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पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस देने में देरी हुई तो लगेगा जुर्माना !

नई दिल्ली। जनता को समय पर जन सुविधाएं मिलें, इसके वास्ते जिम्मेदारी तय करने के लिए सरकार एक फ्रेमवर्क बनाने पर काम कर रही है। इन जन-सुविधाओं में पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर स्वास्थ्य बीमा क्लेम तक शामिल होंगे और इनमें देरी पर जुर्माने का प्रावधान होगा। प्रशासनिक सुधार एवं जन शिकायत विभाग और क्वॉलिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया इसके लिए शुरुआत में केंद्र सरकार की 10 सेवाओं की पहचान करेंगे।
सबसे पहले इस पहल को नगालैंड और हरियाणा में लागू कराया जाएगा। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना सरकार और तीन औद्योगिक संगठनों ने मिलकर की थी। इस फ्रेमवर्क में राज्यों के पब्लिक सर्विसेज गारंटी ऐक्ट और सिटीजंस चार्टर को मिलाकर एक किया जाएगा, जिसमें सेवा देने के लिए नियत समय, शिकायत निपटारा, पारदर्शिता और जिम्मेदारियों को लेकर सरकारी संस्थानों की प्रतिबद्धता का जिक्र होगा। जुर्माने के अलावा एक ऐसी व्यवस्था भी लागू की जाएगी, जिसमें शिकायत का निपटारा तीन दिन के भीतर नहीं होने पर वह शिकायत अपने आप किसी सीनियर अधिकारी के पास चली जाएगी और उनके पास भी शिकायत के निपटारे के लिए तीन दिन होंगे। अधिकारियों को बताना होगा कि किसी सर्विस में कमी क्यों है और वह समय पर मुहैया क्यों नहीं कराई गई। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'बहुत से राज्यों में पब्लिक सर्विसेज गारंटी ऐक्ट और सिटीजंस चार्टर है। इसमें बताया गया है कि कौन सी अथॉरिटी जिम्मेदार होगी लेकिन यह नहीं बताया गया है कि काम समय पर पूरा नहीं होने की सूरत में मामले के निपटारे की जिम्मेदारी किस पर होगी। ऐसे में नागरिकों को सर्विसेज हासिल करने के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं, रिश्वत देनी होती है, जिससे उनको खीज होती है।' नागरिकों को शिकायत पर नजर रखने में मदद के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और उनको मोबाइल पर स्टेटस अपडेट मिलेगा। सूत्र ने कहा, 'देश में अब भी कुछ ऐसी चीजें हो रही हैं, जो सही नहीं हैं। वक्त पर स्वास्थ्य बीमा क्लेम नहीं दिया जाना उसमें एक है। हम यह पक्का करना चाहते हैं कि कम-से-कम केंद्र सरकार की 10 सेवाएं और दो राज्य इस व्यापक व्यवस्था का हिस्सा बनें जहां हर कोई जवाबदेह होगा। अगर वे समय पर सर्विस मुहैया कराने में नाकाम रहते हैं तो उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।' मध्य प्रदेश 2010 में राइट टू सर्विस ऐक्ट लागू करने वाला पहला राज्य था। इसके बाद बिहार, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और झारखंड ने भी अपने यहां यह ऐक्ट लागू किया। पहले दौर में सरकार पासपोर्ट सेवा, आईआरसीटीसी, सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम, इम्युनाइजेशन ऐंड हेल्थ इंश्योरेंस जैसी 10 सेवाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। एक सूत्र ने बताया कि प्रशासनिक सुधार एवं जन शिकायत विभाग योजना की सोल ओनर (एकल अधिकारी) होगी, जबकि मंत्रालयों में इसका कार्यान्वयन प्रधानमंत्री का ऑफिस तय करेगा।

(IMNB)