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जियो ने आम जनता को पकड़ाया बाबा जी का ठुल्लू, फ्री कालिंग का झूठ बोल कर बना रहे हैं उल्लू

छत्तीसगढ़  24 अक्टूबर 2016 (जावेद अख्तर). टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने रिलायंस जियो इंफोकॉम से कंपनी के फ्री कॉलिंग ऑफर को लेकर सफाई मांगी है। रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों के लिए वायस कॉल हमेशा के लिए मुफ्त रखने की घोषणा की थी। रिलायंस जियो की ओर से इस बारे में अभी तक कोई सफाई नहीं दी गई है।


रिलांयस कंपनी द्वारा विगत एक वर्ष से भारतीय टेलीकाम बाज़ार मेें जियो को लेकर ऐसा हौव्वा बनाया गया कि आम लोगों द्वारा बेसब्री से इंतज़ार किया जाने लगा। उत्पाद को बाज़ार में उतारने से पहले रिलांयस ने इस बार बाज़ार में जियो के विज्ञापन का एक नया तरीका इजाद कर, केंद्रीय सरकार की एक योजना के साथ करार करते हुए प्रधानमंत्री के चेहरे को सामने रखते हुए भुनाया। परिणाम स्वरूप जैसा अनुमान था उससे भी कई गुना अधिक लाभ मिला। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तो रिलांयस जियो के इस्तेमाल को देशभक्ति से जोड़ दिया।
     
ट्राई ने मांगी मुफ्त वायस काल की जानकारी -
टेलिकॉम रेग्यूलेटरी एथारिटी (ट्राई) ने रिलायंस जियो इंफोकॉम से कंपनी के फ्री कॉलिंग ऑफर को लेकर सफाई मांगी है। ट्राई ने यह सफाई इसलिए मांगी क्योंकि कंपनी ने अपनी कॉल रेट 1.20 रुपए प्रति मिनट दिखाई है। ट्राई के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबध में रिलायंस जियो अधिकारियों से मुलाकात की और टैरिफ प्लान की डीटेल मांगी। दरअसल रिलायंस जियो ने अपने सिम कार्ड ब्रोशर पर भी 2 पैसे प्रति सेकेंड (1.20 रुपए प्रति मिनट) की कॉल रेट प्रिंट कराई हुई है। पर कंपनी रेग्यूलेटर से दर्ज कराए गए इस टैरिफ प्लान (2 पैसे/सेकेंड) से अलग फ्री-कॉलिंग दे रही है। हालांकि रिलायंस जियो की ओर से इस बारे में अभी तक कोई सफाई नहीं दी गई।
     
ये है नियम -
जियो का यह मुद्दा टेलिकॉम टैरिफ को लेकर ट्राई द्वारा 2004 में किए गए एक संशोधन से जुड़ा है। नियम के मुताबिक, कोई भी टेलिकॉम कंपनी अपने टैरिफ प्लान की दर इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज (IUC) से कम नहीं रख सकती। इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज (IUC) वह खर्च होता है जो  एक ऑपरेटर दूसरे ऑपरेटर को अदा करता है।
   
जल्द ही टैरिफ प्लान में बदलाव -
सूत्रों के अनुसार रिलायंस जियो जल्द ही अपने टैरिफ प्लान में बदलाव कर सकता है। इसके लिए बकायदा बैठक कर विचार विमर्श किए जाने जानकारी प्राप्त हुई है। वहीं एक अत्यंत गुप्‍त सूचना ये भी प्राप्त हो रही है कि रिलांयस जियो ने ट्राई को लिखित मेें उत्तर अभी तक इसलिए नहीं दिया क्योंकि कंपनी टैरिफ में चार्चेज़ जोड़ने के बाद ट्राई को जानकारी भेजेगी।
  
