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सफ़ाईकर्मी ही उड़ा रहे हैं स्वच्छता अभियान की धज्जियां

अल्हागंज 05 मई 2018 (अमित वाजपेयी/अम्बुज शुक्ला). प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जहां एक तरफ स्वच्छता को लेकर विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपनाते हुए सरकारी भवनों की साफ-सफाई करने की मुहिम छेड़े हैं। वहीं दूसरी तरफ गांव में नियुक्त सफाईकर्मी इस अभियान का माखौल उड़ा रहे हैं। गांव की साफ-सफाई करने को वेतनभोगी सफाई कर्मी रखे गए हैं। पर गांव के जिम्मेदार ग्राम प्रधानों के धन उगाही में लिप्‍त होने के चलते ग्रामीण गंदगी में नालियों की सड़ांध व दुर्गंध के बीच जीवन यापन करने को मजबूर हैं। 


जानकारी के अनुसार संक्रामक रोगों से  ग्रामीण ग्रसित होते जा रहे हैं। सफाई कर्मी चमचमाते कपड़े पहनकर प्रधान के घर जाकर रजिस्टर पर हस्ताक्षर बनाकर वापस चले जाते हैं। वे भी महीना बीतने के बाद अपनी जेब गर्म करते हुए उनकी उपस्थिति पर मुहर लगा देते हैं। गांवों में आज के हालात यह हैं कि जगह-जगह कूड़ा करकट का ढेर लगा हुआ है। गांव में सफाई कर्मी के नियमित नहीं आने से कूड़े का ढेर लगा हुआ है। कचरे से पटी नालियां भी चोक हो चुकी हैं। इससे लोगों के घरों से निकलने वाला पानी रास्ते में बहता रहता है। इससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

गांव  कोयला ज्ञानपुर के अपसर पुत्र मुरादशेर, रहमत शेर, सैफ अली, रजा, जाकिर अली, पप्पू, नाजिर अली, शाकिर अली, नाजमा, अपसाना, रफीक, समर आदि का कहना है कि ग्राम  प्रधान अमरपाल  इस गांव की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, हम लोगों के निकलने के लिए कोई सही रास्ता नहीं है। अभी तो यह हाल है, चौमास में तो हम लोगों को हद से ज्यादा परेशानियाँ उठानी पडती है। जबकि शासन द्वारा हर गांव को शौचालय प्राप्त हो रहे हैं पर हम लोगों को शौचालय एक भी  नहीं मिला है और न ही हम लोगों को कालोनी मिली है।  

प्रधान हम लोगो को विकास के नाम पर कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराते, यहां तक की नालियों की स्थिति चौमासी हो गई है। गंदगी और पानी से नालियां पटी पडी है। जिससे साफ जाहिर होता है कि गांव के प्रधान प्रधानमंत्री जी के अभियान को पलीता लगाने मे कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ रहे है। ग्रामीण बताते हैं कि सफ़ाई कर्मी ने अपनी जगह कोई दूसरा आदमी मजूरी पर कर रख्खा है जो महीने मे दो बार ही सफाई करने आता है। जिससे यह भी पता चलता है कि प्रधान की लापरवाही हद से ज्यादा है जोकि ग्राम पंचायत मे कोई भी काम करना नहीं चाहते और भाजपा सरकार की मंशा पर पूरी तरह पानी डालने में लगे हैं।