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काल बनकर सड़क पर दौड़ रहे हैं ओवर लोड़ डंपर

शाहजहांपुर 15 मई 2017 (खुलासा TV ब्यूरो).  अगर आप रोजा रोड़ व हरदोई रोड जाने को सोच रहे हैं तो थोड़ा सावधान होकर जाएं, क्यों कि रोजा रेलवे रैक से बजाज एनर्जी व पॉवर प्लांट के दर्जनों डंपर सड़क पर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। जिस ओर प्रशासन आंख बंद किये हुए है। रोजा रैक से बजाज एनर्जी का कोयला ट्रेनों द्वारा आता है, जो डम्परों में भरकर बजाज एनर्जी की चीनी मिलों में भेजा जाता है। 


जानकारी के अनुसार रैक पर प्रतिदिन लगभग 2 ट्रेनें कोयला की आ जाती हैं। जिसके लिए दर्जनों डंपर उस कोयले को उठाने के लिए लगते हैं। डम्परों में कोयला ओवर लोड़ भर दिया जाता है। जिससे डंपर चालक अक्‍सर अपना संतुलन संभाल नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से रोजा क्षेत्र में इन डम्परों से दर्जनों दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। जिनके मुकदमे रोजा व आरसी मिशन थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं। अभी बीते वर्ष आरसी मिशन क्षेत्र के पुत्तु लाल चौराहे पर स्थित एक दुकान व मकान की दीवार चीरते हुए घर के अंदर बजाज एनर्जी का डंपर घुस गया था। जिससे लाखों के जान माल की हानि हुई थी। इसके साथ ही पॉवर प्लांट से जो राखी निकलती है वो ग्राम देवकली में बने तालाब में गिराई जाती है। जहां से डम्परों में ओवर लोड़ भरकर बाजार में बेचीं जाती है। राखी डम्परों में ओवर लोड़ भरी हुई होती है। जिसकी वजह से हर समय हादसा होने का डर बना रहता है। सूत्रों की माने तो उक्त ओवर लोडिंग का धंधा एआरटीओ के संरक्षण में चल रहा है। यह डंपर नो एंट्री एरिया में भी प्रवेश कर जाते हैं, जिससे जाम की समस्या भी विकराल बन जाती है। लेकिन यातायात प्रभारी मूक दर्शक बने हुए हैं।

एआरटीओ के संरक्षण में चल रहा ओवरलोडिंग का धंधा -
प्रदेश की योगी सरकार दुर्घटनायें रोकने के लिए ओवर लोडिंग पर लगाम कसने के लिए कटिबद्ध है। जिसके लिए प्रदेश भर में अभियान चलाकर ओवर लोडिंग वाहनों की चैकिंग करके उनके चालान काटे जा रहे हैं। लेकिन शाहजहांपुर के एआरटीओ जनपद के कई नामी गिरामी उद्योगों पर मेहरबानी बनाये हुए हैं। शहर में स्थित बिजली पॉवर प्लांट से निकलने वाली राखी पूरे जिले में सप्लाई की जाती है, जो डम्परों में ओवर लोड़ भर कर भेजी जाती है। इसके साथ ही बजाज एनर्जी का कोयला रोजा रैक से ओवर लोड़ भरकर ही जाता है। इनके डम्परों पर नो एंट्री भी लागू नहीं होती है। पूरे दिन धड़ल्ले से सड़क पर दौड़ते नजर आते हैं। यह डंपर दर्जनों लोगों की जान ले चुके हैं। कोयले और राख के प्रदूषण से क्षेत्र की जनता खून के आंसू रो रही है। एआरटीओ ने अभी तक एक भी डंपर का ओवर लोड़ में चालान नहीं किया है। जिसके चलते उनकी कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है।