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छात्रसंघ चुनाव - कॉलेजों में दिन भर रहा तनाव, एनएसयूआई की जबरदस्त वापसी

छत्तीसगढ़ 27 अगस्त 2016 (जावेद अख्तर). रायपुर कॉलेज छात्रसंघ चुनाव में इस बार तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। प्रदेश के सबसे बड़े पंडित रविशंकर शुक्ल विवि से सम्बद्ध ज्यादातर कॉलेजों में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) समर्थित प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया है। बस्तर विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि, आईटीएम, कलिंगा, मैट्स विवि में भी एनएसयूआई का परचम लहराया। दुर्ग विवि में एनएसयूआई और एबीवीपी में कांटे की टक्कर रही।
 

कॉलेजों में चुनाव के दौरान एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच दिनभर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। राजधानी के दुर्गा कॉलेज में तीसरे दिन लगातार तनाव की स्थिति रही। काउंटिंग के बाद एनएसयूआई की जीत की तस्वीर साफ होते ही जमकर पत्थरबाजी हुई। गौरतलब है कि रविवि के कॉलेजों में 52 हजार 312 वोटर्स हैं। प्रदेश के 13 विवि के 500 कॉलेजों में 3 लाख वोटर्स में से 70 फीसदी ने मतदान किया और 10 हजार पदाधिकारियों को चुना।

इस बीच बिलासपुर के सीएमडी कॉलेज में भी जमकर हंगामा हुआ। वहीं अभनपुर शासकीय कालेज में चुनाव के दौरान कांग्रेसी और सीएसयू के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए है। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाकर वहां से रवाना कर दिया। कांग्रेस की ओर से एक सदस्य नें जोगी प्रेम में नारे लगाए, इस बात को लेकर कॉलेज के बाहर झड़प हो गई थी।
  
कड़ी सुरक्षा के घेरे में हुआ मतदान -
मतदान के दौरान अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने कॉलेजों के अंदर बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की। पुलिस कर्मियों द्वारा पूरी जांच पड़ताल के बाद ही छात्रों को वोटिंग के लिए प्रवेश दिया गया।
  
रविवि अध्यक्ष के लिए 184 वोट -
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष के लिए इस बार कुल 184 वोट पड़ेंगे। विश्वविद्यालय छात्रसंघ गठन की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो जाएगी। इसके तहत दो सितंबर को वोटिंग होगी, इसी दिन परिणाम भी आएंगे।
     
नजरें सिर्फ गेट पर -
कॉलेजों में दोपहर बारह बजे तक मतदान हुआ। एक बजे से मतगणना शुरु हुई। सभी को यह अनुमान था कि दोपहर दो बजे के बाद नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। इसे देखते हुए विद्यार्थी व छात्र संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेजों के गेट के बाहर घूमने लगे। उनकी नजरे सिर्फ गेट पर ही टिकी थी। जैसे ही कोई प्रत्याशी खुशी से बाहर आता जश्न शुरू हो जाता। सबसे अलग नजारा साइंस कॉलेज में देखने को मिला। यहां जो भी प्रत्याशी बाहर आया उसका विद्यार्थियों ने ताली बजाकर स्वागत किया। यही नहीं कॉलेजों में जीत के बाद ढोल-नगारे, पटाखे व अन्य के साथ जश्न मनाया गया।
    
विवि में गर्ल्स बड़ी भूमिका में -
शहर के ज्यादातर प्रमुख कॉलेजों में इस बार लड़कियां ही अध्यक्ष या फिर सचिव जैसे पदों पर रहीं हैं। इस वजह से विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाले चुनाव में इन्हें अध्यक्ष या फिर अन्य महत्वपूर्ण पद का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इसकी संभावना बन रही है। दुर्गा, साइंस, प्रगति, डिग्री गर्ल्स, अग्रसेन, मैक समेत अन्य में अध्यक्ष बनी हैं। जबकि महंत व अन्य कॉलेजों में ये सचिव बनी हैं।
   
एनएसयूआई को बढ़त -
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 95 कॉलेजों में से 93 में मतदान हुआ। जहां एबीवीपी और एनएसयूआई के दावों पर देर रात तक अफसरों ने इस पर मुहर नहीं लगाई। रायपुर नगर में एनएसयूआई ने 22 कॉलेजों और एबीवीपी ने 13 कॉलेज में अपनी जगह बनाई।
    
एनएसयूआई की धमाकेदार वापसी -
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 92 कालेजों तथा राजधानी के अधिकांश कालेजों में इस बार भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने धमाकेदार वापसी की है।
  
