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Kanpur - झोलाछाप डॉक्टरी से गयी दो लोगों की जान

कानपुर 6 सितम्‍बर 2015 (कर्मराज मिश्र). बिधनू क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों के इलाज से दो लोगों की जान चली गयी। मरने वालों में एक मासूम बच्‍चा व एक वृद्ध था। वृद्ध की जान का तो गांव वालों के हस्‍तक्षेप के बाद सौदा हो गया पर मासूम की मौत के बाद सूचना दिये जाने पर भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया |

बिधनू के जामू गॉव निवासी जंगबहादुर (६०) तेज बुखार से पीड़ित थे, बुखार के चलते वो चारपाई से उठ भी नहीं पा रहे थे तभी सीढी स्टेशन के एक झोलाछाप डाक्टर को बुलाया गया। डाक्टर ने उन्हें अपनी क्लिनिक में बुलाया और ग्लूकोस की बोतल लगा दी। साथ ही (हाइड्रोकारटीसोन) जैसे नाजुक हालातों में प्रयोग किये जाने वाला इंजेक्शन दिए| देखते ही देखते जंगबहादुर की हालत बिगड़ती गयी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया लेकिन डाक्टर ने परिजनों से कहा की अभी ये बेहोश हैं इन्हें सरकारी अस्पताल बिधनू लेकर जाओ जब परिजन बिधनू लेकर पहुंचे तो सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने जंगबहादुर को मृत घोषित कर दिया | मृतक जंगबहादुर की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है और घर पर एक शादी योग्य लडकी भी है इन सबको देखते हुए गॉव के कुछ लोगों ने डाक्टर को बुलाकर जंगबहादुर की जान की कीमत लगवा दी और मामला शांत हो गया| 

दूसरी घटना भी जामू गॉव की है जहां पर एक माँ से उसका ४ वर्षीय मासूम एक झोलाछाप डाक्टर की बिना नाम व बिना फार्मूलों वाली पुड़ियाँ में दी गयी दवाइयों की भेंट चढ़ गया | जामू गॉव की लीलावती अपने ४ वर्षीय मासूम जो की तेज बुखार से पीड़ित था लेकर सीढी गॉव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गयी। डाक्टर ने उस मासूम को एक इंजेक्शन दिया और कागज की पुड़िया में लिपटी हुई कुछ दवाइयां भी दी | जिसको लेकर लीलावती अपने घर लौट आयी, घर आकर उसने अपने बेटे को दवा खिलाई थोड़ी देर बाद उसके बेटे का शरीर तो ठंडा हो गया लेकिन आँख न खुली ये देखकर लीलवती ने अपने बेटे को तुरंत ही शहर ले जाकर एक प्राइवेट नर्सिंगहोम में भर्ती करवाया जहां मासूम ने कुछ घंटे के इलाज के बाद दम तोड़ दिया | ये है झोलाछाप डाक्टरों के कारनामे जो गलत इलाज करके लोगों की जान ले रहे है फिर भी प्रशासन गहरी नींद सोया है। स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी भी महज खानापूर्ति होती है इन झोलाछाप डाक्टरों के दवाखाने आपको हर गॉव में मिल जायेंगे |