Breaking News

देश की सीमाओं पर मोदी सरकार बनाएगी 'भारतमाला'

नई दिल्ली 29 अप्रैल 2015. अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज बनाने का कदम बढ़ाया था। नरेंद्र मोदी भारतमाला बनाना चाहते हैं। भारतमाला मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना का नाम है। इसके तहत भारत के पूरब से पश्चिम तक यानी मिजोरम से गुजरात तक सीमावर्ती इलाकों में सड़क बनाई जाएगी। इस पर करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस सड़क को महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक तटीय राज्यों में एक रोड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव सचिव विजय छिब्बर ने  बताया, 'हमारी योजना अपनी सीमाओं, खासतौर से उत्तरी सीमाओं पर सड़कें बनाने की है। हमने इसे भारतमाला नाम दिया है।' छिब्बर ने बताया कि सभी जरूरी मंजूरियां मिल जाने पर इस साल काम शुरू हो सकता है। मोदी का इस प्रॉजेक्ट पर खास जोर है, लिहाजा मंत्रालय को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में एक विस्तृत प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सरकार को पूरब से पश्चिम तक भारत की पूरी सीमा को कवर करने के लिए लगभग 5,300 किमी की नई सड़कें बनानी होंगी और इस पर 12,000-14,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार को पांच साल में यह प्रॉजेक्ट पूरा करने की उम्मीद है। इसका काम गुजरात और राजस्थान से शुरू होगा। फिर पंजाब और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड का नंबर आएगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्र में काम पूरा करने के बाद सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश से होते हुए मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार बॉर्डर तक सड़कें बनाई जाएंगी। भारतमाला प्लान में रणनीतिक पहलू भी है। इससे सीमावर्ती इलाकों से बेहतर संपर्क संभव होगा, जिनके एक बड़े हिस्से के उस पार चीन का शानदार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर है। सड़कें बेहतर होने पर मिलिट्री ट्रांसपोर्ट बेहतर हो सकेगा। अधिकारियों ने कहा कि ये सड़कें बन जाने पर बॉर्डर ट्रेड भी बढ़ेगा। साथ ही, कई राज्यों में बेहतर सड़कों से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इस योजना में सड़कों का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी राज्यों में बनेगा, जहां संपर्क और आर्थिक गतिविधियों का मामला कमजोर है। सड़क परिवहन विभाग का कहना है कि इसमें फंडिंग की दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि उसे हर साल कम से कम एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि विभाग का  मानना है कि जमीनों का अधिग्रहण और पर्यावरण से जुड़ी मंजूरियां हासिल करना चुनौती भरा होगा। विजय छिब्बर ने कहा कि भारतमाला एक तरह से एक और बड़े प्रॉजेक्ट सागरमाला को भी जोड़ेगा। सागरमाला के तहत बंदरगाहों और तटीय इलाकों को रेल और रोड नेटवर्क के जरिये देश के भीतरी क्षेत्रों से जोड़ने का प्लान है।

(IMNB)