एबीवीपी के सभी दावे हुए फुस्स -
रविवि के 95 में से 3 कालेजों में चुनाव नहीं हुए। शेष कालेजों में से लगभग 40 कॉलेजों में एनएसयूआई ने अपना परचम फहराया तथा लगभग 26 कालेजों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत दर्ज की है। इस बार छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी को लगभग 45-50 कालेजों में जीत का दावा किया था और चुनाव के विश्लेषकों ने भी ऐसे ही आंकड़ें प्रस्तुत किए थे। अनुमान लगाया जा रहा था कि कम से कम 38-40 कालेजों में एबीवीपी को जीत मिलना तय है परंतु सभी दावे पूरी तरह बेकार साबित हुए।
  
भाजपा सबक लेगी या भ्रम में ही रहेगी -
इस बार चुनाव में संघ ने भी अच्छी खासी मेहनत की थी और भाजपा तो खुले रूप में खड़ी थी। जबकि राज्य में तीसरी बार व केंद्र में भी सरकार भाजपा की है परंतु छात्रसंघ चुनाव के परिणामों ने यह तो स्पष्ट कर दिया कि इस बार आम जनता व छात्रों का रूझान भाजपा व संघ दोनों से ही खट्टा हो चुका है। ऐसा विपरीतार्थक परिणाम आने को भाजपा के भविष्य की तस्वीर समझा जा सकता है। अब इससे राज्य व केंद्र भाजपा सरकार सबक लेगी या अभी भी खुद मियां मिठ्ठू बनी रहेगी और राज्यसभा व लोकसभा चुनाव के पश्चात बदतर हालत में पहुंचकर ही समझेेगी यह संगठन व पार्टी के आलानेताओं व पदाधिकारियों को समझना है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की साख कितनी बिगड़ चुकी है इससे समझ आ रहा है परंतु प्रमुख प्रश्न ये है कि प्रदेश भाजपा के मुख्यमंत्री व संगठन के नेता इस परिणाम से सावधान व सतर्क होगें या अभी भी गलतफहमी के दामन में मुंह दबाएं रहेंगे और समझेंगें तब ही जब राज्य में इस बार भाजपा बुरी तरह से मुंह की खाएगी। क्योंकि चुनाव होने में अधिक समय नहीं है बावजूद इसके आज भी राज्य सरकार अपनी भर्राशाही व अनीति के मार्ग पर प्रशस्त है और राज्य की गरीब आम जनता, किसान और आदिवासी वर्ग से मुंह मोड़कर बैठी हुई है, यह बेरूखी भाजपा को डुबाने के लिए काफी है।
    
एबीवीपी को चारों ओर से नुकसान -
एबीवीपी को राजधानी ही नहीं, रविवि से संबद्ध कालेजों में नुकसान उठाना पड़ा है। राजधानी के प्रतिष्ठित दुर्गा कालेज के अलावा एनएसयूआई के उम्मीदवारों ने साइंस कॉलेज, प्रगति कॉलेज, अग्रसेन कॉलेज, डागा कॉलेज समेत कई जगह जीत दर्ज की है। इनमें से अधिकांश कालेज पिछले साल एबीवीपी के खाते में थे। पिछले साल से उलट इस बार कॉलेजों में हुए छात्रसंघ चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। यहां दो साल से प्रदेश के ज्यादातर कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में जीत का परचम लहराने वाली एबीवीपी को नुकसान का सामना करना पड़ा है। चाहे वह रविवि से संबद्ध कॉलेज हो या फिर तकनीकी विवि या फिर दुर्ग विश्वविद्यालय। जगदलपुर विश्वविद्यालय के कॉलेजों में भी एनएसयूआई बढ़त ले गई।

राजधानी के कॉलेजों में छत्तीसगढ़, डिग्री गर्ल्स, मैक व रविवि अध्ययनशाला पर एबीवीपी ने इस साल भी कब्जा बरकरार रखा, लेकिन प्रमुख कॉलेजों में उसे हार का सामना करना पड़ा। दुर्गा कॉलेज में पहले ही उसके अध्यक्ष प्रत्याशी का नामांकन निरस्त हुआ था। यहां एनएसयूआई के प्रत्याशी को जीत मिली। इसके अलावा साइंस कॉलेज में भी एबीवीपी तीसरे स्थान पर रही। महंत कॉलेज में उसके प्रत्याशी को निर्दलीय के हाथों हार का सामना करना पड़ा। जोगी खेमे ने इसे अपना उम्मीदवार बताया है। प्रगति कॉलेज और अग्रसेन कालेज में एकतरफा मुकाबले में एनएसयूआई ने जीत दर्ज की।

