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वन परिक्षेत्र पसान में टूटे भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड

कोरबा (सोनू सिंह). वन परिक्षेत्र पसान में भ्रष्टाचार ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये प्रतीत होते हैं। यहां करोड़ों का वृक्षारोपण एवं अन्‍य सरकारी कार्य सिर्फ कागजों में करा कर जनता एवं शासन के पैसे का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। स्‍थानीय नागरिकों का आरोप है कि निजी स्वार्थ हेतु यहां शासन की योजना को बदनाम किया जा रहा है।



सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी को सच माने तो वन परिक्षेत्र अधिकारी निश्चल शुक्ला ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाओं को तोड़ दिया है। पसान वन परिक्षेत्र के ओए 617 में माश्रित वृक्षारोपण कार्य 86 लाख 40 हजार का होना था जिसकी जगह आपको महज 10 लाख का कार्य भी देखने को नहीं मिलेगा। ठीक उसी प्रकार पसान में रानीमार, धनरास 225 226 227, लैगा 230 और सिरमिना 686 इन सभी जगहों में विकास योजना मद से बिगड़े बांस वनों को सुधार का कार्य किया जाना था। पर आरोप है कि करोड़ों की राशि को पसान वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा डकार लिया गया। पसान वन परिक्षेत्र में कोई भी काम इस प्रकार का नहीं जो 50 % भी पूरा किया गया हो।


बात पुनरूत्पादन सुरक्षा एवं प्रबंधन कार्य की हो या बिगड़े वनों का सुधार कार्य हो, फलदार वृक्षारोपण हो या मिश्रित वृक्षारोपण हो या वन विकास अभिकरण योजना के तहत एनऑर कार्य हो। किसी भी कार्य को सच्चाई और ईमानदारी कि बात तो छोडिये मात्र 30 % भी नहीं किया गया, परन्‍तु कागजों में काम पूरा हो चुका है। शासन के द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है, लगातार भारी भरकम राशि सरकार द्वारा दी जा रही है। ताकि बेहतर वातावरण हो सके, लेकिन इन जैसे अधिकारियों की वजह से सरकार की सारी योजनाएं विफल होती जा रही हैं।


बताते चलें कि पसान वन परिक्षेत्र में करोड़ों की राशि का रोड साइड प्लांटेशन होना था, लेकिन उसकी आधी राशि का भी कार्य नहीं कराया गया। समझ नहीं आता आखिर इतनी बेबाकी से भ्रष्टाचार को अंजाम कैसे दिया जाता है, क्या इनको शासन प्रशासन का कोई भय नहीं, क्‍या सारे उच्च अधिकारी अनजान हैं या उनकी भी मिलीभगत है। स्‍थानीय जनता में इस भ्रष्‍टाचार के खिलाफ भारी आक्रोश व्‍याप्‍त है। हमें जानकारी मिली है कि जल्‍द ही जनता द्वारा PCCF राकेश चतुर्वेदी, CCF अनिल सोनी, DFO समा फारूकी एवं वनमंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच कमेटी बना कर यहां के भ्रष्‍टाचार की जांच करवाने हेतु मांग की जायेगी।


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