अब कांग्रेस ने भाजपा पर जड़ा ये नया आरोप, यूपी नहीं छग में ईवीएम हेराफेरी का हुआ था पहला प्रयोग
छत्तीसगढ़ 06 अप्रैल 2017 (जावेद अख्तर).इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से मतों की हेराफेरी के विवाद में छत्तीसगढ़ कांग्रेस भी कूद गई है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद पीआर खुंटे ने दावा किया है कि 2013 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव भी भाजपा ने ईवीएम मैनेजमेंट से जीते हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में चुनाव के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इन चुनावों में ईवीएम अहमदाबाद से मंगाया गया था। उनकी प्रोग्रामिंग भी वहीं हुई थी।
पूर्व सांसद पीआर खुंटे ने आरोप लगाया कि 'रिटर्न ओरिएंंटेड प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर' की मदद से भाजपा ने वोट चोरी किए हैं। छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा है कि चुनाव का परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आ रहा था। मतदान के बाद भाजपा परिणाम के बारे में बोलने की स्थिति में नहीं थी। लेकिन, दोपहर बाद 2.30 बजे अचानक भाजपा को 49 सीटों पर बढ़त मिल गई। तीनों राज्यों में भाजपा ने एेसा ही किया।
पूर्व सांसद पीआर खुंटे ने आरोप लगाया कि 'रिटर्न ओरिएंंटेड प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर' की मदद से भाजपा ने वोट चोरी किए हैं। छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा है कि चुनाव का परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आ रहा था। मतदान के बाद भाजपा परिणाम के बारे में बोलने की स्थिति में नहीं थी। लेकिन, दोपहर बाद 2.30 बजे अचानक भाजपा को 49 सीटों पर बढ़त मिल गई। तीनों राज्यों में भाजपा ने एेसा ही किया।
सोनिया गांधी को मय सबूत भेजा पत्र -
वरिष्ठ नेता खुंटे ने यह बातें पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में कही हैं। इस पत्र के जरिए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को लिखा है कि संगठन से चर्चा कर अगले चुनावों को मतपत्रों से कराए जाने की मांग की जाए। अपने पत्र के साथ खुंटे ने ईवीएम फ्रॉड को साबित करने वाले वैज्ञानिकों के नाम, पते और फोन नंबर तक का विवरण भी भेजा है।
तकनीकी आधार दिए -
खुंटे ने अपने पत्र में ईवीएम फ्राड से जुड़े तकनीकी आधार दिए हैं। उन्होंने लिखा है कि इन मशीनों का ब्रेन एक अमरीकी कंपनी से आता है। इनके डिस्प्ले को माइक्रो प्रोसेसर ओर ब्ल्यूटूथ से जोड़ दिए जाएं तो नतीजों में हेरफेर किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए अमरीका स्थित मिशिगन यूनिवर्सिटी के 2 वैज्ञानिकों के हैकिंग प्रयोग वाले वीडियो का हवाला दिया है। खुंटे ने पत्र में पूरी प्रक्रिया का भी उल्लेख किया है।
मायावती को जागी आस -
प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच प्रतिद्वंदिता जग जाहिर है, लेकिन प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब दोनों पार्टियों के राग इलेक्ट्रानिक मशीन ईवीएम पर मिलते दिखाई दे रहे हैं। ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका भी दायर की है, जिस पर सुनवाई होना अभी बाकी है। फिलहाल राज्यसभा में आज एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा बहस का केंद्र बन गया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भिंड में ईवीएम में छेड़छाड़ का मामला सदन में उठाया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्यप्रदेश के भिंड में हुई ईवीएम छेड़छाड़ का मुद्दा उठाकर विपक्ष को समर्थन दिया। उन्होंने कहा की इसकी जांच गंभीरता से होनी चाहिए, हम इसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट में भी करेंगे। तो सपा नेता रामगोपाल यादव ने भी ईवीएम मुद्दे की जांच कराने की मांग की। कांग्रेस के गुलाब नबी आजाद ने भी मायावती की मांग का समर्थन किया और ईवीएम से चुनाव बंद करने की मांग की।
महागठबंधन के संकेत -
सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों पार्टियां राज्य सभा में एक दूसरे को समर्थन करने से संभावना प्रबल हो रही कि लोकसभा 2019 में महागठबंधन बन सकता है।
हार को स्वीकार करना चाहिए -
भाजपा की तरफ से राज्य सभा में ईवीएम को लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया और कहा कि जनता के जनादेश पर सवाल उठा रहे दलों का रव्वैया ठीक नहीं है। पूर्व के चुनावों में सपा को दूसरी बार बहुमत मिला, छग में कांग्रेस को अच्छी खासी बढ़त मिली, दिल्ली में आप को बहुमत मिला, वहीं कांग्रेस कई राज्यों में सत्ता पर काबिज़ हुई, तब भी ईवीएम से ही चुनाव हुए मगर भाजपा ने हार को स्वीकार कर आगामी चुनाव के लिए जमीनी स्तर पर और अधिक काम कर, आम जनता के विश्वास को जीतने में सफल हुई, तब ही इस बार चुनावों के परिणाम अप्रत्याशित जीत के रूप में मिला। आज सभी राजनीतिक दलों को हार स्वीकार करने में इतनी दिक्कत क्यों हो रही है। पार्टियों द्वारा इस तरह का आरोप लगाने का अर्थ स्पष्ट है कि आम जनता के चयन पर सवालिया निशान लगाना है। वहीं बीजेपी के अन्य सदस्यों ने भी विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे जनता पर आरोप लगा रहे हैं।
क्या है भिंड का मसला?
हाल ही में एक खबर मध्यप्रदेश के भिंड से है, जहां दो विधानसभा सीटों पर 9 अप्रैल को उपचुनाव होना है। इसको लेकर जब ईवीएम मशीनों की जांच की गई तो ईवीएम पर बने बटन में किसी भी पार्टी का बटन दबाने पर, वोट भाजपा के खाते में जाते दिखा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तत्पश्चात मामले को संज्ञान में लेकर कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
* कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस प्रकार की ईवीएम मशीनों का उपयोग उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी किया गया था।
* वहीं ट्विटर पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शेयर करते हुए लिखा, 'उप्र में उपयोग की गईं मशीनों का कमाल। मप्र के अटेर उप-चुनाव में राज्य चुनाव आयुक्त के सामने चाहे जो भी बटन दबाने पर कमल को वोट।'
* ट्विटर पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लिखा - 'बटन कोई भी दबाओ, वोट कमल को पड़ेगा…पर्ची में कुछ भी आए, प्रेस में नहीं आना चाहिए… नहीं तो पत्रकार को थाने में बिठा देंगे। लोकतंत्र खत्म।'