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कवासी लखमा के बयान से गरमायी विधानसभा, गृहमंत्री की न तो चपरासी सुनता है और न ही डीजीपी

रायपुर 20 फरवरी 2018 (जावेद अख्तर). विधानसभा में आज का दिन हंगामेदार गुजरा, विस में बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा ने गृहमंत्री पर बयान देकर सदन को गरमा दिया। उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 'गृहमंत्री की न तो चपरासी सुनता है और न ही डीजीपी। प्रदेश में न तो व्यापारी सुरक्षित है और न ही आम आदमी, न लड़कियां सुरक्षित हैं और न ही नौजवान सुरक्षित हैं।


उन्होंने कहा कि शर्म आनी चाहिए कि एक तरफ तो विधानसभा चल रहा है और दूसरी तरफ राजधानी में गुंडे-बदमाशों का बोलबाला है। बदमाशों ने कल दिनदहाड़े व्यापारी को लूटने के दौरान गार्ड को गोली मार दी। प्रदेश में कानून राज समाप्त हो गया है। लखमा ने तंज कसते हुए कहा कि राजधानी में तो यहां तक स्थिति हो गई है कि लड़की अगर कॉलेज जा रही है, तो ये पता नहीं होता कि कब आएगी। जब तक बेटी घर नहीं आ जाती, तब तक चिंता बनी रहती है। 

कवासी के प्रश्न पर सरकार निरूत्तर - 
वहीं कवासी लखमा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा 'बस्तर तो सुरक्षित नहीं है, वहां नक्सली हैं, लेकिन क्या राजधानी सुरक्षित है? कवासी ने सवाल किया कि संसदीय कार्यमंत्री ने झीरम घाटी मामले में सीबीआई जांच की घोषणा की थी, लेकिन इस पर क्या हुआ?

कहां है देश का चौकीदार - कवासी लखमा
कवासी लखमा ने कहा कि आज बस्तर जल रहा है, लेकिन इस पर देश का चौकीदार क्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजेश मूणत बड़ी-बड़ी बात करते हैं, उन्हें क्यों गृहमंत्री नहीं बनाया जाता। उन्होंने यहां तक कहा कि दो जगहों से पार्टी चलती है, दिल्ली से अलग और नागपुर से अलग। 

प्रशासन निरंकुश भयभीत जनता - 
कवासी ने कहा कि छग का मूल निवासी आदिवासी आज क्यों भाग रहा है। भोले-भाले आदिवासियों को मारा जा रहा है। लखमा ने पूछा कि तेलंगाना में नक्सलवाद समाप्त हो गया है। यहां क्यों नहीं हो रहा है? हम आदिवासी लोग आखिर क्यों दुश्मन हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार निर्दोष लोगों को जेल में ठूंस रही है, अपनों को छुड़ाने लोग घर-द्वार बेचकर वकील के पास पहुंचता है। 

सुरक्षा की बजाए असुरक्षा बढ़ा रही पुलिस - 
बाजार में पुरुषों ने आना छोड़ दिया है, केवल महिलाएं आती हैं, क्योंकि उनमें डर है कि अगर लड़के आएंगे, तो पुलिस पूछताछ करेगी, उन्हें परेशान करेगी। वहीं अगर वो भागने की कोशिश करेगा, तो पुलिस गोली मार देगी और उसके पास से भरमार बंदूक या कट्टा दिखा देंगे।

रमन सरकार में भयभीत है आदिवासी : दीपक बैज 
अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान कांग्रेसी विधायक दीपक बैज ने कहा कि बस्तर में एक-दो दिन में दस-दस गाड़ियां जल रही हैं। सरकार के पास आईबी की रिपोर्ट है, इसके बाद भी सरकार क्या कर रही है। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या सरकार नक्सल उन्नमूलन के लिए भी 2022 का लक्ष्य रखेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर में आदिवासी आज डरा हुआ है। सरकार बंदूक की नोक पर शासन करना चाहती है। उन्होंने कहा कि गोली किसी को भी लगे, लेकिन मर आदिवासी ही रहा है। दीपक बैज ने कहा कि बस्तर के आदिवासियों का दिल बंदूक की नोक पर नहीं जीता जा सकता। सरकार बिजली, पानी, सड़क, स्कूल देकर आदिवासियों का दिल जीत सकती है। उन्होंने कहा कि दिल जीतने की कोशिश करिए, बस्तर से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। 

विस में कुटबदर कांड का जिक्र - 
कुटबदर कांड का जिक्र करते हुए दीपक बैज ने कहा कि निर्दोष लोगों को प्रताड़ित किया गया, इससे नक्सली ही पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस को मालूम था, लेकिन राजनीतिक दबाव में समझौता करवाया गया। उन्होंने कहा कि जिन्हें जेल में बंद किया गया, उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगा दिया गया। आखिर स्थानीय सांसद, विधायक, मंत्री पर किसका दबाव था। 25 लोगों पर आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। उन्होंने बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस दिन सरकार राजनीतिक दुर्भावना से काम करना बंद कर देगी, उसी दिन प्रदेश की कानून-व्यवस्था ठीक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जेलों में क्षमता से तीन गुना कैदी भरे हुए हैं। वो दिन दूर नहीं, जब प्रदेश में दूसरी जेल ब्रेक की घटना हो जाए। आदिवासी बस्तर में लाल पानी पीने को मजबूर हैं, इसके बाद भी सरकार कहती है '14 साल बेमिसाल' ये कैसा बेमिसाल है जिसमें आदिवासी बेहाल है। 

भाजपा विधायक ने की कड़ी टिप्पणी - 
भाजपा के विधायक सांवला राम डहरे ने चर्चा के दौरान विपक्ष पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने नक्सलवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। इस टिप्पणी से कांग्रेस के विधायकों ने गहरी नाराजगी जाहिर की, जमकर हंगामा भी हुआ।