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कासगंज - भरगैन में सुकून के साथ अता की गयी ईद उल फितर की नमाज

 
कासगंज 07 जुलाई 2016 (आकिब खान). रमजान करीम का महिना पूरा होने के बाद आज ईद उल फितर की नमाज जिले की सभी ईदगाहों में सुकून के साथ पढ़ी गयी और मुल्क में अमन चैन की दुआ की गयी। ईद की नमाज के बाद सभी मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे के गले मिल कर मुबारक बाद दी। शहर में जगह जगह बच्चों के झूले और दुकानें लगी हुई हैं। गली मोहल्ले सजे हुये हैं। हर समाज की कमेटियां ईद मुबारक शीर खिलाकर एक दुसरे को मुबारक बाद देते रहे।
 
पुलिस प्रशासन भी हर जगह जगह मौजूद रहा। नगर पंचायत द्वारा सफाई और चूना डाला गया। जैसा कि आप सभी को मालूम है आज ईद उल फितर है एक ऐसा त्यौहार है जो  टूटे हुए रिश्ते को गले से गले मिलाकर जोड़ता है। इस रमजान महीने के मौके पर रोजेदार सहरी करते हैं, फिर पूरे दिन बिना कुछ खाए पीये 3 वक्त नमाज पढ़ते हैं। कुराने पाक की तिलावत करते हैं और फिर सूरज ढलने के बाद मगरिब के वक्त रोजा इफ्तार करते हैं। रोजा इफ्तार के बाद इंशा की नमाज व तराबीह पढ़ते हैं और अपने अपने यहां इफ्तार कराते हैं । और इस तरह 5  वक्त नमाज मुकम्मल होती है यह सिलसिला रमजान मुबारक महीने के पूरे महीने चलता है। 
 
रमजान मुबारक के पूरे महीने इबादत करने के बाद ईद के चांद का दीदार होता है दूसरे दिन सुबह ईदगाह में ईद की नमाज अदा की जाती है गौर करने की बात यह है कि कोई भी मुस्लिम गरीब या अमीर नहीं समझा जाता है। जो भी चाहे आगे की लाइन में खड़ा हो कर नमाज पढ़े या पीछे की लाइन में जाकर नमाज़ पढ़े। ईद की नमाज के बाद अल्लाह से अमन और सुकून की दुआ की जाती है और गुनाहों की तौबा की जाती है। ईद के मौके पर सभी मुस्लिम एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं, घरों में अच्छे पकवान सिवइंयां एवं मिठाइयां बनाई जाती हैं। जिसको मुस्लिम आने वाले मेहमानों को खिलाते हैं और खुशी का पैगाम देते । इस्लाम अमन का पैगाम है.