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राज्य के विकास के लिए मैं मोदी के साथ आई - ममता बनर्जी

कोलकाता 15 मई 2015. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को उन आरोपों को बकवास बताया कि उनकी बीजेपी से करीबी बढ़ रही है। ममता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के साथ आईआईएससीओ प्रोग्राम में राज्य के विकास के लिए मौजूद थीं। ममता ने कहा, 'यदि मैं नहीं जाती तो लोग कहते कि शिष्टाचार का उल्लंघन किया। अब शामिल हुई तो आप कहेंगे कि मैं हिन्दू मुस्लिम राजनीति कर रही हूं।
उन्‍होंने कहा कि किसी चीज और झूठी अफवाह की भी हद होती है। और मैं क्यों नहीं जाऊंगी। हमने आईआईएससीओ प्लांट के लिए जमीन दी है। इससे प्रदेश का विकास जुड़ा है। मैं इस मामले में किसी और को क्रेडिट क्यों लेने दूं?' ममता ने यह बात तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कही। बनर्जी की यह टिप्पणी विपक्षी सीपीएम और कांग्रेस के उन आरोपों के बाद आई है जिनमें दोनों पार्टियों ने टीएमसी के बारे में कहा था कि वह मोदी के करीब आ रही है। सीपीएम और कांग्रेस ने कहा था कि शारदा स्कैम जांच से टीएमसी नेताओं को बचाने के लिए और राज्य सभा में मोदी सरकार के बिलों का समर्थन देने के लिए दोनों पार्टियों में समझौता हुआ है। 10 मई को मोदी और ममता एक साथ कोलकाता में दिखे थे। इस दौरान मोदी ने कहा था कि देश के विकास के लिए राज्य और केंद्र को साथ मिलकर काम करना होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मोदी के साथ वन-टु-वन मीटिंग भी की थी। ममता ने मोदी से कर्ज के भार से दबे पश्चिम बंगाल का लोन माफ करने की भी मांग की। लोकसभा चुनाव के बाद से ममता मोदी की नीतियों को लेकर हमलावर रही हैं। मोदी और ममता के रिश्ते तब और तल्ख हो गए जब पीएम की हर बुलाई मीटिंग से वह खुद को अलग करने लगी थीं। मोदी ने भी लोकसभा चुनाव के दौरान ममता पर शारदा स्कैम को लेकर हमला बोला था।

(IMNB)