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नक्सली गतिविधियों में 09 मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये की सहायता

छत्तीसगढ़ 04 फरवरी 2017 (छग ब्यूरो).बस्तर के उत्तर क्षेत्र में जिला कांकेर नक्सल प्रभावित इलाकों में आता है। यहां पर भी बराबर ही नक्सलियों एवं सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की खबरें प्राप्त होती रहती है। इन मुठभेड़ों के दौरान कई बार स्थानीय ग्रामीण चपेट में आ जाते हैं, कई मर्तबा स्थानीय ग्रामीण घायल हो जातें हैं तो कई मर्तबा ग्रामीणों की जान तक चली जाती है। इसी क्रम में कलेक्टर श्रीमती शम्मी आबिदी ने जिले में नक्सली गतिविधियों में 09 मृतकों के वारिसों को पांच-पांच लाख रूपये के मान से कुल 45 लाख रूपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है।

मृतक के परिजनों को सहायतार्थ राशि - 
कांकेर कलेक्टर ने नक्सल गतिविधियों में प्रभावित हुए नौ के परिजनों को सहायतार्थ अनुदान राशि का आदेश दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार,
1) 30 सितंबर 2016 को जिले की अंतागढ़ तहसील के ग्राम हर्रापिंजोडी के मानक हुर्रा की मृत्यु होने पर पत्नी संगीता हुर्रा,
2) मृतक जैन हुर्रा की पत्नी रूकाय बाई,
3) मृतक अन्तुराम हुर्रा के पिता श्री कुंवर सिंह हुर्रा,
4) 14 सितंबर 2016 को ग्राम हुडतरई कांकेर निवासी फुलदास कुलदीप की मृत्यु होने पर पत्नी सरिता कुलदीप
5) 26 जून 2016 को तहसील पखांजूर थाना बांदे के ग्राम पीव्ही 90 निवासी बबलू दास की मृत्यु होने पर पत्नी बकुलरानी दास,
6) 03 अप्रैल 2016 को कांकेर परतापुर के ग्राम कटगांव निवासी ललित राम दुग्गा की मृत्यु होने पर उनके पिता श्री मंगल राम दुग्गा,
7) 18 फरवरी 2016 को आमाबेड़ा तहसील अंतागढ़ के बागझर पटेलपारा निवासी रजनूराम उफ रज्जूराम कचलाम की मृत्यु होने पर पत्नी दसरी बाई,
8) 17 फरवरी को ग्राम छिन्दटोला थाना परतापुर कांकेर निवासी मंगलराम उसेण्डी की मृत्यु होने पर पत्नी मानोबाई, 
9) 02 फरवरी 2016 को आमाबेड़ा अंतागढ़ के ग्राम अर्रा निवासी संतोष उर्फ संतूराम हुपेण्डी की मृत्यु होने पर मृतक की पत्नी अनिता हुपेण्डी को 05-05 लाख रूपये की मान से 45 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई है।

वहीं कांकेर कलेक्टर श्रीमती शम्मी आबदी ने सभी मृतकों के परिजनों के सावधि जमा खाते में सहायता राशि जमा करने के आदेश दिया है। आदेश में प्रभारी अधिकारी नजारत, वित्त शाखा जिला कार्यालय कांकेर को लाभार्थी के पक्ष में मंजूर की गई राशि का चैक तैयार करने और सावधि जमा खाता खोलने एवं न्यूनतम 3 वर्ष की लाॅक इन अवधि के लिए उस खाते में जमा करने हेतु इसे आगे संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी को भेजे जाने के लिए इस कार्यालय में भेजने को कहा गया है। इस पर ब्याज की तिमाही रूप से भुगतान किया जाएगा और लाभार्थी के बचत खाते में जमा किया जाएगा।