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नेपाल - लाशों की बदबू, महामारी के डर से 1 लाख लोगों ने काठमांडू छोड़ा

नई दिल्ली/काठमांडू 29 अप्रैल 2015. नेपाल में भूकंप के झटके का गुरुवार को पांचवां दिन है. भूकंप में मारे गए लोगों का आधिकारिक आंकड़ा 5000 के पार पहुंच गया है. इस बीच मलबे में दबे लाशों की सड़ांध से महामारी का खतरा बढ़ गया है. करीब 1 लाख लोग काठमांडू छोड़ चुके हैं, जबकि यह संख्या 5 लाख तक पहुंचने के आसार हैं. प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने आशंका जताई है कि देश में मरने वालों की संख्या 10 हजार के पार भी जा सकती है. घायलों की तादाद भी 10 हजार पार कर चुकी है.
इस बीच काठमांडू में 84 घंटे बाद एक शख्स को मलबे से जिंदा बाहर निकाल लिया गया. पीड़ित गोंगबू इलाके में सात मंजिला इमारत के मलबे में दबा हुआ था. उसे बचाने के लिए 10 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था. ऋषि खनाल नाम के इस युवक को बचाने के लिए नेपाल के सशस्त्र प्रहरी बल और फ्रेंच रेस्क्यू टीम जी जान से जुटी रही. चार दिनों में काठमांडू और आस-पास ही 4500 के करीब शव मिल चुके हैं. अभी दूरदराज के इलाकों की रिपोर्ट आनी बाकी है. लेकिन दिल दहलाने वाले किस्से तमाम हैं जिन्हें सुनकर कलेजा कांपने लगता है जिन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन में इंडिया आर्मी और एयर फोर्स ने जिंदगी की सौगात दी है. बीते शनिवार को नेपाल में आए भीषण भूकंप में दो भारतीय डॉक्टरों की मौत हो गई है जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गया. काठमांडो स्थित भारतीय उच्चायोग के प्रवक्ता ने बताया, ‘फिलहाल मृतकों के बारे में कोई ब्योरा नहीं है. लेकिन हम कह सकते हैं कि दो मृतक केरल से हैं. एक व्यक्ति घायल भी हुआ है.’ तिरुवनंतपुरम में प्रवासी केरल मामलों के मंत्री के सी जोसेफ ने बताया कि डॉ कन्नूर के दीपक थॉमस और कासरगोड के डॉ ए.एस इरशाद के शवों की पहचान रिश्तेदारों ने की है तथा यथासंभव उनके शव भारत लाने की कोशिश जारी है. हालांकि, समूह में शामिल डॉ अबीन सूरी की जान बच गई पर वह घायल हैं. उन्हें पिछले दो दिनों से डायलिसिस पर रखा गया है. सूरी को आगे के इलाज के लिए यथाशीघ्र दिल्ली ले जाने की संभावना है. सूरी की मां अनिता ने कोझीकोड से बताया कि उनका बेटा होटल की छठी मंजिल पर कमरे में था जबकि दो अन्य लोग कॉरीडोर में थे, तभी भूकंप आया था. मौसम विभाग ने नेपाल में आने वाले 10 दिन तक बारिश का अनुमान जताया है. आपदा के बाद की बीमारियां फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है. भूकंप के बाद महामारी फैलने के डर से हजारों लोग काठमांडू छोड़ना चाहते हैं. मलबे में लाशें दबी होने से कई जगहों पर बदबू फैल गई है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक, बीते शनिवार से लेकर अब तक भूकंप के डर और महामारी की आशंका में डेढ़ लाख लोग काठमांडू छोड़ चुके हैं. बुधवार सुबह घंटों मशक्कत करने के बाद भी बस कुछ सौ लोग ही काठमांडू से बाहर जाने में सफल हो पाए. सरकार की ओर से ठीक इंतजाम न होने के कारण लोगों में भी काफी नाराजगी भी है. नेपाली सेना के मुताबिक, 11 जिलों में 9000 किलोग्राम राहत सामग्री बांटी गई है. भारतीय सेना ने अब तक विमान के जरिये 7 जिलों से 703 घायलों की जान बचाई है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, भूकंप से 39 जिलों में 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इनमें से 20 लाख सबसे ज्यादा प्रभावित 11 जिलों से ताल्लुक रखते हैं और 75 फीसदी लोग काठमांडू के बाहर के हैं. प्रधानमंत्री कोईराला ने तीन दिन का शोक घोषित किया है.

(IMNB)