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शाहजहांपुर - शहर में रोज लगने वाले जाम से जनता हुई बेहाल

शाहजहांपुर 28 जुलाई 2016. शहर वासियों के लिए इस समय जाम एक बड़ी समस्या बन गया है। शहर में जाम से बड़े, बूढ़े और बच्चे सभी बहुत परेशान हैं। शहर से बाहर निकलने के लिए लगभग 2 घण्टे का समय जाम में बिताना पड़ता है। जाम से स्कूली बच्चों को भी प्रतिदिन जूझना पड़ता है।

इस उमस भरी गर्मी में स्कूली बसें आदि घण्टों जाम में फंसी रहती हैं। जिससे छोटे छोटे बच्चे काफी परेशान हो जाते हैं। जितना समय स्कूल में पढ़ने के लिए लगता है। उतना ही समय ट्रैफिक जाम में फंसकर बिताना पड़ता है। प्रति दिन लगने वाले जाम का मुख्य कारण रोड किनारे लगने वाली दुकानें व नो एंट्री में घुसने वाले बड़े वाहन हैं। ट्रैफिक पुलिस चौराहों पर ड्यूटी करने की बजाय बरेली मोड़, हरदोई बाईपास चौराह, रौजा अड्डा आदि स्थानों पर बड़े वाहनों से सिर्फ वसूली करती नजर आती है। शहर में जाम लगने का मुख्य कारण बने दुकानदारों ने अपनी दुकानें रोड तक लगाकर रोड़ पर अतिक्रमण कर रखा है।इसके साथ ही चौराहों पर ड्यूटी कर रहे होमगार्ड सुविधा शुल्क लेकर बड़े वाहनों को शहर के अंदर जाने का पास दे देते हैं। जिससे जाम की समस्या और विकराल हो जाती है। 

शहर में अधिकतर जाम आंटा चौराहा, कच्चा कटरा मोड़, केरुगंज, पक्का पुल, अंजान चौकी आदि चौराहों पर रहता है। अपने गन्तव्य को जाने वाले व स्कूल के बच्चों को इस जाम से गुजरना पड़ता है। इस जाम से लोग अपने कार्यालयों में समय से नही पहुँच पाते हैं। इस समस्या पर जनपद के जनप्रतिनिधि भी कोई ध्यान नही दे रहे है। और ट्रैफिक पुलिस सुबह जाम खुलवाने की बजाय हाइवे पर बड़े व ओवरलोड वाहनों से वसूली करती नजर आती है। यह दृश्य सुबह 6 बजे से 9 बजे तक हाइवे पर आम देखा जा सकता है जब ट्रैफिक पुलिस अपने कारनामे में व्‍यस्‍त रहती है। इसके साथ ही जाम की समस्या के लिए स्‍थानीस टीएसआई ने अभी तक कोई प्लान भी तैयार नहीं किया है। ट्रैफिक पुलिस वाले सिर्फ टैम्पू चालकों का चालान काटकर करके अपने काम की इतिश्री कर लेते हैं। ट्रैफिक पुलिस को ओवरलोड वाहन व नो एंट्री में घुसने वाले बड़े वाहन नजर नहीं आते, उन पर कार्यवाही नहीं की जाती है। क्यों कि वो बड़े-बड़े व्यापारियों के वाहन होते हैं जो पुलिस को मोटा चढावा चढाते हैं।