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देश की सुरक्षा पर हो रहा प्रहार, पाकिस्तानी नागरिकों के बना दिये 'आधार'

छत्तीसगढ़ 20 अप्रैल 2016 (छत्तीसगढ़ ब्यूरो). एक पाकिस्तानी के बतौर नागरिक यहां रहने का मामला उजागर होने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं। दुर्ग और भिलाई में 105 पाकिस्तानी रह रहे हैं। बिना वैध नागरिकता के इन्होंने अचल संपत्ति भी बना ली है। इनके पास फर्जी तरीके से बनवाए गए राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक हैं। मामले की जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले में 161 विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। विदेशी नागरिकों में से 135 पाकिस्तानी नागरिक है और 21 अन्य देशों के नागरिक भी शामिल हैं। वर्षों से यहां रहते हुए इन्होंने अपना व्यापार-व्यवसाय भी फैला लिया है। देश की सुरक्षा के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। । खास बात यह कि कई विदेशी नागरिकों का वीजा भी समाप्त हो चुका है उसके बाद भी वो दुर्ग जिले में निवास कर रहे हैं। सभी विदेशी विसिटर वीजा और एक्स वीजा पर सालों पहले दुर्ग आये थे।
जिम्मेदार पुलिस के अधिकारी देश की सुरक्षा से जुड़े गम्भीर मामले से अंजान बने बैठे हैं। वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए दस्तावेजों में विदेशियों ने भारतीय आधार कार्ड की प्रतियां लगाई हैं। देश की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती गई है। और खुफिया तंत्र अनजान है। पाकिस्तानियों के राशनकार्ड बनवाने का खुलासा पहले ही चुका है। विदेशी नागरिकों को यहां राशनकार्ड बनवाने की अनुमति नहीं होती। इसके चलते 7 पाकिस्तानी नागरिकों के राशनकार्ड रद्द किए गए हैं। इसके बाद भी कोई जांच नहीं हुई कि और कितने लोगों ने अवैध तरीके से राशनकार्ड या आधार कार्ड बनवाए हैं।
    
सवालिया निशान -
दुर्ग जिले में विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए है। नगर निगम के आधार शिविर के दौरान कई विदेशियों के आधार कार्ड बना दिए गए है। सब से ज्यादा इनमें पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं जिनकी संख्या 135 है, बाकी 21 अन्य देश के नागरिक अफगान, चीन, रशियन, कनाडा, यूएसए, बांग्लादेश और श्रीलंका के हैं। दस्तावेजों के मुताबिक अधिकांश विदेशी नागरिक विसिटर वीजा और एक्स वीजा पर भारत आये हैं और दुर्ग में बस गए है। कई नागरिकों ने भारत आने का कारण व्यवसाय करना दर्शाया है तो कई ने कमर्शियल दुकान में काम करना बताया है। ख़ास बात यह की अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकों का पता एक ही कालोनी में रहना दर्शाया गया है।
   
नामी बिजनेसमैन -
यहां आकर बसने वाले विदेशियों में आधा दर्जन तो नामी बिजनेस मैन हो गए हैं। इन करोड़पतियों ने शहर और समाज में अपना रसूख कायम कर लिया है। वहीं 38 महिलाएं तो यहां घर बसाकर रहने लगी हैं। इसके अलावा दुकानदार, इंजीनियर और छात्र भी हैं। अधिकांश यहां प्राइवेट जॉब कर रहे हैं।
 
आरटीआई कार्यकर्ता ने खोली पोल -
आरटीआई कार्यकर्ता ज्वाला अग्रवालजी बताया कि दुर्ग जिले में लगभग 500 पाकिस्तानी नागरिक अवैध तरीके से रह रहे है, जिनके डाटा भी मौजूद है। ज्वाला के मुताबिक 161 विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए है जिनमे अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक है। आगे उन्होंने बताया कि जिस पार्टी के लोग देशभक्ति और राष्ट्रवाद की दलीलें देते है और भारत माता की जय कहने पर देशभक्ति का सार्टिफिकेट देते हैं, उसी पार्टी के बड़े व नामी जनप्रतिनिधी अपने निजी स्वार्थ के चलते ऐसे लोगों की मदद कर, आधार कार्ड बनवाने में योगदान दिए है, जो विदेशी ख़ासतौर पर पाकिस्तानी नागरिक है।
     
ऐसे समझें पूरा खेल-
विदेशी नागरिक घूमने और रिश्तेदारों से मिलने के नाम पर यहां आते हैं। इनमें विशेष समुदाय के लोगों की संख्या अधिक है। अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकता वाले हैं। निर्धारित वीजा की अवधि के बाद वे वापस नहीं लौटते। पुलिस वेरीफिकेशन से बचने के लिए जगह बदल देते हैं। इस बीच ऐसे लोग पहले मतदाता परिचय पत्र, फिर राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र इसके बाद पैन कार्ड बनाने के साथ संपत्‍ती तक खरीद रहे हैं।
   
पक्ष विपक्ष दोनों मौन -
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अरुण जेठली, रमन सिंह, समेत कलेक्टर आर संगीता और एसपी मयंक श्रीवास्तव से भी शिकायत की है, और इसकी जानकारी विपक्ष को भी दी गई है मगर अभी तक इस गंभीर मामले पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। इससे ये तो समझ आ ही रहा है कि सत्तासीन पार्टी की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है और देशभक्ति, राष्ट्रवाद और राष्ट्र की सुरक्षा की बड़ी बड़ी बातें सभी कोरी बकवास है। इनको सिर्फ सत्ता चाहिए थी सो सत्ता मिल गई इसीलिए अब देशभक्ति व राष्ट्रवाद के मुद्दों, विकास, विस्तार और अच्छे दिनों को चुनावी जुमला बोलकर पलटी मार दिए हैं।
  
