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अमित जोगी ने नेता प्रतिपक्ष के बहाने कांग्रेसियों पर साधा निशाना

छत्तीसगढ़ 27 जून 2016 (अरमान हेथगेन). अजीत जोगी की नई पार्टी गठन के पश्चात विधायक अमित जोगी ने कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष टी.एस सिंहदेव पर निशाना साधा है। अगर राजनीतिक नज़रिए से देखा जाए तो जूनियर जोगी ने कांग्रेसियों के विरोध अभियान से अपनी नवगठित पार्टी के कार्यों का आगाज़ कर दिया है। अमित जोगी ने सरगुजा जिले के कोल ब्लॉक से कोयला ढोने वाली ट्रकों से बढ्ती दुर्घटनाओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष के द्वारा अंबिकापुर में किए गए चक्का जाम को दिखावा करना बताया है।

अमित जोगी ने कहा की कहा कि यह बिल्कुल वैसा है जैसा घाव देने वाला मरहम लगाने की बात कर रहा हो। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष व उनके करीबियों द्वारा ट्रांसपोर्ट चलाने का हवाला देते हुए कहा कि इनके स्वंय की कई ट्रकें अधिक रफ्तार से दौड़ रही जिसके कारणवश सैकड़ों ग्रामीणों की मौत हो चुकी है और आज यही ट्रांसपोर्टर्स, ट्रकें द्वारा ग्रामीणों की मौतों पर दुख प्रकट करने और चक्का जाम करने का 'दिखावा' कर रहे है। सरगुजा जिले के परसा ईस्ट और केते बासन कोल ब्लॉक से कोयला ढोकर  लखनपुर, उदयपुर, अंबिकापुर के रास्ते कमलपुर जाने वाली ट्रकें बेलगाम गति से गांवों के बीच से जाती है। अब तक लगभग 350 से ज्यादा ग्रामीणों के कुचले जाने का मामला सामने आया है। इनमे से कई ट्रकें स्वयं नेता प्रतिपक्ष के समर्थकों और स्थानीय भाजपाई नेताओं की है। नेता प्रतिपक्ष के समर्थकों और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत की वजह से ग्रामीण पुलिस में रिपोर्ट तक लिखवाने की हिम्मत नहीं करते और किसी ने हिम्मत भी की तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती। पूरे सरगुजा क्षेत्र में अडानी और पैलेस का राज चलता है, पब्लिक का नहीं। ग्रामीण बेरहमी से ट्रकों से कुचल दिए जा रहे मगर दोनों ही राष्ट्रीय स्तरीय पार्टी के स्थानीय नेता भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

मरवाही विधायक अजीत जोगी ने नेता प्रतिपक्ष पर जड़े गंभीर आरोप -
- अडानी के साथ व्यापारिक सांठगांठ इसलिए पिछले चार सालों में न कोई बयान दिया और न ही विरोध किया।
- क्या नेता प्रतिपक्ष 350 से ज्यादा लोगों के मरने का इंतज़ार कर रहे थे जो आज चक्का जाम कर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
- सड़क दुर्घटनाओं की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रशासन और पैलेस की मिलीभगत की भी जांच हो।
- आगामी विधानसभा सत्र में सरकार से श्वेत पत्र की मांग करेंगे।
- स्वयं नेता प्रतिपक्ष की उनके ख़ास समर्थकों के नामों से अलग-अलग ट्रांसपोर्ट कंपनिया हैं जिनकी अडानी समूह के साथ व्यापारिक सांठगांठ है।

▪अमित जोगी ने कहा कि मृतकों को 10 लाख का मुआवज़ा देने की मांग पर चक्का जाम कर नेता प्रतिपक्ष यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वो ग्रामीणों के साथ हैं। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। अगर नेता प्रतिपक्ष को मारे गए लोगों की इतनी ही चिंता है तो अपनी अरबों की संपत्ति से कुछ पैसे क्यों नहीं दे देते। अमित जोगी ने नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि क्या वो 350 से ज्यादा लोगों के मरने का इंतज़ार कर रहे थे जो आज चक्का जाम कर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। अमित जोगी ने इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार और अडानी के बीच हुए करार में साफ़ उल्लेखित है कि गांवों के बीच से जाने वाली सड़क को केवल तीन वर्ष तक लिए उपयोग किया जाना चाहिए। इस दौरान अडानी को बाईपास बनाना होगा जिससे ट्रकें गांवों में न आये।गांव के बाहर से सड़क बनाने अडानी को पांच वर्ष हो गए, दिए तीन वर्ष बीते हुए भी दो वर्ष हो चुके हैं किन्तु अब तक अडानी ने सड़क नहीं बनाई है। प्रशासन और पैलेस का अंधा समर्थन अडानी को मिल रहा है इसलिए कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

▪अमित जोगी ने कहा कि पूरे क्षेत्र में घटित सड़क दुर्घटनाओं की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। सरकार को रफ़्तार नियंत्रित करने सभी ट्रॉलों में डिवाइस लगाकर चेक पॉइंट्स बनाना चाहिए। नियम तोड़ने पर परमिट निरस्त किये जाने चाहिए। जोगी ने कहा कि प्रशासन की सख्ती हो तो लोगों की जान बच सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अमित जोगी ने प्रशासन और पैलेस की मिलीभगत की भी जांच करने की मांग करते हुए कहा कि दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों संख्या 300 होना एक अत्यंत गम्भीर विषय है इसलिए आगामी विधानसभा सत्र में सरकार से श्वेत पत्र की मांग करेंगे।

* नेता प्रतिपक्ष का चक्का जाम करना केवल दिखावा है क्योंकि स्वयं उनकी ट्रांसपोर्ट कंपनी के ट्रकों ने सैंकड़ों लोगों को कुचल डाला है। राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही। आम नागरिकों के जान माल की सुरक्षा करना सरकार की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी होती है। - अमित जोगी, विधायक मरवाही