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अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन के साथ रायल्टी में भी डाका डाल रहे हैं खनन माफिया

छत्तीसगढ़ 10 मई 2016 (अरमान हेथगेन). बलरामपुर जिले के विकासखंड वाड्रफनगर में इन दिनों नदियों से बालू का अवैध उत्खनन जोरों पर है। इस अवैध उत्खनन में सरपंच व सचिव की मिलीभगत की जानकारी मिली है। इन दिनों तेज गर्मी के कारण लोग कम ही बाहर निकलते है। इसका पूरा लाभ अवैध खनन माफिया उठा रहे हैं और रात्रि के बजाए दोपहर में ही अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

दोपहर में 1 बजे से 3:30 तक प्रतिदिन बालू का अवैध उत्खनन किया जाने लगा है। नियमानुसार भी जिन स्थानों पर बालू का उत्खनन किया जा रहा है उसमें रायल्टी चोरी का माइंडगेम ग्राम पंचायतों द्वारा खेला जा रहा है। बड़ी ट्रकों से 9 टन की रायल्टी वसूल कर 40 टन बालू अवैध तरीके से भेजने का मामला पकड़ाया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत मेंडारी में सरपंच एवं सचिव की मिलीभगत से इन दिनों ग्राम के बगल से बहने वाली इरिया नदी में जेसीबी मशीन लगा अवैध रूप से बड़ी-बड़ी हाइवा ट्रकों में मशीनों से 40 टन बालूओं को भर कर उत्तर प्रदेश के रेनुकूट भेजा जा रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा बालूओं को भेजने के लिए खनिज विभाग से मिले पीट-पास में 9 से 12 टन का पैसा लेकर जारी किया जा रहा है। शेष ऊपरी रकम को पंचायत प्रतिनिधि एवं खनिज विभाग की सांठगांठ से गायब कर दिया जा रहा है, जिससे प्रति ट्रकों में एक हजार से लेकर 15 सौ रुपए के रायल्टी चोरी का खेल हो रहा है। 

इस नदी से प्रतिदिन 7-8 हाइवा बड़े ट्रक लोड कर अन्य प्रदेशों में दलालों के माध्यम से रेती/बालू बेची जा रही है। खनिज विभाग से मिले लीज के अनुसार ग्राम पंचायत स्थानीय मजदूरों से निर्धारित मात्रा में बालू की लोडिंग कार्य करा सकती है, जिसकी लीज ग्राम पंचायतों को दिया जाता है किंतु खनिज विभाग द्वारा कोई भी जांच एवं निगरानी नहीं की जा रही है। धनवार बेरियर पर स्थित खनिज जांच चौकी में महज कुछ रुपए लेकर इन ट्रकों को खुलेआम जाने की इजाजत दे दी जाती है किंतु कुछ स्थानीय लोगों की सूचना पर बसंतपुर थाने में बालू से लदी हाइवा ट्रक क्रमांक एमपी 66 एच 0817 को ओव्हरलोड बालू परिवहन हाइवा को जब्त कर लिया गया है। जिसका जुर्माने का प्रकरण बना न्यायालय वाड्रफनगर में पेश किया गया। ग्राम के मजदूर हरी ने बताया कि ग्राम पंचायत में ट्रकों को लोड करने में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जाता है। 

किसी मजदूरों को इसमें कोई काम नहीं मिलता। सारा काम मशीनीकरण से होता है। जिससे ग्राम पंचायत के लोगों को कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा है। वहीं ग्राम के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा इरिया नदी तक जाने वाले डब्ल्यूबीएम सड़क की हालत भी अत्यंत जर्जर हो चुकी है क्योंकि इन पंचायत सड़कों पर 9 से 12 टन वाहन क्षमता आवागमन हो सकता है किंतु बालू के इस गोरखधंधे के चलते इस सड़कमार्ग पर 40 टन लोड कर बड़ी हाईवा दौड़ाई जा रही हैं। इससे पूरी सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है। 

* इस संबंध में जनपद के उपयंत्री एन.पी. उहारिया ने बताया कि पंचायत सड़कों में अधिकतम नौ से बारह टन की वाहन ही गुजर सकती है। इससे ज्यादा की वाहन आपत्ति योग्य है। 

* इस संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच भोला राम का कहना है कि जो ट्रकें फंस जाती है, उन्हें निकालने के लिए मशीन का उपयोग होता है। यह पूछे जाने पर कि कितने ग्रामीणों को बालू में रोजगार मिला है तो इस पर सरपंच-सचिव ने चुप्पी साध ली।