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22 मिनट देरी से सेंट्रल स्टेशन पहुंची सुपर फास्‍ट ट्रेन 18

कानपुर 29 दिसम्बर 2018 (महेश प्रताप सिंह). बिना इंजन के 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल करने वाली ट्रेन 18 का शुक्रवार रात ट्रायल किया गया। दिल्ली से इलाहाबाद जा रही ये ट्रेन 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 22 मिनट देरी से शनिवार सुबह कानपुर सेंट्रल पहुंची। बताया जा रहा है कि अलीगढ़ के पास पटरी चटक गई थी, जिसकी वजह से ट्रेन को वहीं रोकना पड़ा। ये ट्रेन शनिवार दोपहर दो बजे इलाहाबाद से वापस रवाना होकर शाम चार बजे सेंट्रल स्टेशन पहुंचेगी। इसके दिल्ली पहुंचने का समय रात 8.25 बजे का है।


दिल्ली से इलाहाबाद के लिए रवाना हुई ट्रेन को सुबह 5.20 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचना था लेकिन ट्रेन 5.42 पर आई।  सेंट्रल स्टेशन पर चार लोको पायलट के अलावा चीफ डिपो अफसर राहुल चौधरी व अन्य अधिकारियों का एक दल भी ट्रेन में सवार हुआ। हालांकि ठंड होने की वजह से सुबह ट्रेन को देखने के लिए लोगों की संख्या कम थी पर वहां मौजूद यात्री ट्रेन देखने के लिए दौड़ पड़े।

अधिकारियों के मुताबिक ट्रेन में 16 कोच होंगे, जिनमें दो एग्जीक्यूटिव कोच व अन्य वातानुकूलित चेयर कार होंगे। इनमें से आगे व पीछे जो दो कोच लगे हैं, उन्हीं में ट्रेन संचालन के लिए केबिन की व्यवस्था की गई है। एग्जीक्यूटिव कोच में 52 यात्री सफर कर सकेंगे। जबकि सामान्य चेयर कार कोच में 78 यात्रियों के बैठने की जगह होगी। जिन दो कोचों में ट्रेन संचालन के केबिन बनाए गए हैं उनमें 44 यात्री ही बैठ सकेंगे। ट्रेन सेंट्रल स्टेशन पहुंची तो ड्राइवरों ने बताया, ट्रायल के दौरान ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया। हालांकि यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है लेकिन फिलहाल स्थिति को देखते हुए इसे 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलाया जाएगा।

दिल्ली कानपुर के बीच बनेगी शताब्दी का विकल्प -

ट्रेन में सफर कर रहे रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों ने बताया कि ट्रेन 18 दिल्ली और कानपुर के बीच शताब्दी से भी बेहतर ट्रेन साबित होगी। इस ट्रेन में सफर करने के दौरान यात्रियों को झटका नहीं लगेगा। वहीं यात्री सुविधाओं की दृष्टि से भी है ट्रेन शताब्दी से बेहतर है।