नतीजे एक नजर में -
रायपुर में 40 एनएसयूआई, 26 एबीवीपी और 20 में निर्दलीय. जो जानकारियां हासिल हुई हैं, उनके मुताबिक रविवि के कुल 178 कॉलेजों में से इस बार 95 कॉलेजों में चुनाव हुआ। इनमें से 40 में एनएसयूआई, 26 में एबीवीपी और 20 में निर्दलीयों ने कब्जा जमाया। 07 कॉलेजों में निर्विरोध निर्वाचन हुआ। रायपुर के 46 कॉलेजों में से 24 में एनएसयूआई और 13 में एबीवीपी ने कब्जा जमाया है। बाकी 6 कॉलेजों में निर्दलीयों ने बाजी मारी है। 02 कॉलेजों में चुनाव नहीं हो पाए, जबकि एक में निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। 20 पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की, इसमें से कुछ को जोगी गुट का समर्थन था।

* एनएसयूआई : दुर्गा कॉलेज, साइंस कॉलेज, प्रगति कॉलेज, अग्रसेन कॉलेज, राधाबाई नवीन कन्या, संस्कृत कॉलेज, विप्र कॉलेज, सेंट्रल कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, केडी रूंगटा, आदर्श कालेज मंडी रायपुर, मांढर, काव्योपाध्याय कॉलेज अभनपुर, ग्रेसियस कॉलेज अभनपुर, नेताजी सुभाष चंद्र धरसींवा, सांईनाथ कॉलेज परसतरई, श्यामाचरण शुक्ल कॉलेज

* एबीवीपी : रविवि अध्ययनशाला, छत्तीसगढ़ कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज, मैक कॉलेज, पैलोटी कॉलेज, हरिशंकर कॉलेज, रामसखा उपाध्याय समेत अन्य कॉलेज
निर्दलीय : महंत कॉलेज, डागा कॉलेज, गुरूकुल कॉलेज, दिशा कॉलेज, शांति निकेतन कालेज

* महासमुंद के रामचंडी कॉलेज में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर एनएसयूआई के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।

* जांजगीर में सेठ सूरजमल जयपुरिया कॉलेज बमनीडीह में 16 मतों से एनएसयूआई के अजय पटेल की जीत हुई।

* दुर्ग विवि : 15 एबीवीपी, 13 एनएसयूआई दुर्ग विवि के 32 में से 23 कॉलेजों में प्रत्यक्ष चुनाव हुए और 9 में निर्विरोध प्रत्याशी चुने गए। 32 में से 15 में एबीवीपी, 13 में एनएसयूआई ने कब्जा जमाया है।

* सीएसवीटीयू : एनएसयूआई 15, एबीवीपी 08

* छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि के 27 कॉलेजों में से 22 में प्रत्यक्ष व 5 में निर्विरोध चुनाव हुआ। एबीवीपी ने 8 कॉलेजों में व एएनएसयूआई ने 15 कॉलेजों में कब्जा जमाया है।

* आयुष यूनिवर्सिटी : रायपुर से संबंधित 15 कॉलेजों में चुनाव हुए। इसमें जीतने वाले प्रत्याशियों के समर्थन को लेकर एबीवीपी व एनएसयूआई में मतभेद की स्थिति है।

* रायपुर के आईटीएम, मैट्स और कलिंगा विवि के यूटीडी में एनएसयूआई के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और सहसचिव चुने गए हैं।

* कृषि विश्वविद्यालय : कृषि विवि के 10 कॉलेजों में से 8 में चुनाव हुए। कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग से संबंधित एक कॉलेज में चुनाव हुआ। इनमें निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

* बस्तर विश्वविद्यालय के 29 कॉलेजों में से एनएसयूआई को 10, एबीवीपी को 9 व हॉस्टल पैनल को 8 कॉलेजों में जीत मिली है। पीजी कॉलेज जगदलपुर, कांकेर, कोंडागांव, केशकाल, दंतेवाड़ा, किरंदुल व भानुप्रतापपुर में हॉस्टल पैनल के प्रत्याशी चुनाव जीते हैं।

- संभाग के सबसे बड़े काकतीय महाविद्यालय में हॉस्टल पैनल को सचिव व सहसचिव के पद मिले, जबकि यहां स्टूडेंट पैनल के नाम से बने नए पैनल ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी हासिल की।

- एनएसयूआई ने सूर्या कॉलेज, दंतेश्वरी कॉलेज, बकावंड कॉलेज, यूटीडी फरसगांव, कन्या महाविद्यालय कांकेर, चारामा, दुर्गकोंदल, नरहरपुर व भैरमगढ़ में विजय हासिल की।

- एबीवीपी ने भानपुरी, तोकापाल, क्राइस्ट कॉलेज जगदलपुर, सरोना, पखांजूर, कोंटा, बीजापुर व भोपालपटनम में जीत दर्ज की है। सुकमा जिला मुख्यालय स्थित कॉलेज में एआईएसएफ ने चारों पदों पर क्लीन स्विप किया है।