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सरकार न्‍यूज पोर्टल के पत्रकारों को फर्जी मानती है ?

कानपुर 18 सितम्‍बर 2018 (सूरज वर्मा). इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ है, जिसके अनुसार शासन स्‍तर से सभी जिला सूचना अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि न्‍यूज पोर्टल फर्जी हैं उनकी कोई वैघता नहीं है, न्‍यूज पोर्टल के संवाददाता को पत्रकार नहीं माना जायेगा साथ ही किसी भी न्‍यूज पोर्टल को शासन स्‍तर से सरकारी कार्यक्रम की कवरेज के लिये पास जारी नहीं किया जायेगा। हालांकि वरिष्‍ठ आईएएस अवनीश अवस्‍थी ने खबर का खण्‍डन किया पर इसके विपरीत कई जिला सूचना अधिकारियों ने दबी जुबान से इसकी पुष्‍टि‍ भी की। 



विदित हो कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी द्वारा आनलाइन और सोशल मीडिया को लगातार बढावा दिया जा रहा है, केन्‍द्र सरकार के Press Information Bureau द्वारा न्‍यूज पोर्टल को प्रेस मान्‍यता भी प्रदान की जाती है, सरकारी विज्ञापन भी जारी किये जाते हैं। उत्‍तर प्रदेश सरकार भी वेब मीडिया नीति 2016 जारी कर चुकी है। तब भी न्‍यूज पोर्टल के साथ उत्‍तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और तथाकथित मेन स्‍ट्रीम मीडिया द्वारा निरन्‍तर सौतेला और आपत्तिजनक व्‍यवहार किया जा रहा है। एक तरफ दुनिया चांद पार करके मंगल पर जा रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के आलाधिकारी प्रदेश को पाषाण युग में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. इनको तरक्‍की, इन्‍टरनेट और सूचना तकनीक से सख्‍त एतराज है। 

बताते चलें कि पूरे प्रदेश में कई न्‍यूज पोर्टल संचालित हैं जिनमें हजारों पत्रकार कार्यरत हैं, सरकार के उपरोक्‍त निर्णय से उनकी जीविका प्रभावित होने की प्रबल सम्‍भावना है। न्‍यूज पोर्टल को ले कर सरकार की नीति स्‍पष्‍ट होनी चाहिये जिससे पत्रकारों में फैला भ्रम और भय समाप्‍त हो सके। न्‍यूज पोर्टल संचालक, सम्‍पादक और पत्रकार सरकार से किसी प्रकार की सरकारी सहायता की मांग नहीं करते, न ही वो विज्ञापन मांग रहे हैं। वो तो अपने करोड़ों पाठकों के मध्‍य सारे सरकारी कार्यक्रमों और सरकारी नीतियों का प्रचार प्रसार फ्री में करते हैं, जनता तक सभी जरूरी खबरें सबसे पहले पहुंचाते हैं और बदले में केवल सरकार से अपने पत्रकार होने का सम्‍मान और सरकारी कार्यक्रमों की कवरेज हेतु पास मांगते हैं जो कि पूरी तरह जायज है। इसके बाद भी उनके साथ बुरा व्‍यवहार किया जाता है, उनके पत्रकारों को फर्जी बताया जाता है। 

All Indian Reporters Association (आईरा) के प्रदेश उपाध्‍यक्ष ए.एस खान बताते हैं कि सरकार मजदूरों और भिखारियों तक की चिंता करती है उनके लिये योजनायें बनाती है, क्‍या न्‍यूज पोर्टल के पत्रकार इनसे भी गये बीते और बुरे हैं ? वो भी इसी समाज का हिस्‍सा हैं, सरकार यदि इसी प्रकार का सौतेला व्‍यवहार करती रही तो मजबूरन हमें जमीनी स्‍तर पर आंदोलन करने को बाध्‍य होना पडेगा। जिसकी सारी जिम्‍मेदारी सूचना विभाग उत्‍तर प्रदेश के अधिकारियों की होगी। क्‍या कारण है कि सरकार और मेन स्‍ट्रीम मीडिया दोनों न्‍यूज पोर्टल को फर्जी साबित करने पर तुले हैं। क्‍योंकि ये ही हैं जो अपने खुलासों और तेज तर्रार खबरों से आजकल दोनों की ही नाक में दम किये हैं। जो भी हो परिवर्तन प्रकृति का नियम है और भविष्‍य केवल न्‍यूज पोर्टल का है, इस परिवर्तन से जिनको कष्‍ट है वो अपना कम्‍प्‍यूटर, लैपटाप, मोबाइल वगैरा बेच कर गांव जाने की तैयारी करनी शुरू कर दें।