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आयुध निर्माणी कानपुर की सुरक्षा में सेंधमारी की कोशिश, आतंकी कनेक्शन की आशंका

कानपुर 12 जनवरी 2019 (महेश प्रताप सिंह). कानपुर के अर्मापुर स्थित आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी) की सुरक्षा में सेंधमारी की कोशिश मामले में खुफिया एजेंसियों ने आतंकी कनेक्शन की आशंका पर पड़ताल शुरू कर दी है। ओएफसी गेट पर तैनात सुरक्षा गार्डों के हत्थे चढ़े शातिर शमीम असलम से आईबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) और एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने अर्मापुर थाने में बुधवार रात घंटों पूछताछ की। शमीम के साथ ही उसके परिवार व करीबियों का ब्योरा भी जुटाया। एमआई (मिलेट्री इंटेलीजेंस) ने पुलिस से पूछताछ की। गुरुवार को अर्मापुर पुलिस ने शमीम को जेल भेज दिया है। आगे की पूछताछ के लिए उसकी कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी है।

करीब तीन महीने पहले अहिरवां चकेरी से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमा को पकड़ा गया था। इससे पहले लखनऊ में मुठभेड़ में जाजमऊ निवासी आईएसआईएस के आतंकी सैफुल्ला को एसटीएफ ने मार गिराया था। अब ओएफसी की सुरक्षा में सेंधमारी का मामला सामने आने पर प्रमुख खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। इसी क्रम में आईबी की टीम ने बुधवार को शमीम असलम से घंटों पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक आईबी अफसरों ने शमीम के परिवार, करीबियों के साथ-साथ वह पहले क्या करता था समेत कई जानकारियां जुटाईं। अफसरों ने शमीम का मोबाइल नंबर, फेसबुक और व्हाट्सऐप चैट भी देखे। इसके बाद अर्मापुर थाने पहुंचे एटीएस के अफसरों ने शमीम से पूछताछ की।

गुरुवार दोपहर एमआई (मिलेट्री इंटेलीजेंस) की टीम थाने पहुंची और कार्यवाहक थानाप्रभारी अजय पाल सिंह से पूरे मामले जानकारी ली। एफआईआर कॉपी लेने के बाद टीम वहां से आयुध निर्माणी दफ्तर पहुंची। अफसरों से मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे तो उन्होंने पत्राचार से ही दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात उसने कही। इसके बाद टीम लौट गई।  घटना की विवेचना कर रहे कार्यवाहक थानाप्रभारी अजय पाल सिंह ने बताया कि शमीम के मोबाइल की कॉल डिटेल के सहारे मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रहे हैं। उसकी पूर्व व वर्तमान की गतिविधियों और संपर्कों का भी पता लगाया जा रहा है।

पत्नी पहुंची थाने

शमीम की गिरफ्तारी की सूचना पाकर उसकी पत्नी फरजाना शमीम थाने पहुंची। पति से मुलाकात के बाद फरजाना ने पुलिस को बताया कि परिवार में उसके और शमीम के अलावा उनका एक बेटा सबब है। ससुर आरएस इदरसी परिवार के साथ मीरपुर कैंट में रहते हैं। शमीम कैसे और क्यों फ्रॉड करता था, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं।

नौबस्ता पुलिस भी कर रही पड़ताल

शमीम परिवार के साथ आवास विकास हंसपुरम, नौबस्ता स्थित खुद के मकान में रहता था। इसलिए अर्मापुर पुलिस मामले की जांच में नौबस्ता की भी मदद ले रही है। विवेचक अजय पाल सिंह के मुताबिक शमीम की गतिविधियों के बारे जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी नौबस्ता को दी गई है।

बड़े चौराहे से बनवाई थी मोहरें

शमीम ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने शहर भर की आयुध निर्माणी के महाप्रबंधकों की मोहर बड़ा चौराहे स्थित एक मोहर बनाने वाले से बनवाई थीं। एक मोहर बनवाने के एवज में 40 रुपये दिए थे। लेटरहेड एक प्रिंटिंग प्रेस से छपवाए थे। अर्मापुर पुलिस मोहर बनाने वाले और प्रिंटिंग प्रेस मालिक को भी हिरासत में लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।

ट्रायल में फंस गया शमीम

पुलिस को छानबीन में पता चला है कि शमीम गुमटी नंबर-पांच निवासी एक ठेकेदार के अंडर में गन फैक्ट्री में काम करता था। एक साल पहले ही उसने काम छोड़ा था। इसलिए उसे मालूम था कि आयुध निर्माणी में कैसे सेंधमारी लगाई जा सकती है। इसी का फायदा उठाकर उसने आयुध निर्माणी के हूबहू इंट्री पास छपवाए। कर्नल व महाप्रबंधक की फर्जी मोहर बनवाई। इसके बाद 1500 से 2000 रुपये में अनगिनत लोगों को फर्जी इंट्री पास (संविदा पास) जारी कर दिए। पुलिस का मानना है कि मंगलवार को शमीम ने ट्रायल किया था कि फर्जी इंट्री पास से कैसे कोई अंदर जा सकता है। इसके लिए उसने शास्त्री नगर निवासी प्रवीन पांडेय का इंट्री पास बनाया। फिर उसके साथ खुद भी ओएफसी गया। गेट पर ही सुरक्षा गार्डों ने फर्जी पास पर प्रवीन को दबोचा तो उसने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन दबोच लिया गया। फर्जी नियुक्ति व इंट्री पास मामले को जोड़कर देख रही एमआई मिलेट्री इंटेलीजेंस आर्डनेंस फैक्ट्री मेें मथुरा के नगोरा खुजरी निवासी मेंबर सिंह के फर्जी नियुक्ति पत्र से नौकरी पाने की कोशिश और फर्जी इंट्री पास से सेंधमारी मामले को जोड़कर देख रही है।

यह है मामला

मंगलवार कों फर्जी इंट्री पास के जरिए ओएफसी में घुसने की कोशिश करते वक्त गेट पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने शास्त्रीनगर निवासी प्रवीन पांडेय को पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद नौबस्ता के हंसपुरम निवासी शमीम असलम को गिरफ्तार किया। शमीम के पास मिले बैग से कई फर्जी दस्तावेज और आयुध निर्माणी की मोहरें बरामद हुई थीं। ओएफसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक की तहरीर पर शमीम के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

निर्माणियों की सुरक्षा बढ़ी, अफसरों की भी हुई चेकिंग

ओएफसी समेत सभी पांचों आयुध निर्माणियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। गुरुवार को ओएफसी में सुबह आने वाले कर्मचारियों और अफसरों की भी चेकिंग की गई। फिर उन्हें अंदर जाने दिया गया। सूत्रों के मुताबिक शमीम असलम के पास से फर्जी पास के अलावा निर्माणी के अफसरों के जो लेटर पैड मिले थे, उनकी नकल करना आसान नहीं है। इसमें निर्माणी के किसी कर्मचारी की मिलीभगत की आशंका पर भी जांच की जा रही है। पास पिछले वर्षों में किस-किस ठेकेदार को जारी किए गए हैं। इसका भी पता लगाया जा रहा है। पूरे मामले की जानकारी आयुध निर्माण बोर्ड कोलकाता को दी गई है।