पहले भी सामने आ चुका है मामला -
साल भर पहले भी कई पाकिस्तानी नागरिकों के दुर्ग नगर निगम से राशन कार्ड भी बनाए जाने का मामला सामने आया था जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था लेकिन कार्यवाही किसी अधिकारी कर्मचारी पर नहीं हुई और ना ही किसी तरह की जांच की गई जिसका नतीजा आज भारी संख्या में आधार कार्ड के रूप उभरा है। पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि दुर्ग निगम से सात लोगों को राशनकार्ड भी जारी हो गए। उन्हें भारत की नागरिकता तक नहीं। इनमें पदूराम पंजाबी, हरिलाल, टीकमदास बजाज, लाज बाई, कन्हैयालाल, कवर भट्ट, बुधोमल शामिल हैं। राशनकार्ड कैसे बने, इसकी जांच जारी है।
  
हाल ही में दुर्ग नगर निगम के सदन की कार्यवाही के दौरान भी पाकिस्तानी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए जाने और बिना भारतीय नागरिकता के सम्पति खरीदने का मामला भी गरमाया था। इस पूरे मामले को लेकर वर्ष 2012 से शिकायत हो रही है, लेकिन प्रशासन के तरफ से कभी भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। पार्षद आशीष ने जब इस मामले को सामान्य सभा की बैठक में उठाया, तो इसके बाद हड़कंप मचा। उनका आरोप था कि पाकिस्तानी नागरिकों को सोची-समझी साजिश के तहत यहां लाकर बसाया जा रहा है। खेल वर्ष 2004 से शुरू हुआ। ऐसे लोग संपत्ति खरीद रहे हैं। उन्होंने इंदिरा मार्केट में निगम की डी 78 नंबर तक ऐसे व्यक्तियों को अलार्ट करने का खुलासा किया। इसके लिए जो कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
  
सुरक्षा में सेंध -
कई सालों से ये सभी भारत के दुर्ग जिले में रह रहे है और अपना विस्टर वीजा अक्सर रिन्यूवल कराते रहे वजह किसी ने जानने की कोशिश नहीं की। पहले राशन कार्ड फिर बिना नागरिकता के सम्पति खरीदना और अब आधार कार्ड भी बन गए पाकिस्तानी नागरिकों के। भारतीय नागरिक को एक पहचान पत्र बनवाने के लिए कई मशक्क्त करनी पड़ती है कई दस्तावेज मांगे जाते है तो वही दूसरे मुल्क के लोगों का बड़े आसानी से भारतीय पहचान पत्र तक भी बना दिए जाते है।
 
पुलिस और खुफिया विभाग अनजान -
चंद पैसो के खेल में कई लोग देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे है और हमारा पुलिस और खुफिया विभाग इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। बिना भारतीय नागरिकता के पाकिस्तानियों के आधार कार्ड बन जाते है राशन कार्ड भी बना दिए जाते है सम्पति भी खरीद ली जाते है वीजा की अवधि भी खत्म हो जाती है।
लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस और राज्य की खुफिया विभाग को कानों कान खबर तक नहीं लगती। ऐसा तो मजबूत तंत्र है पुलिस और राज्य खुफिया विभाग।
  
विस्टर वीज़ा भी संदेह के दायरे में -
सवाल देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। सवाल कई खड़े होते है कि विदेशी नागरिक खासकर पाकिस्तानियों को मिलने वाला विस्टर वीजा भी संदेह पैदा कर रहा है। अब देखना होगा इस खुलासे के बाद पुलिस और खुफिया विभाग कैसी कार्यवाही करता है, कार्यवाही करता भी है कि फिर से लीपापोती कर दी जाती है। दुर्ग में कितने विदेशी नागरिक है कितनी की वीजा अवधि ख़त्म हो चुकी है इसकी भी जानकारी डीएसपी क्राइम को नहीं है। इस गम्भीर मामले को जानने की कोशिश की।

मुझे किसी भी विदेशी नागरिक के आधार कार्ड बनाए जाने के संबंध में जानकारी नहीं है। किसी विदेशी नागरिक का आधार कार्ड बन ही नहीं सकता। - कविलास टंडन, उप पुलिस अधीक्षक क्राइम, दुर्ग
वीजा जिनके नाम से जारी हुए, उन्होंने उसके बढ़ाए जाने के लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। उसमें आधार कार्ड लगाए गए हैं। ऐसे लोगों के कार्ड कैसे बन गए, यह जांच का विषय है। यह यहां पर कैसे अवैध रूप से रह रहे हैं ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा। - एनपी उपाध्याय, सीएसपी दुर्ग
शिकायत मिली है। अब तक जो कुछ भी प्रशासनिक स्तर पर हुआ है, इसकी पूरी जानकारी मेरे पास नहीं है। मामला गंभीर है। बिना नागरिकता राशन कार्ड कैसे बने इसकी जांच कराई जाएगी। - ठाकुर राम सिंह, संभाग आयुक्त दुर्ग संभाग
निगम स्तर पर इस पूरे मामले की जांच जारी है। पुलिस के पत्र के आधार पर हमने ऐसे लोगों के दस्तावेजी परीक्षण के लिए हैदराबाद लेटर भेजा है। वहां से जानकारी आने के बाद ही पता चल सकेगा कि कौन-कौन से दस्तावेज लगाए गए। इसकी जांच की जाएगी। - एस.के. सुंदरानी, आयुक्त नगर निगम दुर्ग