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छत्तीसगढ़ - कारखाना अधिनियम की अनदेखी, छ: उद्योगों पर ठोका दो लाख का जुर्माना

छत्तीसगढ़ 18 जुलाई 2016 (रवि अग्रवाल). रायगढ़ कल कारखानों के लिए प्रदेश में जाना जाता है, परंतु सरकारी लापरवाही के चलते जल, थल और वायु में प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है। जिसने समूचे रायगढ़ के पर्यावरण को अधिक प्रभावित किया है और जनजीवन पर भी इसका दुष्प्रभाव सामने आना शुरू हो चुका है। यहां के बेलगाम कल कारखानों पर गाहे बगाहे सरकारी अधिकारी दिखावे के लिये कार्यवाही कर देते हैं।


जानकारी के अनुसार बीते दिनों कारखाना अधिनियम की अनदेखी करने वाले जिले के आधा दर्जन उद्योगों के खिलाफ श्रम न्यायालय ने करीब 2 लाख रूपये जुर्माना का फैसला सुनाया है। इसमें ज्यादातर राईस मिल व क्रेशर शामिल हैं। रायगढ़ जिले में संचालित छोट-बड़े उद्योगों पर सुरक्षा संबंधी लापरवाही व नियमों की अनदेखी मामलों में विभाग की ओर से जांच की जाती है। इस दौरान खामियां पाए जाने पर सुधार व कार्रवाई के लिए श्रम न्यायालय में पेश निरीक्षण में औद्योगिक स्वास्थ्य व सुरक्षा विभाग द्वारा सुरक्षा संबंधी खामियां पाई गई थी।

इसमें में गोल्डन रिफेक्ट्रीज प्रा.लि.सरईपाली, नाईन इंडस्ट्रीज देलारी गेरवानी, संजय सा मिल रायगढ़, मे. शर्मा राईस मिल लोधिया बरमकेल तथा मे. सुनील कुमार अग्रवाल क्रेशर उद्योग मांझीआमा, लैलूंगा शामिल है। इन विभिन्न उद्योगों के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार कर विभाग की ओर से श्रम न्यायालय में पेश किया गया था। इस पर कोर्ट ने इन सभी औद्योगिक संस्थानों पर 1 लाख 95 हजार रूपये अर्थदण्ड पटाये जाने का फैसला सुनाया है।

:- उद्योगों द्वारा नियमों की अनदेखी तथा सुरक्षा मामले में लापरवाही बरते जाने पर कार्रवाई की जाती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर श्रम न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाता है। - एम. श्रीवास्तव, उप संचालक औद्योगिक स्वा. व सुरक्षा, रायगढ़