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रिज़ार्ट के कमरे में मि‍ली चार लाशें, नहीं सुलझी मौत की गुत्‍थी

इंदौर. देवगुदारिया पहाड़ के नीचे बने आलीशान रिज़ार्ट में छुट्टियां मनाने आये एक परिवार के सभी सदस्‍यों की रहस्‍यमय मौत से जिले में सनसनी फैली हुयी है. पति-पत्नी और दो बच्चों की लाशें मिलने के बाद से इलाके में अफवाहों का बाजार गर्म है. सूत्रों के अनुसार रिज़ॉर्ट में पहुंचते ही पूरा परिवार कमरे में गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. 30 घंटे बीत जाने के बाद भी ना कमरे से कोई बाहर आया, ना कोई अंदर गया, संदेह होने पर स्टाफ ने मैनेजर से बात कर कमरा नंबर 211 को मास्टर की से खोलने का फैसला किया। अंदर बेचैन कर देने वाला मंज़र था। होटल के स्टाफ की आंखे खुली रह गईं, क्योंकि उनके सामने 4 लाशें पड़ी हुईं थीं।



जानकारी के अनुसार एक कमरे में पति-पत्नी और दूसरे कमरे में उनके जुड़वां बच्चों की लाशें पड़ी थीं, सबके मुंह से झाग निकला हुआ था। बेड की चादरें तक सिकुड़ी हुईं नहीं थी, यहां तक कि सब ने बाकायदा कम्‍बल ओढ़ा हुआ था और उसे भी हटाया नहीं गया था। कमरे में किसी और के दाखिल होने की बात इसलिए खारिज हो जाती है क्योंकि मौके से जो चाय के कप मिले हैं, उनमें चाय नहीं बल्कि पानी के साथ सोडियम नाइट्रेट केमिकल को मिलाया गया था। कमरे में भी जिस तरह तमाम चीज़ें तरतीब से रखी हुई हैं, वो इशारा कर रही थीं कि ये मामला मॉस सुसाइड यानी सामूहिक खुदकुशी का है। दरअसल, मरने वालों को पता था कि वो जो पीने जा रहे हैं, उसके बाद वो बचेंगे नहीं, मगर फिर भी सबने उस केमिकल को गटक लिया।

पुलिस ने जब तफ्शीश शुरू की तो पता चला कि अभिषेक सक्सेना इंदौर की एक प्राइवेट कंपनी में अनुभवी सॉफ्टवेयर इंजीनियर था उनकी पत्नी भी नौकरी करती थी, बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते थे। ये परिवार इंदौर के एक मंहगे अपार्टमेंट रहता था। कमरे में कोई भी सुसाइड नोट नहीं था ताकि ये साफ हो सके कि अगर इस परिवार ने खुदकुशी की तो क्यों की। लेकिन जब पुलिस ने अभिषेक और उसके परिवार की जानकारी जुटानी शुरू कर की तो पता चला कि अभिषेक जिस सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर पोस्ट पर थे, वो कंपनी ही खत्म हो गई। इस तरह हर महीने लाखों की सैलरी उठाने वाले अभिषेक को पहला झटका लगा, वहीं उनकी पत्नी प्रीति भी जिस प्राइवेट कंपनी में करती थी, वहां से उनकी भी नौकरी चली गई थी। तो अभिषेक और उनके परिवार की आमदनी अचानक खत्म हो गई थी। मगर खर्चे उनके वैसे ही बने हुए थे, उस पर शेयर ट्रेडिंग में भी अभिषेक लाखों रुपये गंवा चुका था। वहीं उसके दोनों बच्चे लगातार बीमार रह रहे थे, उनके इलाज के लिए भी पैसा चाहिए था। कुल मिलाकर परिवार आर्थिक बदहाली से गुज़र रहा था, मगर शर्म की वजह से उन्होंने कभी अपने करीबियों से पैसे नहीं मांगे। 


फिलहाल पुलिस की साइबर टीम इस सामूहिक खुदकुशी की वजह जानने के लिए अभिषेक और प्रीति के मोबाइल फोन और उनके ईमेल आईडी वगैरा की जांच कर रही है, ताकि इसका पता लगाया जा सके।


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