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विश्रामपुर में परिवर्तन के लिए भारी संख्या में संगठित हुये आदिवासी युवा

छत्तीसगढ़ 24 अक्टूबर 2016 (छत्तीसगढ़ ब्यूरो). छग का आदिवासी समुदाय, समाज की मुख्यधारा मेें शामिल होने के लिए घरों से निकलकर आम जन के मध्‍य पहुंच रहा है। आदिवासी समुदाय का युवा वर्ग अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेने के लिए अब तैयार होता दिखाई दे रहा जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण अम्बिकापुर मेें रविवार को विशाल आदिवासी सम्मेलन के आयोजन मेें दिखाई दिया।

प्रतीत होता है कि परिवर्तन का शंखनाद हो चुका है और आशा की जा सकती है कि जल्द ही परिवर्तन के कई सार्थक प्रमाण दिखाई देने लगेंगे। इस सम्मलेन के माध्‍यम से छत्तीसगढ़ राज्य में विशाल आदिवासी समाज की उपस्थिति में नेशनल आदिवासी पीपुल्स फेडरेशन नामक संस्‍था का शुभारम्भ किया गया। सम्मेलन में जल, जंगल, जमीन और आदिवासी समाज पर हो रहे अन्याय अत्याचार पर सरगुजा संभाग से आंदोलन का आगाज किया गया। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष धनसिंह ध्रुव अधिवक्ता हाईकोर्ट बिलासपुर के नेतृत्व में इस विशाल जनसभा का आयोजन किया गया।

इस सम्मेलन का शुभारम्भ एस.आर. भगत, एएसपी सूरजपुर के सम्बोधन से किया गया और रात 9 बजे तक सभास्थल पर लगभग दस हज़ार लोगों की भारी भीड़ उपस्थित हो चुकी थी। यह सम्मेलन सभा रात भर चली, जैसे जैसे रात बढ़ी वैसे वैसे हुजूम बढ़ा और अर्धरात्रि के बाद तक लगभग बीस हज़ार से भी ज्‍यादा लोगों के विशाल सम्मेलन मेें तब्दील हो गया। भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर छत्तीसगढ़ में तीसरे विकल्प की बात पर जन समुदाय ने करतल ध्वनि की गड़गड़ाहट से वक्ताओं को जनसमर्थन दिया। सभा का संचालन अजय सिंह पोर्ते ने किया जिसकी सभी ने प्रशंसा की। सभा स्थल पर ही भोजन व पानी की व्यवस्था की गई थी ताकि दूर दराज़ से आए लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इस ऐतिहासिक सम्मेलन को सफल बनाने में युवा वर्ग ने महीनों से तैयारी की जिसके परिणाम स्वरूप यह आयोजन सफल हो सका, वहीं रात भर आदिवासी सभ्यता व सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभा के समापन तक समस्त जनों को बांधे रखा।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ आर.एस. मरकाम, अध्यक्ष बामसेफ छत्तीसगढ़ थे। आयोजन की अध्यक्षता दिलीप मंगल मंडावी राष्ट्रीय अध्यक्ष नेशनल आदिवासी पीपुल्स फेडरेशन ने की। रामकृष्ण जांगड़े एडवोकेट, एडवोकेट टंडन (संयुक्त मोर्चा छग), नरेंद्र साहू (अध्यक्ष बसपा सूरजपुर), डॉ नारायण सिंह टेकाम, गंगाराम, बृजमोहन, मोतीलाल, हरिराम, रामजीत, उमाशंकर, फुलेश्वर, गणेश, शेषसिंह, दुर्गा प्रसाद, सूर्यप्रताप, विश्वनाथ, तेरन सिंह, करम चंद, मोतीलाल, शेषसिंह, डॉ. परस्त, डॉ. शेसर, डॉ. पोर्ते, कु.इंदु, कु.पुष्पा, श्रीमती सरोज, संध्या फूलवती, शिवकुमारी आदि अनेक जाने माने समाजसेवियों की उपस्थिति में यह सम्मेलन सम्पन्न हुआ।