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गुरुकुल आर्ट गैलरी में हुआ ईशानी अलाय के चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन

कानपुर 19 दिसम्बर 2018 (महेश प्रताप सिंह). गुरुकुल कला दीर्घा में आज ईशानी अलाय के घनवादी (cubism) चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शिनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रमुख शिक्षाविद्, संस्कृत भाषा के विद्वान डा0 शिव बालक द्विवेदी के कर कमलों द्वारा व नगर की वरिष्ठतम चित्रकार, डिजाइनर, व्यंजन कला की विशेषज्ञ श्रीमती कविता सिंह के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।


ईशानी अलाय कला की शिक्षा विधिवत न प्राप्त करते हुए भी 1987 से चित्रकला की साधना करती आ रही है। वर्तमान में आप गुरुकुल कला व नाट्य विद्यालय में कला का प्रशिक्षण नगर के वरिष्ठ कला गुरु प्रो. अभय द्विवेदी से ग्रहण कर रही है। इसी प्रशिक्षण के दौरान उनकी पेण्टिंग्स की शैली घनवादी रूप ले रही है। उनके चित्रों में आध्यात्मिकता, मानवता व हिन्दू दार्शनिकता के विषय विशेष रूप से समाहित हैं। ईशानी अलाय की पेण्टिंग्स में सफेद, बैगनी व आसमानी रंग की प्रधानता दिखती है। रेकी विद्या की परम्परा में व्यक्ति का औरा(आभामण्डल) सफेद, आसमानी, नीला, बैगनी रंग मजबूत व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है तथा ऐसे ही ईशानी अलाय ने अपने व्यक्तित्व को चित्रों में उकेरा है। उनकी एक प्रमुख पेण्टिंग जिसमें उन्होंने कामधेनु गाय जोकि समुद्र मंथन में प्रकट हुई थी, का चित्रण किया है। ऐसी पेण्टिग लगाने से माँ लक्ष्मी, देवी सरस्वती और माँ दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है। सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, भाग्य, सफलता और शुभता प्रदान करती है, इससे घर परिवार में सकारात्मकता रहती है। इनकी पेण्टिंग्स ईश्वरीय प्रेम, पशु प्रेम देखने को मिलता है।


उनकी अधिकतर पेण्टिंग सामूहिक मानवीय पसंद/रुचि पर आधारित हैं जिसमें चंचल मानव व अस्थिर वातावरण के साथ समायोजन स्थापित हो रहा है। इनकी एक पेण्टिग में बहुत सारे गुलाब हैं, किन्तु एक गुलाब बहुत उल्लेखनीय तरीके से प्रदर्शित हो बता रहा है कि अपने आप को ख़ास बना कर समाज में कैसे प्रस्तुत करें कि आप सर्वोच्च दिखें। इनके चित्रों में ज्यामितीय कला भी देखने को मिलती है जोकि घनवादी शैली है जिसे इन्होने गुरुकुल में प्रशिक्षण के दौरान अर्जित किया है। पूर्व काल में पिकासो इस शैली के प्रवर्तक थे और यह शैली अब गुरुकुल के द्वारा जीवन्त है। 


इस अवसर पर प्रदर्शिनी के संयोजक  युवाकलाकार- मोहित सिंह जादौन , गुरुजीत सिंह, क्यूरेटर- अतुल कुमार सिंह, सचिव डा0 शालिनी पाण्डिया, विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष (कला) डा0 ब्रजेश कटियार, डॉ. प्रह्लाद सिंह,  सुमित ठाकुर (नई दिल्ली), डा0 पूजा शुक्ला राजकुमार सिंह, डॉ0 हृदय गुप्ता, डॉ. कुमुद बाला, डा0 लोकेश्वर सिंह, श्रीमती चन्द्रा निगम, डा0 अखिलेश श्रीवास्तव  छायाकार प्रफुल्ल मेहरोत्रा, डा0 विनोद पाण्डेय, डा0 ज्ञानेश्वर मिश्रा, नेहा दुआ, तनु , नवमी  शुक्ला , निशी वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।