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राजनीतिक दबाब के चलते पुलिस ईमानदारी से कार्य नही कर पा रही : अभिताभ ठाकुर (IPS)

शाहजहांपुर 05 मार्च 2017 (खुलासा TV ब्यूरो). आईजी रूल्‍स एंड मैनुअल अभिताभ ठाकुर व उनकी पत्‍नी समाज सेवी नूतन ठाकुर ने बरेली मोड़ स्थित एक होटल में आज प्रेस वार्ता कर मंत्री गायत्री प्रजापति प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये। उन्‍होंने कहा कि पुलिस सत्ता के दबाव में कार्य करती है। जब उनके जैसे सक्षम अधिकारी को न्याय नहीं मिल पा रहा है तो आम आदमी का क्या हाल हो सकता है।

रविवार को बरेली मोड़ स्थित एक होटल में आईजी अभिताभ ठाकुर व नूतन ठाकुर ने प्रेस वार्ता कर बताया कि पुलिस राजनितिक दबाव के कारण अपने कार्यो से विमुख हो गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस के रूल एंड रेगुलेशन में लूट, हत्या, डकैती, जहरखुरान, पशु तस्करी आदि कार्य हुआ करते थे। पुलिस इन अपराधों पर लगाम नही लगा पाई है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में आतंक, साइबर क्राइम आदि भी पुलिस के लिए चुनौती बन गये हैं। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर भी दुष्कर्म का मुकदमा डेढ़ साल पहले लिखाया गया था लेकिन पुलिस उनको न गिरफ्तार कर रही है और न दोषमुक्त कर रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि आबकारी सिपाही व समीक्षा अधिकारी परीक्षा का पेपर आउट हो गया था जिसकी शिकायत दर्ज कराने वो स्वयं गये थे। इसके लिए उन्होंने आईजी, डीआईजी तक के कार्यालय के चक्कर लगाये पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। जब सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया तो रिपोर्ट दर्ज की जा सकी। जिससे साबित होता है कि पुलिस सत्ता के दबाव में कार्य करती है। जब सक्षम अधिकारी को न्याय नही मिल पा रहा है तो आम आदमी का क्या हाल हो सकता है। 

नूतन ठाकुर ने कहा कि दुष्कर्म के आरोपी प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रजापति पर भी मुकदमा व गिरफ्तारी का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हुआ है लेकिन पुलिस उनको गिरफ्तार नहीं कर रही है। अगर पुलिस चाहे तो कुछ घण्टों के अंदर गायत्री प्रजापति सलाखों के पीछे नजर आये। लेकिन पुलिस के सत्ता के दबाब में कार्य करने के कारण ही गायत्री प्रजापति जैसे लोग खुले आम घूम रहे है। और पुलिस सिर्फ तमाशाबीन ही बनी रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता बदलने पर ही पीड़ित को न्याय मिल सकता है। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय अभिसूचना इकाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सत्ताधारी लोग अपने दबाव में अभिसूचना इकाई से अपनी मनचाही रिपोर्ट लगवा लेते हैं। और स्थानीय अभिसूचना इकाई द्वारा भी सत्ता की मनपसन्द रिपोर्ट शासन को भेज दी जाती है। अंत में उन्होंने कहा कि वो पीड़िता को हर हाल में न्याय दिलवाकर ही रहेंगी।