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बच्चों की जेब पर डाका डाल रहे हैं ये आइसक्रीम कारोबारी, थाना प्रभारी दे रहे हैं संरक्षण

कानपुर 08 मई 2017. बच्चों के लिए गर्मियों के मौसम में सबसे दिलचस्प खाद्य प्रदार्थ होता है आईसक्रीम. बच्चों के साथ साथ बड़े भी अक्सर इसका लुत्फ़ उठाते नज़र आ जाते हैं. बच्चे अक्सर अपने पॉकेट मनी का अधिकतम हिस्सा बचा कर आईसक्रीम में खर्च करते हैं. मगर काले कारोबारियों को अपने अधिक मुनाफे के लिए इन मासूम बच्चों के जेब पर डाका डालने में भी कोई हिचक नहीं हो रही है. इसकी एक बानगी कानपुर में देखने को मिली जहां दिनशा आईसक्रीम को एमआरपी से 25% से लेकर 40% तक ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है और बच्चों की जेब पर डाका डाला जा रहा है.


सूत्रों के अनुसार दिनशा आईसक्रीम कम्पनी के एक आईसक्रीम के फेरी वाले से हमारे एक पत्रकार ने आईसक्रीम का कारनैटो कोन ख़रीदा। फेरी वाले ने इसका दाम 25 रुपया माँगा. जब इसकी एमआरपी देखा गया तो पाया गया कि एमआरपी को खुरच दिया गया था. जैसा आप फोटो में देख सकते हैं कि एमआरपी खुरचने के बाद भी इसका अधिकतम खुदरा मूल्य रुपया 20 नज़र आ रहा था. हमारे पत्रकार ने जब इस सम्बन्ध में फेरी वाले से पूछा तो उसने बताया कि यह दाम हमारे एजेंसी मालिक के द्वारा बता कर दिया जाता है। एजेंसी मालिक ही दाम को मिटा कर माल हमको देता है। हमको शाम को इसी भाव पर बिक्री का हिसाब उसको देना होता है. हमको सिर्फ अपने कमीशन से मतलब होता है.
 
 
इस काले कारोबार के सम्बन्ध में हमारे पत्रकार ने एजेंसी मालिक अंकुर से उसके गोदाम पर जाकर बात की तो पहले तो उन्होंने इस ओवर रेटिंग से साफ़ इनकार किया फिर जब उनको इस सम्बन्ध में एकत्र साक्ष्य दिखाया गया तो अंततः वो बोल पड़े कि क्या किया जाय खर्चो को मेंटेन करने के लिए इतना करना पड़ता है. सिर्फ एजेंसी के खर्च के अलावा अन्य कई खर्च हैं, उसको देखना पड़ता है. कम्पनी द्वारा दिए गए मुनाफे में से कुछ बचता ही कहां है। तो ओवर रेटिंग थोडा बहुत कर लिया जाता है.

थाना प्रभारी हरबंशमोहाल ने दी छायाकार को मुकदमा लिख कर जेल भेजने की धमकी 

इस प्रकरण के बारे में स्थानीय थाना प्रभारी थाना हरबंश मोहल को पता चला तो थाना प्रभारी महोदय ने छायाकार अरुण कश्यप को फ़ोन कर हड़काना शुरू कर दिया कि सब पत्रकारिता धरी रह जाएगी और मुकदमा लिख दूंगा तुम्हारे ऊपर चले जाओगे जेल. अब दुबारा वहां नहीं जाना। अगर तुमको महंगा लग रहा है आईसक्रीम तो जाकर कन्ज़यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करवाओ मेरे इलाके में ये पत्रकारिता नहीं चलेगी।
 
थाना प्रभारी का ये व्‍यवहार साफ बताता है कि उक्‍त आइसक्रीम कारोबारी को उनका संरक्षण प्राप्‍त है। विचारणीय है कि अगर किसी गैर कानूनी हरकत की रिर्पोटिंग पत्रकार नहीं करेगा तो भला पत्रकार करेगा क्‍या ? या अब खबर कौन सी और कैसी लिखी जायेगी ये थानेदार महोदय पत्रकारों को सिखायेंगे ?