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आरटीआई से हुआ खुलासा, भ्रष्‍टाचार में लिप्त है रोजा मंडी समिति का स्टाफ

शाहजहांपुर 20 फरवरी 2016 (ब्‍यूरो रिर्पोट). जहां एक ओर वर्तमान प्रधानमंत्री देश को भ्रष्‍टाचार मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके लिये सरकारी व निजी क्षेत्र में पारदर्शिता व प्रत्येक कार्य में आनलाइन प्रकिया पर जोर दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शाहजहांपुर की मंडी का स्टाफ अपने कारनामों से प्रधानमंत्री जी के इस प्रयास को असफल करने में जुटा हुआ है। इस बात का खुलासा शाहजहांपुर में रहने वाले दो जागरूक व्यक्तियों राजीव सक्सेना व आदर्श मिश्रा द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर हुआ।

 शाहजहांपुर निवासी राजीव सक्सेना (सपा जिला सचिव और प्रतिनिधि एमएलसी बरेली) ने शाहजहांपुर की मंडी स्टॅाफ की नियुक्ति व कार्यप्रणाली से सम्बन्घित जानकारी आरटीआई के तहत मांगी थी। जिसमें यह खुलासा हुआ कि मंडी के पूर्व सचिव पार्थ सारथी के स्थान पर नियुक्त संजय कुमार ने अपने तीन करीबियों को लाभदायक स्थानों पर न केवल नियुक्त किया बल्कि पांच से छः वर्षो से कार्य कर रहे कर्मचारियों से भी सांठ गांठ कर उपरी आय अर्जित करते हैं। राजीव सक्सेना ने मंडी के स्टॅाफ की कार्यप्रणाली पर आरोप लगाते हुये कहा कि बाहर की मंडी से आने वाले वाहनों से सौ रू का टोकन लिया जाता है। किसानों के माल की नीलामी न कर उन्हें एडवान्स चेक सौंप दिया जाता है। जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्राप्त नहीं होता है। राजीव सक्सेना ने मंडी गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगवाने का निवेदन किया, जिससे मंडी गेट पर अवैध रूप से हो रही माल आवाजाही व भ्रष्‍टाचार पर नियंत्रण किया जा सके। 

राजीव सक्सेना जी का आरोप है कि शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और शिकायतकर्ता से प्रमाण पत्र की मांग की जाती है जबकि राजीव जी ने शिकायत प्रमाणित लेटरपैड पर लिखित रूप में दी है। शाहजहांपुर निवासी आदर्श मिश्र पु़त्र श्री अशोक कुमार मिश्र ने अपने आरटीआई आवेदन में मंडी समिति रोजा शाहजहांपुर की सचिव रेनू वर्मा की कार्यप्रणाली व मंडी के स्टॅाफ से सम्बन्घित जानकारी मांगी। आदर्श मिश्रा ने अपने आवेदन में रेनू वर्मा पर लाखों रू का घोटाला करने व मामला रफा दफा करने का आरोप लगाया। मंडी में आने वाला समान पहले सीधे मिलों में पंहुचाया जाता है फिर छापा डलवाकर प्रति ट्राली तीन सौ रू तथा प्रति ट्रक पांच सौ रू वसूल किये जाते है। मंडी गेट पर अवैध वसूली की जाती है तथा शुल्क टारगेट भी पूरा नहीं हो पाता है जबकि अन्य मंडियां शुल्क टारगेट पूरा कर लेती है। आदर्श मिश्रा ने रेनू वर्मा की गोपनीय जांच व मोबाइल नम्बर सर्विलांस में लगाने की मांग की । आदर्श मिश्रा का आरोप है कि आरटीआई के पहले आवेदन में गलत व अपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी। टैक्स के उपयोग से सम्बन्धित व स्टाफ के कर्मचारियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान नहीं की गयी। कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विवरण में कोई भी कर्मचारी अवैतनिक व सेवानिवृत्त नहीं है। जबकि मंडी कार्यालय में सेवानिवृत्त हेमपाल सिंह लेखपाल के रूप में कार्य कर रहे हैं। हस्तलिखित सूचना न देकर फोटोकापी के लिये पांच सौ रू की मांग की गयी जबकि हस्तलिखित सूचना मांगी गयी थी।