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भारत की दो लाख कंपनियों के पंजीयन खत्म, छग की 904 कंपनियां व बैंक खातों पर लगी रोक

रायपुर 08 सितंबर 2017 (छग ब्यूरो). ब्लैकमनी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने 2 लाख से ज्यादा कंपनियों के बैंक अकाउंट पर रोक लगा दी है। इसमें छत्तीसगढ़ की 904 कंपनियों के नाम शामिल है। इनके रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिए गए हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक रूल्स वॉयलेशन की वजह से यह कदम उठाया गया है।

मिनिस्ट्री के मुताबिक, जिन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं, उन्होंने कंपनी लॉ से जुड़े रूल्स को फॉलो नहीं किया था। फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक-2,09,032 कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं। यह कार्रवाई कंपनी एक्ट के सेक्शन 248(5) के तहत की गई है। जिन कंपनियों पर कार्रवाई की गई है उसमें सोने-चांदी के बड़े व्यापारी, कंस्ट्रक्शन कंपनी, पावर जनरेशन कंपनी, कई बड़े होटल कारोबारी, माइनिंग एवं सीमेंट कंपनी समेत अन्य शामिल है। इस कार्रवाई के बाद इन कंपनियों के डायरेक्टर और अथोराइज्ड सिग्नेट्री, अब एक्स डायरेक्टर और एक्स अथोराइज्ड सिग्नेट्री हो गए है। इसका मतलब यह हुआ कि ये लोग तब तक कंपनियों के बैंक अकाउंट से कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर सकेंगे जब तक कंपनी फिर से कानूनी तौर पर मान्य नहीं हो जाती है।

ऐसी कंपनियों के लेनदेन रोकने पर कदम उठाएं बैंक - 
फाइनेंशियल सर्विस डिपार्टमेंट ने इंडियन बैंक एसोसिएशन की मदद से बैंकों को सलाह दी है कि वह ऐसी सभी कंपनियों के अकाउंट में ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने के लिए कदम उठाएं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही वित्तीय सेवाओं के विभाग ने भारतीय बैंक संघ के जरिये बैंकों को भी सलाह दी है कि वह ऐसी कंपनियों के बैंक खातों से लेनदेन को रोकने के लिये तुरंत कदम उठायें। रिलीज में कहा गया है, ''इन कंपनियों के नाम काटने के अलावा बैंकों को भी यह सलाह दी गई है कि वह कंपनियों के साथ लेनदेन करते हुये सामान्यत: अधिक सावधानी बरतें।''

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर बेशक किसी कंपनी को 'सक्रिय' बताया गया हो, लेकिन यदि वह अन्य बातों के साथ साथ अपनी वित्तीय जानकारी और सालाना रिटर्न को सही समय पर दाखिल नहीं करती तो ऐसी कंपनी को प्रथम दृष्टया अनिवार्य सांविधिक दायित्वों का पालन नहीं करने वाली संदेहास्पद कंपनी की नजर से देखा जा सकता है।