीकार करते हुए बलदेव बोथरा डेवलपर्स के 11 पार्टनरों -

1. संजीव कपूर पिता स्व. बी.आर. कपूर
2. राजकुमार बोथरा पिता दीपचंद बोथरा
3 श्रीमती उमा जैन पति भंवरलाल बोथरा
4. पंकज बोथरा पिता दीपचंद बोथरा
5. श्रीमती नीलू बोथरा पति पुखराज बोथरा
6 श्रीमती निशा बोथरा पति पंकज बोथरा
7. विमल बोथरा पिता दीपचंद बोथरा
8. श्रीमती संगीता बोथरा पिता विमल बोथरा
9. पुखराज बोथरा पिता स्व. मांगीलाल बोथरा
10. भंवर बोथरा पिता स्व. मांगीलाल बोथरा 
11. एस.बी.शर्मा, कार्यपालन अभियंता नगर पालिका निगम जगदलपुर
12. रमेश जायसवाल, आयुक्त नगर पालिका निगम जगदलपुर,
13. एस.आर. अजगरा, सहायक संचालक, शहर एवं ग्राम निवेश जगदलपुर
14. एस.एन. सेठिया पटवारी, प.ह.नं. 5 जगदलपुर 

के विरूद्ध कोतवाली में जुर्म दर्ज कर विवेचना के बाद रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। काबिलेगौर यह है कि नगर पालिक निगम जगदलपुर के आयुक्त रमेश जायसवाल, कार्यपालन अभियंता एसबी शर्मा, नगर एवं ग्राम निवेश (टाऊन प्लानिंग) के सहायक संचालक एस.आर. असगरा और पटवारी सत्यनारायण सेठिया प्रमुख रूप से इस भूमि फर्जीवाड़े में शामिल रहे। बस्तर महाराजा दलपत देव भंजदेव ने करीब 600 वर्ष पूर्व इस ऐतिहासिक तालाब का निर्माण करवाया था। उस समय इसका रकबा 1000 एकड़ तक खुले मैदान के रूप में फैला हुआ था। परंतु भू माफियाओं की निगाहें करम की बदौलत ही अब यह रकबा सिमट कर महज़ 300 एकड़ तक पहुँच चुका है। 

नईदुनिया के ब्यूरो प्रमुख भंवर बोथरा ने तालाब के कैचमेन्ट एरिया की भूमि को अपनी कंपनी बलदेव बोथरा डेवलपर्स के नाम करवाया। करीब सात एकड़ भूमि पर आठ मंज़िला कॉलोनी बनाने की तैयारी शुरू की गई। शासन के नियमानुसार, आठ मंज़िला कॉलोनी के लिए साठ फीट चौड़ी सड़क का होना अनिवार्य है। इस अनिवार्यता को पूरा करने राजस्व रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ की गई। फ़र्ज़ी तरीके से नक़्शे में कूटरचना कर सड़क प्रदर्शित कर नक्शा स्वीकृत करवाया गया। पटवारी, तहसीलदार व एसडीएम तक ने खुले रूप से इस प्रक्रिया में बोथरा डेवलपर्स को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी दस्तावेजों में भारी हेरफेर की और नियमों के विपरीत जाकर तालाब को पाटने की छूट दे दी गई जिसके पश्चात बोथरा डेवलपर्स ने लगभग 400 एकड़ तालाब के हिस्से को सिर्फ 45 दिन में ही पटवा कर बोथरा डेवलपर्स का बोर्ड तक गाड़ दिया गया। कहानी यहीं समाप्त नहीं होती है बल्कि तालाब को पाटने में नगर निगम ने भी अपनी पूरी भूमिका अदा की और निगम के वाहनों व जेसीबी मशीन तक का उपयोग इस तालाब को पाटने में किया गया। तालाब को पाटने के बाद नगर निगम ने 3 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क का ठेका भी भंवर बोथरा की कंपनी को ही दे दिया, अर्थात सरकारी पैसों से निजी कॉलोनी की सड़क बनने लगी वो भी ऐतिहासिक धरोहर को मिटाते हुए और इसमें भी नगर निगम के कई वाहनों से काम लिया गया, जिस काम को निगम ने अपने दस्तावेज़ों में नगर निगम द्वारा कार्य को किया जाना दर्शाया गया है। कंपनी का काम, वाहन व मशीन निगम के और खर्च नगर निगम पर।

शहर के 75 वर्षीय समाजसेवी श्री मदन जी ने दलपत सागर बचाओ आंदोलन की शुरुवात की। अतिक्रमण के साक्ष्य पुलिस को देकर एफआईआर दर्ज करने का निवेदन किया गया मगर फिर भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, यहां तक की, कि इस शिकायत को संज्ञान तक में नहीं लिया गया। बिल्डर राष्ट्रीय स्तर के दैनिक अखबार की आड़ लेकर तथा राजनीतिज्ञों व अधिकारियों से संबंध की बदौलत लगातार बचता गया। फिर जगदलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश भदौरिया ने मदन जी की ओर से जगदलपुर न्यायलय में परिवाद पेश किया। चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट विजय कुमार साहू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश 30 दिसंबर 2015 को जारी किया। न्यायालय के आदेश के बाद जगदलपुर पुलिस को मजबूरन 3 जनवरी 2016 को मामला कायम करना पड़ गया। भा .द. वि. की धारा 409, 420, 467, 465, 471 और 120 (बी) के तहत सभी के खिलाफ नामजद मामला कायम कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ के कुछेक दैनिक अखबारों ने इस खबर को प्रकाशित किया मगर किसी भी दैनिक बड़े बैनर व राष्ट्रीय स्तर के अखबारों ने यह समाचार प्रकाशित नहीं किया। नई दुनिया अखबार ने शुरू से ही इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की और मामले पर समझौता करने का भी दबाव बनाया गया। इस बड़े भूमि फर्जीवाड़े के मामले में भी ब्यूरो चीफ की खबर को नई दुनिया ने प्रकाशित नहीं किया, समाचार को न छापकर अपनी तथाकथित विश्वसनीयता में थोड़ा और इज़ाफ़ा कर लिया है क्योंकि नई दुनिया वैसे भी विवादित समाचारों व कार्यप्रणाली के लिए प्रसिद्ध रहा है।
As per order of court, in historical Dalpat Sagar case, Chief Judicial Magistrate Vijay Kumar Sahu his order had pointed out that -

The Bastar historical pond Dalpat Sagar catchment area for the last few years had been falling to encroachment for which Dalpat Sagar Bachao Manch members had been lodging complaints with police and revenue department at different levels to stop such illegal acts. But no action was being taken.
police station Kotwali has filed an offence 5/16 under section 409 ( Criminal breach of trust by public servant, or by banker, merchant or agent), 420 (Cheating and dishonestly inducing delivery of property), 467 (Forgery of valuable security, will, etc.), 468 (Forgery for purpose of cheating.), 471 (Using as genuine a forged 1[document or electronic record), 120b (Whoever is a party to a criminal conspiracy to commit an offence punishable with death, (imprisonment for life) or rigorous imprisonment) of IPC against Baldev Bothra Builders 11 members and 4 officials, thus in total 15 have been made accused.