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ट्रांसपोर्टर ने खाली पड़ी पुलिस चौकी पर किया जबरन कब्जे का प्रयास

कानपुर (सूरज कश्‍यप/गुड्डू सिंह). बाबूपुरवा थानाक्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर में एक ट्रांसपोर्टर ने हद दर्जे की दबंगई दिखाते हुए खाली पड़ी पुरानी पुलिस चौकी पर कब्जे का प्रयास किया। सरकारी संपत्ति पर कब्जे का प्रयास करने वाले ट्रांसपोर्टर को "यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन" का पदाधिकारी बताया जा रहा है। कब्जा रोकने पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों और पब्लिक को मुख्यमंत्री का रिश्तेदार व करीबी बताकर ट्रांसपोर्टर ने अर्दब में लेने का प्रयास किया।  


मंगलवार की सुबह आरोपी ट्रांसपोर्टर ने बाकायदा पुरानी ट्रांसपोर्ट नगर चौकी के दो कमरों को हथियाने की नीयत से लोहे के दो दरवाजे मँगवाकर लगवाना शुरू कर दिया। तब इस चौकी भवन से सटकर बने नगर निगम के शेल्टर होम से निकलकर लोगों ने ट्रांसपोर्टर की बेजा हरकत का विरोध किया। इलाकाई लोगों के पहुंचने के बाद बवाल हुआ। सूचना पर वहां पहुंचे बाबूपुरवा की ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज अर्पित तिवारी मूकदर्शक बने रहे। पब्लिक का आरोप है कि ट्रांसपोर्टर की ओर से पुराने भवन पर कब्जा करवाने आये अराजक तत्वों ने शेल्टर होम में कार्यरत महिलाओं से अभद्रता और मारपीट का प्रयास किया। ट्रांसपोर्टर के गुंडे महिलाओं से अभद्रता करते रहे और चौकी इंचार्ज मूकदर्शक रहे। शातिर ट्रांसपोर्टर ने अपने कब्जे के प्रयास को "जनहित" कार्य का चोला पहनाने का प्रयास किया। उसने कहा कि इस काम में वार्ड 39 के भाजपा पार्षद उनके साथ हैं। 


बाद में वहां पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों और पब्लिक ने आरोपी ट्रांसपोर्टर से पूछा कि किसके या किस विभाग के अधिकारियों की लिखित या मौखिक अनुमति से वो बंद पड़ी पुलिस चौकी पर अपने गेट लगा रहे हैं..?? इसपर ट्रांसपोर्टर निरुत्तर हो गए। उनके पास इस हरकत के लिये किसी जिम्मेदार अधिकारी अथवा विभाग की परमिशन नहीं थी। इस पर नगर निगम के अधिकारियों और इलाकाई संभ्रांत लोगों में ट्रांसपोर्टर और उसके गुर्गों को फटकार कर भगाया। नगर निगम जोन 3 के अधिकारियों ने बताया कि उक्त पुरानी पुलिस चौकी विभाग के शेल्टर होम (रैन बसेरा) से सटकर बनी है, और खाली चौकी पूरी तरह नगर निगम की प्रॉपर्टी है। कुछ ही दिन पूर्व खुद नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने इस चौकी में पब्लिक टॉयलेट (सुलभ शौचालय) बनवाने का आदेश दिया है। 


जिस पुरानी ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी पर आरोपी ट्रांसपोर्टर ने कब्जे का दुष्प्रयास किया उसी से सटा हुआ नगर निगम का शेल्टर होम बना है। इलाकाई लोगों ने बताया कि आरोपी का ट्रांसपोर्ट कार्यालय एकदम इस शेल्टर होम और पुरानी चौकी भवन के सामने है। इसलिए उसने सालों-साल रैन बसेरे की बिल्डिंग में अवैध कब्जा जमाए रखा। आरोपी अपना टैक्स चोरी का कुंटलों माल और सैकड़ों गांठें रैन बसेरे के अंदर रखवाता था। अपने मुंह लगे पल्लेदारों, सुपरवाईजरों, अपने गुर्गों आदि को कथित तौर पर रैन बसेरा भवन में अय्याशी के साधन उपलब्ध करवाते थे। अधिकांश इलाकाई जनता इससे त्रस्‍त थी। डर के मारे अपने नाम से शिकायत नहीं कर पा रहे थे। फिर भी नगर निगम पहुंचीं ढेरों बेनामी शिकायतों के बाद नगर निगम ने शेल्टर होम को एक नई एनजीओ को सौंपा, जिसकी संचालिका एक महिला है। 

 
रैन बसेरे के महिला संचालिका और महिला केयरटेकरों को बरगलाकर जब ट्रांसपोर्टर अपना उल्लू सीधा नहीं कर पाये तो उन्होंने तरह-तरह से उनको परेशान करना शुरू कर दिया। इसी क्रम में उन्होंने रैन बसेरा के गेट पर शौचालय बनवाने की जिद पकड़ ली। महिला संचालकों ने दरवाजे पर मूत्रालय बनवाने का विरोध किया तो आरोप है कि ट्रांसपोर्टर उनसे जमकर गुंडई और अभद्रता की। ना-ना प्रकार से महिलाओं को परेशान किया गया। बताया गया कि आरोपी ट्रांसपोर्टर ने तब इंतहा कर दी, जब उसने महिलाओं के सामने ही, बसेरे के गेट पर अपने पल्लेदारों को लगातार पेशाब करते रहने का अभद्र आदेश दे डाला।


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