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एसपी बीएस मीणा की प्रशंसनीय पहल, पुलिसकर्मियों के लिये बहुप्रतिक्षित सहकारिता बैंक सुविधा प्रारंभ

छत्तीसगढ़ 01 अक्टूबर 2016 (रवि अग्रवाल). जिला पुलिस के कर्मचारियों ने सहकारिता और बचत की प्रवृत्ति तथा जरूरत के हिसाब से ऋण प्राप्त करने की बहुप्रतिक्षित योजना का आज अनुमोदन सर्वसम्‍मति से किया गया। आज की बैठक के पश्चात जिला पुलिस सहकारी बैंक के पर्यन्त रास्ता साफ हो गया है।

स्थानीय पुलिस कन्ट्रोल रूम में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस सहकारी बैंक स्थापना किये जाने हेतु जिले के थाना प्रभारियों, कर्मचारियों के द्वारा प्रस्ताव पारित कर जिला पुलिस बल साख (थ्रिप्ट) एवं पुलिस जनकल्याण सहकारी समिति के गठन को हरी झंडी देते हुये पुलिस बैंक के सविधान और अन्य कल्याणकारी उददे्शों का अनुमोदन करते हुये करतल धुनी से श्री बी.एन. मीणा पुलिस अधीक्षक को इस सहकारी समिति का प्रथम अध्यक्ष घोषित किया गया। यू.बी.एस. चौहान और विभूदीप नंद को उपाध्यक्ष तथा उप निरीक्षक के.सी. वारे को कोषाध्यक्ष के पद पर मनोनयन करते हुये सात दीगर कर्मचारियों को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है।
   
पुलिसकर्मी व परिवारों के लिए नई पहल -
बसंत कुमार उप-पंजीयक सहकारी संस्थाएं, डी.के. दिव्य आडिट आफिसर एवं संगणक की मौजूदगी में आज पुलिस कन्ट्रोल रूम में पुलिस सहकारी बैंक के स्थापना को लेकर बैठक में पुलिस कर्मचारियों को दिये जाने वाले ऋण राशि की सीमाएं तय करते हुये अन्य‍ जमा योजनाओं के बारे में भी विस्तृत चर्चा करते हुये कर्मचारियों के हित में अनेक निर्णय पारित किये गये। पुलिस परिवार के महिला सदस्यों के आर्थिक उत्थान के लिये गृ‍ह उपयोगी वस्तुओं की निर्माण व क्रय-विक्रय करने तथा सहकारिता के क्षेत्र में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के जन कल्याण योजनाओं के प्रचार प्रसार व क्रियान्वयन करने एवं समन्वय की भूमिका प्राप्त करने का अवसर जिला पुलिस को प्राप्त होने की सम्भावनाएं रहेंगी।

आज की बैठक के पश्चात जिला पुलिस सहकारी बैंक के पर्यन्त रास्ता साफ हो गया है उपपंजीयक के द्वारा अगले 15 दिनों में पंजीयन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद बैंक संचालन का कार्य शुरू किया जा सकेगा। 12 लाख से अधिक राशि बैंक पूंजी निर्मित की जा चुकी है तथा 250 से ज्यादा अधिकारी/कर्मचारी शेयर होल्डर बन चुके हैं। आने वाले दिनों में पूंजी और शेयर होल्डरों की संख्या में बढ़ोत्तरी का प्रयास जारी रहेगा।
   
एसपी सहित अन्य कर्मी रहे उपस्थित -
इस महत्वपूर्ण बैठक में उपपुलिस अधीक्षक विरेन्द्र कुमार शर्मा, रक्षित निरीक्षक मंजुलता केरकेट्टा, थाना प्रभारी निरीक्षक आर.के.मिश्रा, गोपाल धुर्वे, अरूण नेताम, उनि दीपक पासवान, कार्यालयीन स्‍टाफ उनि नारायण ठेठवार व अशोक देवांगन, सउनि अशोक डनसेना सहित प्र.आर. राजेन्द्र राठौर, तोप सिंह पटेल तथा थानों से प्रधान आरक्षक जितेन्द्र जोशी, राजेन्द्र पटेल, आरक्षक हेमंत चन्द्रा, यशवंत टोप्पो, वर्षा मिश्रा, अनिता बेक, रश्मि केरकेट्टा आदि अधिक संख्या में उपस्थित थे।

स्कूल/कालेजों के पास अनावश्यक भटकते मजनूओं की अब खैर नहीं -
पुलिस अधीक्षक बीएस मीणा ने टीम के सदस्यों को आपरेशन मजनू के तहत स्कूल/कालेजों के अतिरिक्त महिलाओं के भीड़-भाड़ वाले स्थानों में भी सक्रिय रहने के निर्देश दिये है। रायगढ़ एसपी ने स्कूली छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनज़र जिले के स्कूल/कालेज एवं महिलाओं व बच्चों के भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर आपरेशन मजनू चलाये जाने हेतु दो महिला उपनिरीक्षक समेत 08 महिला पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई है। गठित टीम आज पुत्री शाला स्कूल, कार्मेल स्कूल, नवीन कन्याशाला में लंच व छुट्टी के समय सिविल कपड़ों मेें स्कू‍ल के आसपास पेट्रोलिंग किया गया।
    
