Breaking News

69 शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति सूची में अनियमितता, जारी होते ही शुरू हुआ विवाद

छत्तीसगढ़/बेमेतरा 21 जनवरी 2017 (जावेद अख्तर). बेमेतरा में जिला पंचायत ने 69 शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति सूची बेहद चुपके से जारी कर दी गई, वहीं कार्यपालन अधिकारी के हस्ताक्षरयुक्त सूची पर भी सवाल उठाया जा रहा है। सीईओ द्वारा गुपचुप ढंग से सूची जारी करने के कारण पदोन्नति प्रक्रिया मेें गड़बड़ी की आशंका विभागीय कर्मचारी एवं शिक्षाकर्मियों ने जताई है। जिसके चलते पदोन्नति सूची के बाहर आते ही विवाद खड़ा हो गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, बेमेतरा जिला पंचायत सीईओ तुलिका प्रजापति ने 15 दिसंबर को सामान्य सभा की बैठक में अनुमोदित सूची बताते हुए शुक्रवार को 69 शिक्षाकर्मियों की प्रमोशन लिस्ट को जारी किया है। 

पदोन्नति में अनियमितता, दर्ज कराई आपत्ति - 
सूची जारी होने के बाद से पदोन्नति प्रक्रिया मेें अनियमितता को लेकर आवेदकों ने आपत्ति दर्ज कराई है। यह बताना होगा कि संयुक्त संचालक पंचायत संचानालय द्वारा प्रदेश में कुल 1,511 पदोन्नति के पद की सूची जारी की गई थी। जिसमें जिला पंचायत के 84 पद शिक्षक पंचायत से व्याख्याता पंचायत के लिए किया जाना था मगर जिसमें से 69 पदों के लिए सूची जारी कर दी गई है।

अफसरशाही हावी - 
प्रकिया मई में प्रारंभ की गई थी, जिसके बाद 7 महीने बीत जाने के बाद भी त्रुटिपूर्ण सूची जारी कर दी गई है। कई आवेदकों ने उच्च कार्यालयों में आपत्ति दर्ज कराई है। जिसे लेकर एक बार फिर जिला पंचायत सीईओ विवादों में हैं।

आपत्ति दरकिनार, गाइडलाइंस की अवहेलना - 
विभागीय अधिकारियों ने बड़ी गलती करते हुए आवेदकों के आपत्तियों को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए मनमुताबिक अपात्रों को पदोन्नति का लाभ दे दिया गया। जबकि विभागीय नियमानुसार पदोन्नति के प्रकरण में कार्यरत शिक्षाकर्मियों के दावा-आपत्ति का निराकरण करने के बाद ही पदोन्नति सूची जारी करने की गाइडलाइंस है। बिना दवा आपत्ति निराकरण के पदोन्नति देना या अनुशंसा को अमान्य करने का नियम है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिरकार पदोन्नति में अनियमितता सामने आने के बाद भी सूची को निरस्त क्यों नहीं किया गया? इससे यह तो स्पष्ट हो रहा है सूची में अनियमितता के लिए विभागीय अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। 

राजनांदगांव में भी पदोन्नति सूची में गड़बड़ी -
राजनांदगांव में जिला पंचायत की वरिष्ठता सूची में शिक्षाकर्मी वर्ग-2 व 3 की पदोन्नति सूची में इस बार भी गड़बड़ी सामने आई है। अक्टूबर माह में सूची जिला पंचायत के सूचना पटल पर लगाई गई, जिसमें 20 से 22 ऐसे शिक्षाकर्मियों के नाम है जिनका नाम दो बार पहले की पदोन्नति सूची में भी आ चुका है। वहीं सूची में वर्ष 1998 व 2005 के जो पात्र शिक्षाकर्मी थे, उनका सूची में नाम ही नहीं है।

गड़बड़ी का दूसरा प्रमाण -
बड़ी बात यह है कि सहायक शिक्षक (शिक्षाकर्मी) की पदोन्नत सूची में पूर्व माध्यमिक शाला लिखा गया है, जबकि पूर्व माध्यमिक शालाओं में सहायक शिक्षक होते ही नहीं हैं।

अफसरों की लापरवाही लगातार है जारी -
विभागीय अफसरों से इस गड़बड़ी की शिकायत भी की गई है। तीसरी बार दावा-आपत्तियां सूची में आपत्ति करने वालों को अक्टूबर माह मेें दावा आपत्ति करने का समय दिया गया था, जिसमें पदोन्नति से वंचित कई शिक्षाकर्मियों ने सूची पर आपत्ति की है।

दावा आपत्ति के बहाने अनियमितता छिपाने का प्रयास - 
जिला पंचायत में इससे पहले की पदोन्नति सूची में भी अनियमितता पाई गई थी, जिसको लेकर दो दिन पहले जिला पंचायत में शिक्षाकर्मियों ने हंगामा भी किया था परंतु अधिकारियों द्वारा दावा-आपत्ति करने की बात (मौखिक) कहकर लौटा दिया गया था। जबकि सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि पदोन्नति सूची जारी होने के 15 दिन पहले भी वंचित शिक्षाकर्मी दावा-आपत्ति कर चुके हैं। यह तीसरी बार है जब सूची जारी होने पर जिपं प्रशासन ने दावा आपत्ति मंगाई है। दावा आपत्ति के बाद भी पिछले दो बार की पदोन्नति सूची की गड़बड़ी में कोई सुधार नहीं किया गया था। वे इसे बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत करने वाला मान रहे हैं।


लेनदेन के कारण बार बार सूची में गड़बड़ी -
शिक्षाकर्मियों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि प्रशासन ने जो विषयवार सूची बनाई है, उन सभी सूची में गड़बड़ी है। जिसकी जांच करने से पहले ही प्रशासन ने जानबूझकर जल्दीबाज़ी में पदोन्नति सूची चस्पा करा दी। जिसे शिक्षाकर्मियों ने बड़ी गड़बड़ी के साथ ही साथ लेनदेन की बात की भी आशंका जता रहे हैं।

अब शासन से होगी लड़ाई -
शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति के बाद अब स्थानीय स्तर पर काउंसलिंग नहीं होगी। शासन ने यह नया आदेश हाल में ही जारी किया है। इस नए नियम ने दावा-आपत्ति करने वाले शिक्षाकर्मियों की परेशानी बढ़ा दी है। आपत्तियां लगाने वाले शिक्षाकर्मियों को अब शासन से अपनी लड़ाई लड़नी होगी, क्योंकि स्थानीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके लिए शिक्षाकर्मी संघों ने भी रणनीतियां बनानी भी शुरू कर दी है।

* सूची में 20 से 22 शिक्षाकर्मियों का नाम पहले भी जारी हो चुका है। इस बार भी उन शिक्षाकर्मियों का नाम सूची में है जो गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। वरिष्ठता सूची में कई पात्र शिक्षाकर्मी वंचित हो गए हैं। इस कारण विरोध कर रहे हैं।' - अध्यक्ष, जिला शालेय शिक्षाकर्मी संघ, राजनांदगांव

* ब्लॉकों से ही वरिष्ठता के आधार पर लिस्ट मंगाए हैं। वैसे ये फाइनल सूची नहीं है। सर्विस बुक देखने के बाद ही पदोन्नति होगी। सहायक शिक्षक हो सकता है कि वो मिडिल स्कूल में अटैच हो। इसे दिखवाना पड़ेगा।' - सीईओ, जिपं राजनांदगांव