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शाहजहांपुर - खनन माफियाओं के दबाव के आगे प्रशासन नतमस्‍तक

शाहजहांपुर 14 सितम्‍बर 2016. प्रदेश के मुखिया ने खनिज मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को बर्खास्त करके अपनी छवि सुधारने का काम किया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति अवैध खनन को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खनन मंत्री को बर्खास्त करके अपनी अच्छी छवि पेश करने की कोशिश तो जरूर की है लेकिन शाहजहांपुर में खनन माफियाओं के आगे प्रशासन व पुलिस नतमस्तक नजर आ रही है।

जिले में मिट्टी खनन से लेकर बालू खनन जोरों से चल रहा है। सफेदपोशों के दबाब में पुलिस अपने हाथ बांधे हुए है। शासन स्तर से खनन पर लंबे अरसे से रोक लगी हुई है, लेकिन खनन पिछले कई वर्षो से हो रहा है। सफेदपोशों के संरक्षण में हो रहे खनन को पुलिस प्रशासन रोक पाने में असमर्थ सिद्ध हो रहा है। कुछ थानों पर अवैध मिट्टी बालू की ट्रालियां व डंपर पकड़े तो गए लेकिन खनन कराने वाले पुलिस की गिरफ्त से दूर ही बने रहे। स्‍थानीय लोगों का आरोप है कि अगर पुलिस अवैध खनन पर कार्यवाही करती है तो सिर्फ अपना सुविधा शुल्क बढ़ाने के लिए करती है। मंत्री महोदय पर कार्यवाही के बाद अब प्रदेश सरकार को यहां के प्रशासनिक व सफेदपोशों पर भी शिकंजा कसकर जनता को अच्छा संकेत देना चाहिए।

दुगने दामों पर बेची जा रही मिट्टी व बालू -
अवैध खनन को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी काफी संजीदा दिख रही है। पर उसके मातहत खनन रुकवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है। इसके साथ ही जिले में अवैध खनन करके उन आवासीय कालोनियों में भराव डाला जा रहा है जो सस्ते दामों पर खड्ड पाटकर विकसित की गई हैं। दिन दहाड़े मिट्टी से भरे डंपर सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं और इन डम्परों से गिरने वाली मिट्टी बाद में गुबार बनकर सड़कों पर उड़ती है। जो आने जाने वालों के लिए मुसीबत बन रही है। अफसोस है कि यह सब पुलिस प्रशासन की नजरों के सामने हो रहा है।