Breaking News

अब प्यासी नहीं मरेंगी गायें, प्रशासन करायेगा पानी की व्‍यवस्‍था - एसडीएम जलालाबाद

अल्हागंज 24 अप्रैल 2018. पानी के बिना जन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इंसान, जानवर अथवा वनस्पति इनका जीवन पानी पर ही निर्भर है। पानी के बिना जिंदा रहना मुश्किल है। जंगली गायों के द्वारा बर्बाद की जा रही फसलों को देख कर भले ही क्षेत्रीय जनता परेशान हो, लेकिन उनको प्यासा मरता हुआ जनता नहीं देख सकती। 



इसी क्रम में क्षेत्र के गांव दहेना तथा चिलौआ का बंजर क्षेत्र है। जहां प्रतिदिन लगभग एक हजार गाय बसेरा करती हैं। यह जंगली एवं लावारिस गाय घास फूस वनस्पति तथा खेतों में खड़ी फसलों को खाकर अपना पेट तो भर लेती हैं लेकिन इनको पीने के लिए पानी नसीब नहीं होता। क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पिछली पंचवर्षीय योजना में सरकारी धन से तमाम तालाब खोदे गए थे, धन का काफी दुरुपयोग भी हुआ था। कई तालाब अधूरे पड़े हैं कागजों में भले ही सभी तालाब पूर्ण करा कर उसमें पानी भरा हुआ प्रदर्शित कर दिया गया हो लेकिन असल में किसी भी तालाब में पानी नहीं हैं। पूर्व में खोदे गए तालाबों के साथ-साथ कुएं गड्ढों का अस्तित्व पानी के बिना समाप्त हो रहा है। 

इसी समस्या के चलते गांव दहेना तथा चिलौआ के बंजर में बसेरा करने वाली गायें पानी के बिना धीरे-धीरे मर रही हैं यह स्थिति ग्रामीणों के लिए असहज है। इसी से दुखी होकर क्षेत्रीय लोगों के साथ साथ  परशुराम सेना ने मर रही प्यासी गायों को बचाने की आवाज बुलंद की शासन तथा प्रशासन को भी अवगत कराया इस मर्मस्पर्शी समस्या को सुनकर प्रशासन भी द्रवित हुए बिना नहीं रह सका। जिला अधिकारी अमृत त्रिपाठी के निर्देश पर सोमवार कि शाम को SDM जलालाबाद डॉक्टर वैभव शर्मा ने ग्राम पंचायत चिलौआ के प्रधानपति आलोक मिश्रा व ग्रामीणों के साथ गांव दहेना एवं चिलौआ बंजर क्षेत्र का निरीक्षण किया, वहां बसेरा कर रही धूप और प्यास से बिलखती गायों के झुंडों को भी देखा। 



प्यासी गायों की स्थिति बड़ी ही मर्मस्पर्शी और कष्टदायक है उनको पानी उपलब्ध कराने के लिए उनके बसेरे के पास तालाब नुमा बड़ा गड्ढा करवा कर पानी से भरवाया जाएगा इसकी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी। उनको पीने के लिए पानी मिलने के बाद उनकी प्राण रक्षा भी हो सकेगी - डॉक्टर वैभव शर्मा SDM जलालाबाद


(संवाददाता - अमित बाजपेई)