Breaking News

‘लाडली दि‍न’ समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखता है - अभिनेत्री मीनल वैष्णव

कानपुर 13 फरवरी 2019 (रियाज़ खान). पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया का लोकप्रिय एजुटेनमेंट शो 'मैं कुछ भी कर सकती हूँ', तीसरे सीजन के साथ राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन पर लौट आया है। देश में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की अपनी भूमिका के लिए सराहे गए शो ने अपने नए सीजन में नए विचारों को पेश किया है। उनमें से एक  'लाडली दिन’ की संकल्पना है, जो लोगों को प्रतिगामी मानदंडों पर सवाल उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन पर रोक लगाने की कोशिश करता है, जबकि अधिकांश लोकप्रिय कार्यक्रम आज भी इन मानदण्डों को बढ़ावा देते हैं.

पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुटरेजा कहती हैं, “हम लंबे समय से भारत में लड़कियों की खराब स्थिति के बारे में जानते हैं. २०१७-१८ के आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आये आकड़े भी यही दर्शाते है. इस आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक लड़कों के लिए बढ़ती हुई चाहत के कारण भारत में आज २१ मिलियन अवांछित लड़कियाँ हैं. हम इस पितृसत्तात्मक मानसिकता को सकारात्मक संदेशों के माध्यम से बदलना चाहते हैं. हम 'लाड़ली दिन' के ज़रिये लड़की के जन्म को एक उत्सव की तरह मानाने की भावना लोगों में जगाना चाहते हैं.”

'मैं देश का चेहरा बदल दूँगी' इस नए स्लोगन के साथ शो की नायिका डॉ. स्नेहा माथुर नयी समस्याओं का मुकाबला करते हुए नज़र आएंगी. इन मुद्दों में स्वछता और स्वास्थय- रक्षा जैसे मुद्दे भी शामिल हैं. कई बार दोबारा प्रसारित किया जाने वाला यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है. यह कार्यक्रम १३ भिन्न भाषाओँ में डब किया गया है व देश भर में आल इंडिया रेडियो के २१६ स्टेशन पर प्रसारित किया जाता है.

मैं कुछ भी कर सकती हूँ की प्रमुख अभिनेत्री मीनल वैष्णव जो डॉ. स्नेहा माथुर का किरदार निभाती है कहती हैं कि एक विचार तथा अभियान के रूप में, लाड़ली दिन बदलाव लाने की क्षमता रखता है. देश के विभिन्न हिस्सों को भेंट देने के बाद मुझे यह एहसास हुआ की आज भी एक बच्ची के जन्म को उत्सव के रूप में नहीं देखा जाता. इस भावना को हमे बदलना होगा. और लाड़ली दिन उसी बदलाव की दिशा में उठाया गया एक कदम हैं। 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' एक युवा डॉक्टर, डॉ. स्नेहा माथुर की प्रेरक यात्रा है, जो मुंबई में अपने आकर्षक करियर को छोड़ देती है और अपने गांव में काम करने का फैसला करती है. यह शो सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की बेहतरीन गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. स्नेहा के प्रयास पर केंद्रित है. उनके नेतृत्व में, गाँव की महिलाएँ सामूहिक एक्शन के ज़रिए अपनी आवाज़ उठा रही हैं. दूसरे सीज़न में महिलाओं के साथ युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया था. नए स्लोगन,मैं देश का चेहरा बदल दूंगी, के साथ, शो की नायक डॉ. स्नेहा माथुर स्वच्छता तक पहुंच सहित नए मुद्दों को सामने लाने की योजना बना रही है. यह शो प्रसिद्ध फिल्म और थिएटर निर्देशक फिरोज अब्बास खान द्वारा बनाया गया है.

इस बार, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित है. इनके द्वारा ही इस लोकप्रिय एजुटेनमेंट शो के बहुप्रतीक्षित तीसरे सीजन का प्रोडक्शन किया जा रहा है.