पहले ही दिन मजनू चढ़े हत्थे -
इस दौरान पुत्री शाला स्कूल के पास एक मोटर सायकल में तीन लड़के (1).नवीन बेहरा उम्र 22 वर्ष (2).शंकरलाल निषाद 23 वर्ष (3).बबलू बरेठ तीनों निवासी तुर्कापारा चंदनी चौक मिले, जिन्हें स्कूल आने का कारण पूछे जाने पर गोलमोल जवाब देते रहे, टीम को संतुष्टिप्रद उत्तर प्राप्त नहीं होने से तीनों युवकों को थाना ले जाकर, उनके परिजनों को थाना तलब किया गया तथा दूसरी बार अनावश्यक रूप से स्कूल/कालेजों के पास घुमते पाये जाने पर कार्यवाही किये जाने की बात कहकर परिजनों के साथ हिदायत देकर छोड़ा गया।
   
छात्राओं से मिलकर ली समस्याओं की जानकारी -
आपरेशन मजनू के सदस्य दोपहर बाद केवड़ाबाड़ी बस स्टैण्ड स्थित प्री- मैट्रिक आदिवासी/हरिजन बालिका छात्रावास पहुंचे, जहां बालिकाओं से मिलकर उनकी समस्याओं के संबंध में पूछताछ किया गया तथा अपना मोबाईल नम्बर बालिकाओं के साथ शेयर कर किसी भी प्रकार की शिकायत पुलिस कन्ट्रोल रूम, महिला हेल्प नम्बर में बताने की जानकारी दी गई।
  
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना जिले मेें हुई तथा जबसे उनके द्वारा पदभार ग्रहण किया, तब से उन्होंने ऐसेे कई सुधार किए व निर्णय लिए जो कि बेहद सराहनीय है। लगभग तीन से चार माह मेें ही जिसके बेहतरीन परिणाम व अनुकूल असर दिखाई देने लगा है और यहां की आबोहवा मेें भी खुशनुमा माहौल बन रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था द्वारा आम नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश देकर सुधार किया, रात्रि की गश्त व आऊटरों मेें लगातार गश्त से भी अपराधों मेें कमी आई, खुद भी बराबर गश्त कर जायज़ा लेतें रहतें हैं, इस दौरान चंद गिने चुने ही अपराध हुए मगर इन पर एसपी ने तुरंत एक्शन लेकर अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पुलिसकर्मियों को भी व्यवस्थित व ड्यूटी शेड्यूल पर भी प्रयास करने से बेहतर असर दिखाई देने लगा है। महिलाओं, महिला सरकारी कर्मचारियों, स्कूली छात्राओं व बच्चियों की सुरक्षा पर महिला पुलिस टीम को मुस्तैद कर इसकी मानिटरिंग करने से बेहतर परिणाम प्राप्त हुएं हैं। आम नागरिकों के लिए शिकायत-पेटी का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। 

कई स्थानों पर शिकायत पेटी (लाल रंग) लगाई गई और अब पुलिसकर्मियों व उनके परिवारों के लिए बहुप्रतिक्षित सहकारिता बैंक के निर्णय से वाकई अत्यंत प्रशंसनीय व सराहनीय पहल है। एसपी ने अपने इस छोटे से कार्यकाल मेें कई बड़े सुधार कर दिखाए। शासन व प्रशासन ने जो उम्मीद एसपी मीणा से जताई, उन्होंने परिणाम उम्मीद से भी अधिक दिया। पुलिस कप्तान की भूमिका मेें बद्री नारायण मीणा काफी तेज़ी से सफलता अर्जित करते जा रहे हैं और अपने कर्तव्य, जिम्मेदारियों व दायित्व का बाखूबी निर्वहन कर रहें हैं। रायगढ़वासियों को भी ऐसेे ही काबिल व लायक पुलिस अधीक्षक की जरूरत थी, जो कि जिले मेें कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करे व पुलिस पर नियंत्रण भी बनाकर रख सके, आम जनता को वरीयता थे, महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस करे, जिले के बेलगाम रसूखदार धनाढ्य वर्ग व भू माफियाओं की बजाए आम जनता व गरीबों की सुनवाई करे, निष्पक्ष जांच के लिए दबाव बनाए, क्योंकि रायगढ़ जिले को काफी समय से ऐसेे पुलिस कप्तान की दरकार थी, आखिरकार वर्ष 2016 मेें श्री बीएस मीणा के रूप मेें जिले को ऐसा पुलिस कप्तान मिला। जिसने यह कर दिखाया कि अगर जिम्मेदारियों को कर्तव्य व दायित्व समझकर किया जाए तो एक एसपी भी हालात को बेहतर कर सकता है। देश प्रदेश के समक्ष प्रमाण के रूप मेें रायगढ़ पुलिस अधीक्षक बद्री नारायण मीणा मौजूद है।