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धान बोनस पर राज्य सरकार खुद से निर्णय नहीं ले सकती, मुख्यमंत्री केवल नाम के सिंह - अमित जोगी

छत्तीसगढ़ 10 फरवरी, 2017 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलने वाले धान बोनस को लेकर, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने हाथ फ़ैलाने पर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए मरवाही विधायक अमित जोगी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार पर हमला बोला है।

सीएम सिंह सिर्फ नाम के सिंह - 
बस्तर दौरे पर गए अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल नाम के सिंह है, असल में वो शक्तिहीन और असहाय है, यही कारण है कि छत्तीसगढ़ी किसानों को बोनस देने या न देने के फैसले के लिए भी उन्हें दिल्ली दौड़ना पड़ता है और अमित शाह के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है। जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का सैद्धान्तिक विरोध इसी व्यवस्था को लेकर है जहां छत्तीसगढ़ के फैसले, छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा, छत्तीसगढ़ में न होकर दिल्ली के उन नेताओं के ड्राइंग रूम में होते हों, जो छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ियों को जानते नहीं है।

धान बोनस पर झूठे वादों का झुनझुना - 
धान बोनस पर छग के सीएम डा. रमन सिंह, दिल्ली के सामने बिल्ली बन हाथ फैलाकर अनुमति व अनुदान मांग रहे, ये छत्तीसगढ़ की अस्मिता का अपमान है। भाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में धान बोनस का लालीपाप दिखा कर अच्छे दिनों का खाली झुनझुना पकड़ा दिया, इसी से व्यथित व पीड़ित होकर सैकड़ों किसानों ने खुदकुशी कर ली और राज्य सरकार किसानों की खुदकुशी करने का कारण पारिवारिक बता इतिश्री कर ले रही। धान का समर्थन मूल्य एवं बोनस के नाम पर आज तक प्रदेश के किसानों को ठगा व छला जा रहा है।

बड़े बजट पर शेखी, धान बोनस पर खांसी -
जोगी ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह शेखी बघारते हुए छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार के 80 हज़ार करोड़ के रिकॉर्ड बजट का बखान करते फुले नहीं समाते और वहीं दूसरी तरफ किसानों के धान बोनस के लिए बजट की कमी बता अपने दिल्ली के आकाओं का मुंह ताकते हैं। असहाय मुख्यमंत्री को अपने फैसले लेने के अधिकार को भी अब अमित शाह को आउटसोर्स करना पड़ रहा है। 

सरकार बनी तो यहीं होंगे सभी फैसले -
जूनियर जोगी ने कहा कि अगर आगामी वर्ष 2018 में जोगी सरकार बनी तो वरीयता व प्राथमिकता छत्तीसगढ़ी की होगी। छत्तीसगढ़ के हितों के फैसले छत्तीसगढ़ में ही लिए जायेंगे। प्रदेश के किसानों को धान का 2500 रुपये समर्थन मूल्य देने दिल्ली का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा बल्कि सरकार बनने के पहले ही दिन इस पर अमल भी शुरू हो जाएगा। छग कृषि प्रधान राज्य है, पहले खेती व किसानों के हित के लिए नीतियां बनाकर प्रदेश के किसानों को सदृढ़ करना प्रमुख लक्ष्य होगा। नौकरियों में छत्तीसगढ़ियों को वरीयता दिया जाना, आउट सोर्सिंग पर लगाम, आदिवासी वर्ग पर अत्याचार व शोषण करने वालों पर त्वरित कार्यवाही एवं आदिवासी समुदाय को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना आदि जैसे राज्यहित उद्देश्य को प्रमुखता मानते हैं। 

* धान बोनस एवं धान उचित समर्थन मूल्य आज तक छग के किसानों को नहीं मिला है। मुख्यमंत्री केवल नाम के सिंह, दिल्ली के आगे बिल्ली है। बार बार दिल्ली के नेताओं के सामने हाथ फैलाने के विरुद्ध ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ 'जकांछ' (जे) की सैद्धान्तिक लड़ाई है। - अमित जोगी, विधायक