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रायगढ़ - एसपी ने क्राईम मीटिंग में दिए आवश्यक दिशा निर्देश

छत्तीसगढ़ 17 सितंबर 2016 (रवि अग्रवाल). रायगढ़ मेें दस दिवसीय चक्रधर समारोह के समापन के पश्चात एसपी बद्री नारायण मीणा ने फिर से प्रशासनिक व्यवस्था मेें कसावट लाने की शुरूआत कर दी है। जिससे कानून व्यवस्था बहाल रहे और अपराध व अपराधियों को अपनी गतिविधियां अंजाम देने से पहले ही उनके गिरेबान तक कानून के हाथ पहुंच जाए।
पुन: से कसावट की तैयारी - 
पुलिस अधीक्षक रायगढ़ श्री बी.एन. मीणा द्वारा आज दिनांक 16.09.2016 को शाम से पुलिस नियंत्रण कक्ष में जिले के राजपत्रित पुलिस अधिकारियों तथा थाना/चौकी प्रभारियों की बैठक ली गई।  पुलिस अधीक्षक ने अपनी प्राथमिक क्रम में ग्रामीणों की शिकायतों की थाना प्रभारी द्वारा स्वयं सुनवाई कर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार अभियान चलाकर लंबित अपराधों का निराकरण, स्थाई वारण्टों की तामीली, लापता अपहृत बालक/बालिकाओं की दस्तयाबी करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मोर्ग जांच के दौरान मृत व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम हेतु अस्पताल भेजने एवम अस्पताल से घर तक पहुंचाने में विशेष संवेदनशीलता बरतने हेतु हिदायत दी गई। ग्राम एवं शहर स्तर पर खेल आयोजन करने तथा ग्राम रक्षा समिति के जैसे ही मोहल्ला रक्षा समिति गठन करने, मोहल्लों में सीसीटीवी लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। 

एसपी की मेहनत रंग लाने लगी, अपराधों मेें कमी आने लगी - 
हालांकि वर्तमान एसपी मीणा ने जबसे पदभार ग्रहण किया है तब से पूरे जिले मेें तमाम तरह के अपराधों मेें जबरदस्त गिरावट आ गई है, वहीं नशे के तस्कर भी खामोशी इख्तियार कर लिए हैं, सट्टेबाज़ों पर जिस तरह से एसपी ने कानून को हावी कर दिया कि आज जिले मेें सट्टा बाज़ार मेें सबसे अधिक गिरावट की जानकारियां प्राप्त हुई हैं। सूत्रों की मानें तो एसपी ने गश्त अधिक बढ़ा दिए जाने से कई सट्टेबाज़ों का कारोबार अधिक प्रभावित हुआ है। चोरी, छिनैती व चैन स्नैचिंग के भी अपराधों मेें तकरीबन पचास फीसदी से भी अधिक की कमी आई है। चक्रधर समारोह के चलते अधिकांश पुलिस कर्मियों की तैनाती सुरक्षा लिहाज़ से कर दिया गया था। कल समापन समारोह के अगले ही दिन एसपी ने यह संदेश स्पष्ट रूप से दे दिया कि कानून व्यवस्था मेें कोई ढील नहीं देने वाले हैं और न ही अपराधियों को क्योंकि एसपी बीएस मीणा ने जब पदभार ग्रहण किया था उस समय कानून व्यवस्था काफी लचर बनी हुई थी और जिले मेें एक के बाद करके कई बड़े अपराधिक वारदातें हुई थी जिससे आम जनता मेें भय व्याप्त होता जा रहा था और कानून व पुलिस पर विश्वास भी कमज़ोर हो रहा था।

प्रशासनिक उच्चाधिकारियों ने रायगढ़ के बिगड़े माहौल को सुधारने व अपराधों पर अंकुश लगाने के तहत ही फेरबदल करते हुए श्री बद्री नारायण मीणा को रायगढ़ जिले के हालात पर काबू पाने के लिए भेजा गया और एसपी मीणा इसमें शत प्रतिशत सफल रहे और उन्होंने बहुत तेज़ी से अपराध व अपराधियों पर लगाम कस दी और सट्टेबाज़ों के पैर उखाड़ दिए। इस दौरान जो भी वारदातें हुई उसको दो से तीन दिनों के भीतर ही अंजाम तक भी पहुंचा दिया। वहीं कई अपराधियों की धरपकड़ कर जेल व हवालात के दर्शन भी करा दिए। जिले मेें कानून व्यवस्था को बराबर बनाए रखने के लिए एसपी की जद्दोजहद वाकई काबिले तारीफ़ है। पुलिस प्रशासन मेें ऐसे जाबांज पुलिस आफीसरों की भारी कमी है। इसलिए शासन प्रशासन को पुलिस अधीक्षक बीएस मीणा की सूझबूझ, कार्यशैली व कार्यप्रणाली को अन्य पुलिस अधिकारियों के समक्ष उदाहरण स्वरूप रखा जाना चाहिए।