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बिठूर - प्रधानमंत्री के सपनों को चकनाचूर करने में जुटा है जिला प्रशासन

कानपुर 06 फरवरी 2018 (कालीचरण दीक्षित). उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थो में से एक बिठूर जो कि सृष्टि का आदि तीर्थ व 1857 की क्रांति भूमि कहलाता है और महारानी लक्ष्मीबाई, बाजीराव पेशवा, तात्या टोपे आदि की कर्म भूमि‍ भी रहा है । वही बिठूर इन दिनों प्रशासनिक लापरवाही का शिकार होकर बुरी हालत में है।

बिठूर पर्यटन की दृष्टि से भी सूबे में प्रमुख है और सरकारों द्वारा करोड़ों रूपये भी बिठूर में लगाया जा रहा है, लेकिन धरातल की सच्चाई देख कर आने वाले तीर्थ यात्री व पर्यटकों का मन  क्षुब्ध हो जाता है। यहां आने वाले यात्री सूबे व देश के मुखिया को कोसते नजर आते हैं। इलाकाई लोगों की माने तो बिठूर के प्रमुख स्नान घाटों में से एक गुदारा घाट है, जहाँ पर रोज 2 से 4 हजार तीर्थ यात्री स्नान करता है। लेकिन सुविधा के नाम पर यात्रियों के लिए यहां कुछ नहीं है। न ही घाट पर सफाई है और न ही इस घाट के पास कोई शौचालय है। स्थिति इतनी भयावह है कि वर्तमान में महाशिव रात्रि के दौरान चलने वाले काँवरिया हजारों की संख्या में गंगा के तट पर खुले में शौच करते हैं जिससे भयंकर गंदगी फैलती है और यह स्थिति उस घाट की है जिस घाट पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ अभी कुछ दिन पहले ही पूजन व गंगा आरती करा कर गए हैं ।

जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ गंगा मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाये हैं, और कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। वहीं दूसरी ओर सम्बन्धित विभाग के अधिकारी व जिला प्रशासन की लापरवाही व अनदेखी के कारण बिठूर में प्रधान मंत्री के सपने चकना चूर होते नजर आ रहे हैं और जनता में सरकार के सारे वादे खोखले होने का संदेश फैल रहा है। ये हालात तब हैं जब स्‍थानीय विधायक अौर नगर पंचायत अध्‍यक्ष दोनों भाजपा के हैं।