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कांग्रेस में प्रवेश के राजनैतिक ड्रामे का अंत, भाजपा नेताओं ने सूची को बताया फर्जी

रायपुर 14 अक्टूबर 2017 (जावेद अख्तर). छग के उत्तर बस्तर यानि कांकेर जिले का राजनैतिक अखाड़ा व राजनैतिक समीकरण का केंद्रबिंदु माने जाने वाले ब्लाक नरहरपुर में कांग्रेस के पदाधिकारीयों के समक्ष जो कांग्रेस प्रवेश का ढिंढोरा पीटते हुए हल्ला मचाया गया था, उसका खंडन भाजपा ने कर मामले का पटाक्षेप कर दिया।

ज्ञात हो कि 'भाजपा के कुछेक नेताओं का कांग्रेस पार्टी में प्रवेश की सूची सामने आने के बाद' मामला मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा वहीं भाजपा नेताओं ने खंडन-पत्र के माध्यम से उक्त खबर को कोरी अफवाह बताया है। 

भाजपा नेताओं ने किया खंडन - 
खंडन करने वाले भाजपा के नेता नरेश मंडावी व अन्य नेताओं ने जारी खंडन-पत्र में बताया कि 'कांग्रेस के द्वारा दिनांक 11 अक्टूबर 2017 को स्थानीय मंडी प्रांगण में कांग्रेस नेताओं के कार्यक्रम में कुछ राजनैतिक पार्टी  कांग्रेस के कुछ जिम्मेदार लोगों के द्वारा जो सूची कांग्रेस पार्टी में प्रवेश की सौंपी गई थी वह पूर्णत: फर्जी व भ्रामक अफवाह फैलाने के लिए की गई थी'। 

जिनका नाम उन्होंने किया खंडन, कहा हाईकमान से करेंगे शिकायत - 
भाजपा के प्रति निष्ठा रखने वाले कुछ नेताओं ने पुन: खंडन कर कहा कि हम इस प्रवेश का ढिंढोरा पीटने वाले की निंदा करते है। इस बात का भी खंडन कर कहा कि हमने कांग्रेस प्रवेश की बात कभी नहीं कहीं, जिसमें हमारे नाम का इस्तेमाल कांग्रेस प्रवेश के लिये किया है वह सूची व घोषणा फर्जी व गलत है। उन्होंने अपनी पूरी निष्ठा भाजपा में दिखाते हुए विचारधारा का भी समर्थन कर पूरे मामले की शिकायत पार्टी हाईकमान से करने की बात कही। 
मामला कांग्रेस से निकलता दिखा तो - 
कल व आज हुये राजनैतिक ड्रामे का अंत भाजपा नेताओं द्वारा खंडन करने से हुआ। भाजपा को पूरे ड्रामा से बचाने की कवायद एवं विभीषणों की पोल युवा मोर्चा के पदाधिकारी व एक पार्षद के द्वारा खोले जाने के संकेत मिले हैं। वहीं कुछ लोगों के राजनैतिक भविष्य पर अब सवाल भी उठाये जा रहे कि आखिर कांग्रेस प्रवेश की सूची कहां से लीक हुई ? और अब खंडन का दौर ? पूरे मामले की शिकायत कांग्रेस व भाजपा नेताओं ने अपने-अपने आकाओं को करना व भेजना प्रारंभ कर दिया है ताकि कुछेक विभीषणों को अनुशासनहीनता मानते हुये पार्टी से बाहर निकालने का रास्ता साफ हो सके। 

कांग्रेस के अंदर मचा भूचाल, उठे सवाल - 
दिल्ली से आए छग प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम बड़े नेताओं को खुश करने के लिए राजनैतिक ड्रामे की स्क्रिप्ट तैयार की गई, उसे लेकर अब आपस में ही पार्टी के अंदर कांग्रेस प्रवेश को लेकर राजनैतिक चर्चा जोरों पर है कि आखिर मामला कहां बिगड़ा? हालांकि यह भी चर्चा रही कि मीडिया को विज्ञापन के माध्यम से मैनेज कर दिया गया था, लेकिन वहां का मैनेजमेंट देख चाय तक नसीब नहीं होना कांग्रेस के 13 साल के राजनैतिक समीकरण को बिगाड़ने का मुख्य कारण बना या प्रमुख भूमिका रही। देखना अब यह है कि जिस प्रकार से आनन-फानन में कांग्रेस प्रवेश की जो सूची बनाई व बनवाई गई थी उसे लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी क्या रूख अपनाते है? या फिर पार्टी की छवि धूमिल करने के एवज़ में कुछ लोगों को किनारे करते हैं। ये जल्द ही पता चल जाएगा।