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जिद और जुनून ने मनीष को बनाया पवार लिफ्टर

कानपुर. जब जिद जुनून बन जाए,तो हर मुकाम मुमकिन हो जाता है.इस कहावत को सच कर दिखाया है कौशलपुरी गुमटी निवासी पावर लिफ्टिंग के खिलाड़ी मनीष मिश्रा ने। उनकी बचपन से ही जिद थी पवार लिफ्टिंग खिलाडी बनने की। मनीष मिश्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत 1999 में ग्रीन पार्क से की थी।




2000 में उन्‍होंने राहुल शुक्ला और सौरव गौड़ की देख रेख में प्रशिक्षण लेना प्रारंभ किया। उन्होंने अपने कैरियर के उतार-चढ़ाव होने के बावजूद भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे बढ़ते गए। आज भी प्रैक्टिस के लिए 3 से 4 घन्टे जिम में जाकर पसीना बहाते हैं पसीना। बताते चलें कि मनीष मिश्रा सेवायोजन कार्यालय में सीनियर क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं. पवार लिफ्टिंग खिलाडी मनीष मिश्रा ने 2002 कानपुर में स्टेट पॉवर लिफ्टिंग में रजत पदक, 2004 फिरोजाबाद में नेशनल ब्रेच प्रेस में कांस्य, 2005 में सोनभद्र में कांस्य, 2006 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में चौथा स्थान हासिल किया। 2019 जमशेदपुर इंटरनेशनल पावर लिफ्टिंग में उनको रजत पदक मिला और वर्ल्ड पावर लिफ्टिंग में चयन हुआ। 2020 दिल्ली में फ़ेडरेशन कप में रजत पदक हासिल किया।



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