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संसदीय सचिव के मामले में सीएम ने अपना नाम हटाने की हाईकोर्ट में लगाई अर्जी

बिलासपुर 21 अगस्त 2017 (जावेद अख्तर). संसदीय सचिवों के मामले में मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने पक्षकार के रूप में अपना नाम वापस लेने की मांग की है। मोहम्मद अकबर की याचिका में मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को पक्षकार बनाया है। 23 अगस्त को इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी है। रमन सिंह की याचिका पर फैसला भी इसी दिन होगा।

याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर ने जानकारी दी कि शुक्रवार को रमन सिंह ने शपथपत्र दिया कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का फैसला बतौर मुख्यमंत्री किया था। इसलिए इस पर उन्हें इस मामले से व्यक्तिगत तौर पर पार्टी न बनाया जाए। 

मोहम्मद अकबर ने लगाई थी याचिका - 
मोहम्मद अकबर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है जिसमें संसदीय सचिवों की नियुक्ति को कोर्ट ने अवैधानिक बताया है। इस मामले में 11 संसदीय सचिवों के साथ मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाया गया है। यह केस निर्णायक दौर में है। 23 अगस्त को इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी है। रमन सिंह की याचिका पर फैसला इसी दिन होगा।
इससे पहले 1 अगस्त को हाईकोर्ट ने इस याचिका से संबंधित एक आदेश में संसदीय सचिवों के काम करने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि केवल राज्यपाल द्वारा नियुक्त ही मंत्री के तौर पर काम कर सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने असम के मामले में राज्यों द्वारा संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैधानिक माना था। 

ये हैं 11 संसदीय सचिव - 
1. अंबेश जांगड़े
2. लाभचंद बाफना
3. लखन देवांगन
4. मोतीराम चंद्रवंशी
5. राजू सिंह क्षत्री
6. रुपकुमारी चौधरी
7. गोवर्धन मांझी
8. चंपादेवी पावले
9. सुनीती सत्यानंद राठिया
10. तोखन साहू
11. शिव शंकर पैकरा