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आपसी विवाद के चलते होटल में लगाई गई आग, नियमों की अनदेखी के कारण पांच जिंदा जले

छत्तीसगढ़ 25 अप्रैल 2017 (जावेद अख्तर). राजधानी के बंजारी मंदिर के निकट रहमानिया चौक पर स्थित होटल तुलसी में आगजनी के कारण बीते दिनों पांच कारोबारी जिंदा जल गए थे। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें समझ आता है कि होटल तुलसी में शार्ट सर्किट से आग नहीं लगी थी बल्कि जानबूझकर आपसी विवाद के कारण आग लगाई गई थी। सीसीटीवी फुटेज में देखकर इसकी पुष्टि की जा सकती है।


फुटेज सामने आने से सबसे बड़ा सवालिया निशान पुलिस की जांच पर लग गया है क्योंकि पुलिस का कहना है कि आगजनी की घटना का कारण शार्ट सर्किट था। मगर अब पुलिस के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं है। होटल तुलसी में लगी आग इतनी भयंकर थी कि दीवारें तड़क गईं, लगभग 24 घंटे वहां आग धधकती रही। पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने निगम को जांच रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें यह बात सामने आई है कि अब दीवारों के धसने व दरकने का खतरा बन गया है, खतरे को देखते हुए पुलिस ने नगर निवेश विभाग से भी जानकारी मांगी है। फिलहाल होटल को बंद रखा गया है।
कई बार छोटी सी अनदेखी या गलती से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है यह होटल तुलसी में आगजनी की घटना से समझा जा सकता है। भ्रष्टाचार यानि लेनदेन करके होटल तुलसी का संचालन नियमों व मापदंडों के विपरीत किया जा रहा था। जब आगजनी की घटना हुई तो इस लापरवाही की कीमत पांंच कारोबारियों को जान देकर चुकानी पड़ी। जानबूझकर ऐसी अनदेखी करना मानव जाति को मौत के मुंह में पहुंचाना है। ऐसा भ्रष्टाचार जो मानव जीवन को खतरे में डाल दे, माफी लायक होता है? यह प्रत्येक शासकीय कर्मचारी व अधिकारी को सोचने की जरूरत है?
जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि होटल तुलसी शहर के मध्य व अधिकतम व्यस्त जगह पर संचालित होना बहुत बड़ी लापरवाही को उजागर करता है। ननि कार्यालय से बमुश्किल तीन सौ कदम की दूरी पर होटल तुलसी स्थित है। काफी संकरी गली के भीतर होटल है, होटल तक चारपहिया वाहन नहीं ले जाया जा सकता था, हवा पास होने के लिए खुला स्थान नहीं था, होटल के नीचे कई गोदाम हैं, परफ्यूम डीओ वगैरह की बिक्री भी की जाती थी जिसने खतरे को कई गुना बढ़ा दिया।
इससे स्पष्ट है कि ननि ने जानबूझकर खतरे को नजरअंदाज किया और होटल तुलसी में हादसे से निपटने के उचित मानक व संशाधन नहीं होने के बावजूद भी संचालित हो रहा था। यह भ्रष्टाचार का खुलासा करता है। दूसरे दिन पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने भवन के हालत की पड़ताल की। फॉरेंसिक टीम ने न केवल दीवारों-छत को बल्कि पूरे कॉम्प्लेक्स को जानलेवा घोषित कर दिया है। रिपोर्ट में हर पल खतरा बताया गया है। फारेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने होटल तुलसी के क्षतिग्रस्त कांप्लेक्स के आगे इस्तेमाल करने पर रोक लगाने अनुशंसा की है।

होटल में आग लगाई गई - 
तुलसी लॉज में 12 दिन पहले लगी भीषण आग के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है। होटल से मिले सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने आ रही है कि लॉज में आग लगी नहीं थी अपितु बड़ी साजिश के तहत लगाई लगाई थी। गौरतलब है कि इस हादसे में पांच व्यापारियों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई थी। पुलिस होटल से संचालक को गिरफ्तार कर जांच कर रही थी। पुलिस ये भी मानकर चल रही थी कि ये साजिश नहीं एक हादसा है लेकिन सामने आए सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस की जांच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

सीसीटीवी में दिख रहा युवक - 
होटल से मिले सीसीटीवी फुटेज में सफेद शर्ट पहने एक युवक थर्माकोल और एक बोतल को लेकर होटल के गेट के पास जाता है। इतना ही नहीं वह आसपास पड़े कागजों को इकट्ठा करता है और आग लगाकर होटल के अंदर फेंक देता है। इसके बाद वह इत्मीनान से वहां खड़ा भी रहता है। जब तक की आग फेल नहीं जाती। जैसे ही आग भड़कती है युवक वहां से भाग जाता है।
झगड़े के चलते लगाई आग - 
जानकारी के मुताबिक स्थानीय कारोबारियों के साथ होटल संचालक का लंबे समय से विवाद चल रहा था। सामान और गोदाम के उपयोग को लेकर किराएदारों से भी विवाद रहा है। यह भी सामने आ रहा है कि परिवार में मालिकाना हक को लेकर भी आपसी तनातनी चल रही थी। इसलिए प्रारंभिक जांच में यही साफ हो रहा है कि इसी रंजिश और झगड़े के चलते होटल में आग लगाई गई होगी। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने का पता चला था लेकिन यदि नये तथ्य और सबूत मिलते हैं तो नये सिरे से जांच की जाएगी।

होटल तुलसी कॉम्प्लेक्स लगभग 40 साल पुराना है। इसकी नींव पुराने ढांचे के हिसाब से कमजोर हो गई है। इस काम्प्लेक्स के नीचे दो दर्जन दुकानें बनाई गई हैं। आगजनी की घटना में नीचे बनाए गए ज्यादातर गोदामों में ज्लनशील पदार्थ रखे थे जो आग की चपेट में आकर ब्लास्ट तक हुए। इससे भी दीवारें कमजोर हुई। खतरे का स्तर बढ़ गया। रहमानिया चौक के आसपास ही 4-5 मंजिला व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाए गए हैं। यहां भी लापरवाही बरतने की आशंका है। बिल्डिंग्स के ऊपर से हाईटेंशन तारें गुजरी हैं। खुले तारों से करंट लगने और शॉट सर्किट की घटना हो सकती है।

4 टीमें बनाएंगी जांच रिपोर्ट - 
शहर में होटल-लॉज की जांच विशेषज्ञों से कराई जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने 4 टीमें बनाई हैं। ये टीमें फायर सिस्टम के साथ दूसरे सुरक्षा साधनों की जांच लेकर रिपोर्ट सौंपेगी। अगर मौके पर किसी भी तरह से सुरक्षा खामी मिली तो लायसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
    


-: सीसीटीवी फुटेज :-