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कानपुर सेंट्रल पर खुलेआम पनप रहा है अवैध वेंडरों का धंधा


कानपुर 20 अप्रैल 2018 (महेश प्रताप सिंह/अनुज तिवारी).  शायद कानपुर सेंट्रल पर पूरे मंडल में सबसे अधिक भ्रष्टाचार और अराजकता फैलवाने के पुरस्कार स्वरूप ही यहां की आरपीएफ को इस साल 26 जनवरी पर जीएम अवार्ड से नवाजा गया। अब मलाईदार पोस्टिंग दी जाएंगी। पर इलाहाबाद मंडल के सबसे महत्वपूर्ण, कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर आरपीएफ की छत्रछाया में ही अराजकता का नंगा नाच हो रहा है। 


प्राप्‍त जानकारी के अनुसार यहां पूरे मंड़ल में सबसे अधिक उगाही व वसूली देने वाले अवैध वेंडरों के ठेके हैं। सबसे अधिक अवैध वेंडर और अधिकतम अवैध, बिना लाइसेंस वाले ठेले और रेड़ियां खुलेआम प्लेटफॉर्मों पर चलवाई जा रहीे हैं। पानी के नल और नये लगे वॉटर एटीएम तक खराब करवा दिए जाते हैं। जिससे कि आरपीएफ के स्‍पेशल ठेके वाले अवैध वेंडरों का नकली और रिफिल्ड मिनरल वाटर बेचा जा सके। बेस किचन जान बूझकर बर्बाद करवा दी गई है, जिससे कि घटिया खाद्य सामग्री (रेल आहार के डिब्बे, पूड़ी सब्जी आदि) बाहर  से मंगवाई जा सके और खूब मार्जिन बचे (भाई आखिर बड़ा हिस्सा इलाहाबाद भी तो पहुंचाना है. जैसा कि खुद अधिकारी कबूलते हैं).

आरपीएफ की आंखों के सामने चौबीसों घंटा प्लेटफॉर्म नंबर 1 से लेकर 9 तक ये अवैध वेंडर और ठेले घूमते रहते हैं। कैटरिंग और कमर्शियल विभाग के अधिकारी तो अपनी आंखें मीचे ही हैं, दिन रात प्लेटफॉर्मों पर रहने वाली आरपीएफ को भी ये सब नजर नहीं आता। शायद कानपुर सेंट्रल पर पूरे मंडल में सबसे अधिक भ्रष्टाचार और अराजकता फैलवाने के पुरस्कार स्वरूप ही यहां के आरपीएफ इंस्पेक्टर को इस साल 26 जनवरी पर जीएम अवार्ड से नवाजा गया।

पब्लिक को लगने लगा है कि शायद इलाहाबाद मंडल का प्रतिष्ठित जीएम अवार्ड अधिकतम करप्शन के लिए ही दिया जाता है। क्योंकि पिछले कुछ महीनों से स्थानीय पत्रकार व मीडिया लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। तमाम पोर्टल, छोटे व मझोले अखबार कानपुर सेंट्रल के भ्रष्टाचार की खबरें ढेरों फ़ोटो और वीडियो के साथ लगातार छाप रहे हैं। ये सब सबूत मंडल के शीर्ष अधिकारियों के साथ ही सीधे रेल मंत्रालय, मंत्री और रेल बोर्ड मेम्बरान को ट्वीट और व्हाट्सऐप किये जा रहे हैं। फिर भी कार्रवाई के नाम पर मंडल अधिकारी बार बार "चोर को ही कोतवाल" बना कर चले जाते हैं। 

इससे एकदम साफ है कि भ्रष्टाचार से खुश होकर ही 'कोतवाल' को  जीएम अवार्ड दिया गया है, जैसे कानपुर सेंट्रल के पूर्व आरपीएफ इंचार्ज संजय पांडेय पर लगे ढेरों संगीन आरोपों के "ईनाम स्वरूप" उनको मंडल का एसआईबी इंचार्ज बना दिया गया था। कहा जा रहा है की वर्तमान इंस्पेक्टर को भी मंडल के अधिकारियों की विशेष सेवाओं के फलस्वरूप जीएम अवार्ड मिला और अब बेहतरीन पोस्टिंग जल्द दी जाने वाली है।इसके बाद शायद फिर से कानपुर सेंट्रल की आरपीएफ पोस्ट बिकेगी और इस बार शायद सबसे ज़्यादा रेट में। बेचारे यात्री तो होते ही हैं लूटे जाने के लिए.