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अल्हागंज - तालाब में पसरी गंदगी से मोहल्ले में फैल रही दुर्गंध

अल्हागंज 18 फरवरी 2018 (अमित वाजपेयी). नगर स्थित तालाब की साफ-सफाई नहीं होने से गंदगी के चलते लोगों को निस्तार के लिए भटकना पड़ रहा है। पानी सड़ने से अब बदबू आ रही है जिससे आस पास के रहवासियों को रहना मुश्किल हो गया है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी नगर पंचायत के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।


आपको बताते चले  कि नगर में बस स्टेशन के बगल मे एक तालाब है। जिसमें पूरे नगर का गंदा पानी आता है पानी पास होने के लिए नगर पंचायत द्वारा नाला तो बनाया गया पर उसकी ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से पानी पास नहीं हो पाता है। जिसके चलते पानी का रंग काला पड गया है। साथ ही उसमें जहरीले कीडे भयंकर जहर बाले मच्चर तथा उसमें करीब दो तीन फुट ऊँची घास आदि हो गई है। जबकि इस तालाब की सफाई साल में होनी चाहिए जो कभी नहीं हुई। इसके कारण पीरगंज के वाशिंदे हमेशा बीमार रहते हैं। चेयरमैन भी  पूरे नगर का विकास कराते है। मोहल्ला पीरगंज मे विकास आते ही उनकी लिस्ट खत्म हो जाती है। वही वार्ड सभासद भी अपनी कमीशन लेकर अपना काम चलाते है। उनकी नजर में भी स्वच्छता नहीं आती है।

मोहल्ले के ही एक व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी तथा जिला पंचायत विभाग से की जिस पर शिकायत संख्या 40015217005427, 40015217005426, 40015217003821, 40015217003555 प्राप्त हुई। सभी शिकायतें निस्तारण हेतु अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत अल्हागंज को दे दी गई। जिस पर अधिशासी अधिकारी ने आख्या लगा दी कि नगर पंचायत का कार्यकाल खत्म हो गया है। चुनाव बाद वोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पास करके तालाब की सफाई करा दी जाएगी और लगातार फांगिग कराई जा रही है। और आसपास की सफाई भी । जबकि सच तो यह है। न तो आसपास की सफाई कभी कराई गई न ही फागिंग नगर पंचायत के सफाई कर्मी जो कि इधर का रास्ता भी नहीं जानते। चुनाव बाद दुबारा उन्हीं शिकायतों पर रिमांडर लगाया गया तीन महीने से ज्यादा होने के बाद भी आज तक अधिशासी अधिकारी ने उस पर आख्या लगाना सही नहीं समझा।

सच तो सभी जानते है। कि नगर पंचायत के इस सत्र में दिसम्बर माह मे एक वोर्ड मीटिंग हुई जिसमें तालाब की सफाई की कोई बात नहीं की गई। सिर्फ़ कमीशन के हिस्से के चर्चे चलते रहे। जिसके परिणामस्वरूप सभासदों ने बगाबत कर दी जबसे नगर के कुछ सभासद विकास का मुद्दा बनाकर शिकायत पर शिकायत कर रहे है। उनकी भी फरियाद न तो अधिशासी अधिकारी सुन रहे न ही प्रशासन के अधिकारीगण जिससे साफ जाहिर होता है। कि इस कमीशन की लड़ाई में न तो नगर का विकास होगा। न ही तालाब की सफाई न ही नगर का अतिक्रमण हटेगा न ही चेयरमैन सभासदों के झूठे वादों का मुद्दा। क्योंकि वोटर की जरुरत चुनाव मे जरुरत पडती है, इसके बाद उनका कुछ भी हो नेताओं को तो अपनी कमीशन से मतलब।

तालाब के सम्बन्ध मे जब हमारे रिपोर्टर ने अधिशासी अधिकारी दया शंकर से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है। जिसका निस्तारण न हुआ हो। तालाब की सफाई वोर्ड मीटिंग चाहेगा तो होगी नहीं तो नहीं होगी जब नगर पंचायत मे पैसा हो और बोर्ड मीटिंग की सहमति हो, तभी सफाई होगी तालाब सही है। बार बार झूठी शिकायत की जाती है।