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दिमागी बुखार से बचाव हेतु आज से चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान

शाहजहाँपुर 25 मई 2017. जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में 25 मई से 11 जून  तक चलाये जाने वाले विशेष टीकाकरण अभियान की बैठक विकास भवन सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। उक्त बैठक में जिलाधिकारी ने नियमित टीकाकरण की समीक्षा करते हुये पाया कि कुछ सी.एच.सी./पी.एच.सी. की प्रगति अच्छी नहीं है और सम्बन्धित बी.पी.एम., वी.सी.पी.एम. तथा प्रभारी चिकित्साधिकारी अपने कार्यो में ढिलाई बरत रहे हैं। 


उन्होंने निर्देश दिये कि जिन बी.पी.एम. व वी.सी.पी.एम. का कार्य अच्छा नहीं है उन्हें सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जाये और जिन प्रभारी चिकित्साधिकारियों द्वारा कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है उन्हें चेतावनी जारी करते हुये प्रगति में सुधार न लाने पर उनके विरूद्ध  कार्यवाही का चेतावनी पत्र निर्गत किया जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने पाया कि कई सी.डी.पी.ओ./सुपरवाईजर, ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य समिति की बैठक में उपस्थित नहीं होते। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि गत चार बैठकों में जो ब्लाक स्तरीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कार्मिक अनुपस्थित रहे हों उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्रावली प्रस्तुत की जाये। 

बैठक में यह पाया गया कि अधिकतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों में बण्डा,  खुटार, जैतीपुर, निगोही आदि सी.एच.सी. की प्रगति अच्छी नही रही है। जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश दिये है कि उनके विभागीय कार्यो में प्रगति अच्छी न होने पर कार्यवाही हेतु शासन को लिखा जायेगा।  उक्त बैठक में जिलाधिकारी ने मस्तिष्क ज्वर के विषय में पाया कि यह बुखार सबसे सन् 1871 में जापान में पहचाना गया। उसके बाद 1924 से मस्तिष्क ज्वर के रूप में जाना जाता है। यह रोग सन् 1935 में जापान में सबसे पहले पहचान की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 50 हजार लोग प्रतिवर्ष गम्भीर रूप से प्रभावित होकर और लगभग 10 हजार से अधिक लोग मरते है। यह भारतीय प्रायदीप में ज्यादातर है। यह रोग विशेष जाति के मादा मच्छर, सुअर के रक्त से बीमारी के विषाणु प्राप्त कर मनुष्य के शरीर में पहुचती है। यह रोग अधिकतर माह अगस्त से नवम्बर माह तक होता है। इस रोग में अचानक तेज बुखार सिर में दर्द, गर्दन का अकड़ना, उल्टी, मदहोशी, झटको का आना तथा बेहोशी इस रोग के लक्षण है।  

जिलाधिकारी ने कहा कि इस रोग से बचाव के लिये मरीज को तुरन्त निकट प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/जिला चिकित्सालय पर पहुंचाये विलम्ब/देर करना प्राणघातक हो सकता है। मच्छरो के बचाव हेतु कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करायें, (विशेषकर सुअर बाड़ो में) मच्छरदानी का प्रयोग सोते समय करें। इलाज नीम हकीम से न कराये। रोग के लक्षण मालूम होते ही रोगी को अस्पताल ले आये। जांच एवं उपचार की सुविधायें सभी स्वास्थ्य केन्द्रों/सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है। उक्त बैठक में मुख्य विकास अधिकारी टी.के.शिबु ने कहा कि चिकित्सा विभाग के कार्यो में विभागीय अधिकारियों द्वारा पूरा योगदान नही दिया जा रहा है। कोई न कोई कमी छोड़ दी जाती है। जिससे प्रगति अच्छी नही हो पा रही है। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रगति अच्छी न होेने पर जिले की छवि धूमिल होती है। इसलिये कार्यो में तेजी लाये। उक्त अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. कमल कुमार ने बताया कि उक्त बुखार से बचाव हेतु विशेष टीकाकरण दिनांक 25 मई 2017 से 11 जून  2017 तक चलाया जायेगा। जिसमें समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी अच्छी तरह से अच्छी तरह तथा पूर्णनिष्ठा से कार्य करें। उक्त बैठक में सम्बन्धित विभागो के अधिकारी डाक्टर आदि उपस्थित रहे।