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दिल्ली तक चलने वाली डग्गामार बसें करती है रोड टैक्स चोरी


अल्हागंज 15 अगस्त 2017. बाबू जी दिल्ली चलना है, किराया सिर्फ़ 260 रुपये की हेल्पर की आवाज सुनकर किराये की बचत सोचकर झाँसे मे आने बाले यात्री को उस समय पश्चाताप होता है। जब वो बस के अन्दर  जानवरों की तरह ठूँस ठूँसकर भरे हुए यात्रियों के बीच फर्श पर बैठने पर मजबूर होते है। यह हाल है हरदोई वाया अल्हागंज बदायू होते हुए दिल्ली तक चलनेवाली प्राईवेट डग्गामार बसों का जो इन्‍कम तो करती हैं लेकिन शासन को रोड टैक्स नहीं देती हैं।


प्राप्त जानकारी के अनुसार हरदोई तथा हरिपालपुर से दो डग्गामार बसे सुवह 6 बजे तथा साम को दो तीन बसें अल्हागंज बदायू होते हुए दिल्ली को जाती है। जिनके पास रोड परमिट नहीं होते है। एक सिस्टम के तहत इन बसों के कर्मचारी रास्ते मे पडने बाले थाना पुलिस को सुविधा शुल्क देते हुए निकलती रहती है। दिल्ली जाने बाले यात्रियों का कहना है। कि इन बसों में उसावा (बदायू) तक तो यात्रा लेटे हुए आराम से हो जाती है। फिर वहाँ यात्रियों की अदला बदली का खेल शुरू हो जाता है। जिसके तहत कई बसों से यात्रियों को उतार कर एक बस में सब को जानवरों की तरह ठूँस ठूँसकर कर भरा जाता है।

फिर यहीं से दिल्ली चलनेवाले यात्रियों का मुश्किल भरा सफर शुरू हो जाता है। सीटों पर निर्धारित संख्या से ज्यादा यात्रियों को बैठाया जाता है। इसके अलावा नीचे बाली फर्श तथा ऊपर बाली बर्थ पर भी यात्रियों को ठूँसा जाता है। कम किराये का लोभ ही यात्रियों को कष्ट दायक सफर करने के लिए मजबूर करता है। क्योंकि अल्हागंज से दिल्ली तक का रोड बेज बस का किराया करीब 350 रुपये है। दिल्ली तक सफर करने बाले सूत्र बताते है। कि नेशनल हाईवे पर गजरौला के पास भी यात्रियों की अदला बदली की जाती है। जिसके तहत दिल्ली बाले यात्रियों को वहाँ से परमिट बाली बसों पर बैठाकर दिल्ली तक की यात्रा पूरी करा दी जाती है।

फरुँखाबाद से हरिपालपुर वाया हुल्लापुर चौराहा मार्ग पर चलती हैं दो दर्जन डग्गामार बसें -

अल्हागंज का सीमावर्ती  हुल्लापुर चौराहा तीन जिलों का सम्पर्क मार्ग बन गया है। जहाँ से शाहजहाँपुर फरुँखाबाद हरदोई के यात्रियों का रुट है। यहां से करीब दो दर्जन डग्गामार बसे हरिपालपुर से हुल्लापुर चौराहा होते हुए फरुँखाबाद तक का सफर तय करती है। इनके पास भी  यात्रा परमिट नहीं होता है। पुलिस तथा परिवहन निगम  के अधिकारियों का इनको संरक्षण प्राप्त है। जिसके चलते अगर निगम का कोई अधिकारी खानापूर्ती के लिए दौडा करता है। तो इसकी सूचना डग्गामार बसों के स्टाप को पहले से मिल जाती है। जिसकी वजह  से उस दिन डग्गामार बसों का आवागवन ठंप रहेता है। इस व्यवस्था के चलते सरकार को रोड टेक्स चोरी करके भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया जाता है।