कॉल लगने में आ रही दिक्कत -
उल्लेखनीय है कि रिलायंस जियो ने सितंबर के पहले सप्ताह में अपनी 4जी सेवाओं की शुरुआत की थी। कंपनी ने अपने ग्राहकों के लिए वायस कॉल हमेशा के लिए मुफ्त रखने की घोषणा की है। हालांकि जियो के ग्राहकों को कॉल लगाने में आ रही दिक्कतों के कारण कंपनी ने ट्राई से दूसरी कंपनियों की शिकायत भी की है। जियो का आरोप है कि मौजूदा कंपनियां उसे पर्याप्त इंटरकनेक्शन प्वाइंट उपलब्ध नहीं करवा रहीं जिस कारण उसके ग्राहकों की काल विफल हो रही हैं। वहीं मौजूदा दूरसंचार कंपनियां भारती एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया ने नेटवर्क पर मौजूदा भीड़ भड़ाके या कंजेशन के लिए नई कंपनी रिलायंस जियो द्वारा नि:शुल्क वायस कॉल को जिम्मेदार बताया है।
   
4जी के नाम पर 2जी की स्पीड -
रिलांयस जियो के उपभोक्ताओं को अभी से ही कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। वीडियो कालिंग मेें सबसे अधिक व्यवधान प्राप्त हो रहे हैं तो वहीं इंटरनेट यूज़र्स को 4जी की स्पीड देने का वादा तो किया गया परंतु वर्तमान मेें नब्बे फीसदी उपभोक्ताओं को 2जी की स्पीड 50-70 एमबीपीएस (मेगा बाइट प्रति सेकेंड) प्राप्त हो रही है।
  
कंपनी आम जनता को छल कर रही -
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिलांयस जियो के विज्ञापन मेें सिम बेचते देखे जा सकते हैं परंतु रिलांयस जियो फ्री कालिंग स्कीम के तहत नियम व शर्तें लागू कर सिम कार्ड के ब्रोशर पर दर्शा रही है जिसके अन्तर्गत मात्र तीन महीने के लिए कालिंग दर बहुत कम रहेगी मगर फ्री कालिंग जैसी सुविधा देने के बारे मेें अभी तक रिलांयस कंपनी व डायरेक्टर ने कोई घोषणा नहीं की है। एक हिसाब से देखा जाए तो रिलांयस जियो मुफ्त कालिंग सुविधा दे ही नहीं रहा है। ट्राई के मुताबिक ऐसा कर पाना फिलहाल संभव नहीं है और ऐसा करना नियमों का उल्लंघन भी है और नीतियों को न मानने जैसा है।
  
प्रतिबंध पर कंपनी को बड़ा मुनाफा -
कंपनी ने कोई भी जानकारी भारत सरकार को नहीं दी है इस लिहाज़ से कंपनी उपभोक्ताओं के साथ छल कर रही है। क्योंकि अगर नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उत्पाद पर आजीवन प्रतिबंध लग सकता है। प्रतिबंध लगने से आम जनता को बड़ा नुकसान होगा और कंपनियां शुद्ध मुनाफा लेकर उत्पाद को बाज़ार से हटा देंगी या टैरिफ प्लान मेें परिवर्तन कर देंगी। दोनों मेें ही कंपनी को तगड़ा मुनाफा प्राप्त होगा।
  
निजी हित के लिए प्रोटोकाल का उल्लंघन -
प्रधानमंत्री प्रोटोकाल के तहत सुनिश्चित किया गया है कि देश के सबसे सम्मानित पदों मेें से एक प्रधानमंत्री पद है, यह पद पूरी तरह देशहित व जनहित के लिए निर्धारित है। पद पर रहते हुए किसी भी अन्य पद पर नहीं बने रह सकते, न ही अस्थायी तौर पर कहीं भी अपनी सुविधा एवं नाम या तस्वीर के उपयोग की सहमति दे सकते हैं। ऐसा करना पद की गरिमा को धूमिल करना व ठेस पहुंचाना होगा। ऐसा करना संविधान का उल्लंघन व निजी हित के लिए प्रोटोकाल का उल्लंघन करना है। यह पूरी तरह से पद व अधिकारों का दुरूपयोग करना होगा।